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नया बवाल : अब यूसीसी को कराएं पैन से लिंक, जानें पूरा मामला

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नई दिल्ली। शेयर बाजार में बढ़ती फ्रॉड की घटनाओं को देखते हुए मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने कड़ा फैसला किया है। सेबी ने कहा है कि अब देश में जितने भी निवेशक हैं उनके यूनिक क्लाइंट कोड यानी यूसीसी को पैन से लिंक कराना होगा। अगर यह नहीं हो पाता है तो सभी के यूनिक क्लाइंट कोड यानी यूसीसी को कम से कम डीमैट से जरूर लिंक कराना होगा। सेबी का मानना है कि इससे शेयर बाजार में निवेशकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। कोई भी व्यक्ति जब शेयर ब्रोकर के यहां अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलता है तो उसको एक यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) एलाट किया जाता है।

डिपॉजिटर्स को जारी की गाइडलाइन

सेबी ने देश के स्टॉक एक्सचेंज ओर सभी डिपॉजिटर्स से एक नई व्यवस्था तैयार करने को कहा है। सेबी ने कहा है यूनिक क्लांट कोड को डीमैट से जोड़ने के डिपॉजिटर्स ऑनलाइन व्यवस्था तैयार करें।

सेबी ने जारी किया सर्कुलर

सेबी ने जारी किया सर्कुलर

मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने इससे संबंधित सर्कुलर जारी कर दिया है। इस सर्कुलर के अनुसार 31 दिसंबर 2019 तक स्टॉक एक्सचेंजेज और डिपोजिटर्स को यूसीसी की मैपिंग क्लाइंट्स के डीमैट अकाउंट के साथ करनी होगी। यह निर्देश सेबी के अर्ली वार्निंग मैकेनिज्म का हिस्सा है। ऐसा होने से देश में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की सुरक्षा बढ़ेगी। इसके बाद शेयर ब्रोकर्स को गैर कानूनी तरीके से निवेशकों के स्टॉक को नॉन-क्लाइंट अकाउंट में डायवर्ट नहीं कर पाएंगे।

और क्या कहा है सेबी ने

और क्या कहा है सेबी ने

अभी देश में कई सारे शेयर ब्रोकर्स हैं। कुछ लोग कई शेयर ब्रोकर्स के यहां अपने ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सेबी ने कहा है कि क्लाइंट या निवेशक को ट्रेडिंग मेंबर (टीएम) से मिले हुए यूसीसी को क्लाइंट के डीमैट अकाउंट से मैप करना होगा। वहीं अगर क्लाइंट एक से ज्यादा टीएम के साथ ट्रेड कर सकता है, लेकिन यूसीसी की एक या एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट से मैपिंग जरूरी है। सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजेज और डिपोजिटर्स को यह भी निर्देश दिया कि इन-एक्टिव, नॉन-ऑपरेशनल यूसीसी का गलत इस्तेमाल नहीं हो। इसके लिये एक तंत्र भी विकसित करने को कहा है। 

30 नवंबर तक का दिया शेयर ब्रोकर्स को समय

30 नवंबर तक का दिया शेयर ब्रोकर्स को समय

सेबी ने देश के शेयर ब्रोकर्स को पहली बार यह डाटा डिपोजिटर्स को देने के लिए कट ऑफ डेट 30 नवंबर 2019 तय की है। यानी 30 नवंबर को देश के सभी ब्रोकर्स अपने यहां अकाउंट रखने वाले निवेशकों के विवरण डिपोजिटर्स को उपलब्ध करा दें। यह विवरण एक बार में देना होगा। इसके बाद देश के शेयर ब्रोकर्स को यह विवरण रोज के आधार पर डिपोजिटर्स को देना होगा। जानकारों की राय है कि ऐसा होने से निवेशकों की सुरक्षा में काफी बढ़ोत्तरी होगी। इस व्यवस्था से उन ब्रोकर्स की गड़बड़ी आसानी से पकड़ में आ जाएगी, जो अपने निवेशकों के शेयर से हेरफेर करते हैं।

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English summary

SEBI mandates linking unique client code with PAN and Demat to enhance investor safety

SEBI has fixed the last date for adding unique client code to PAN and Demat till 31 December 2019. Brokers will have to provide the details of the unique client code (UCC) to the depositors by 30 November 2019.
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