SBI ग्राहक ऐसे खुलवा सकते हैं RD अकाउंट, आसान है तरीका
देशभर में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है।
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना का कहर जारी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। तो अगर आप भी कोरोना संकट के इस दौर में अपनी सेविंग्स को लेकर परेशान हैं तो अब आप एसबीआई के रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) स्कीम में पैसा लगा सकते हैं। इंवेस्टमेंट करने का यह एक बेहतर और सेफ ऑप्शन है। आरडी में आपको फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह एक बार इकट्ठा पैसा जमा करने की भी जरूरत नहीं होती है। आप इसमें मंथली पैसा जमा कर सकते हैं। जानकारी दें कि आप घर बैठे ही ऑनलाइ आरडी खुलवा सकते है। आरडी में रिस्क नहीं होता इसलिए छोटे-छोटे निवेश भी बड़े काम के होते हैं। कोरोना संकट : SBI लाया आकर्षक ऑफर, डॉक्टर से लें ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ये भी पढ़ें
एसबीआई के ग्राहक ऑनलाइन ऐसे खुलवा सकते हैं आरडी अकाउंट
हां ये बात सच है कि पहले के टाइम में आपको आरडी खुलवाने के लिए लाइन में लगकर और काफी सारा पेपर वर्क करना पड़ता था, लेकिन अब आप ऑनलाइन बेहद आसान तरीके से ई-आरडी अकाउंट खुलवा सकते हैं। अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक हैं, तो आप बेहद आसानी से ऑनलाइन आरडी (आरडी) अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके लिए ग्राहक का एसबीआई नेट बैंकिंग अकाउंट एक्टिव रहना चाहिए। तो चलिए जानते है कि ऑनलाइन माध्यम से कैसे ई-आरडी अकाउंट खुलवा सकते हैं।
ऐसे खुलवा सकते हैं ई-आरडी अकाउंट
- सबसे पहले एसबीआई नेटबैंकिंग अकाउंट में लॉग-इन करें।
- होम पेज पर बने मैन्यू से 'Fixed deposit' पर क्लिक करें और 'e-Rd(Rd)' का ऑप्शन चुनें।
- अब अगर आपके पास एक से अधिक अकाउंट्स हैं, तो उस अकाउंट को सलेक्ट करें, जिसमें से आप अपनी अमाउंट कटवाना चाहते हैं।
- इसके बाद उस राशि को भरें, जिसे आप हर महीने जमा करवाना चाहते हैं।
- अगर आप सीनियर सिटीजन हैं, तो संबंधित विकल्प को चुने, क्योंकि सीनियर सिटीजन को मिलने वाली ब्याज दर थोड़ी अधिक होती है।
- अब आप जमा राशि की समयसीमा सलेक्ट करें। इसमें न्यूनतम अवधि एक साल है।
- अब सभी शर्तों और नियमों को ठीक से पढ़ें। इसके बाद सबमिट कर दें।
- इस प्रोसेस को करने के बाद में आपको नॉमिनी की जानकारी देनी होगी। अब कन्फर्म पर क्लिक करें।
- अब एक नए पेज पर आरडी राशि की डिटेल दिखाई देगी, ग्राहक इसका प्रिंट निकाल लें।
- अगर आप 'Set SI' विकल्प का चयन करेंगे, तो आपके सेविंग्स अकाउंट की मंथली किस्ट ही आरडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी।
- अब आप अपने ई-आरडी अकाउंट की जानकारी को देखकर वेरिफाइ कर सकते हैं और कंफर्म कर सकते हैं।
न्यूनतम 100 रु का भी कर सकते निवेश
एसबीआई रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट खोलने के लिए ग्राहकों को onlinesbi.com पर जाना होगा और पर्सनल बैंकिंग सेक्शन के तहत अपने ऑनलाइन बैंकिंग खातें में लॉगिन करना होगा। सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक ऑनलाइन आरडी खुलवाई जा सकती है। आरडी के जरिए आपको 1 से 10 साल तक की अवधि के निवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है। बता दें कि आरडी में निवेश पर टैक्स बैनेफिट नहीं मिलता है और 40,000 रुपए से अधिक की ब्याज आय पर टीडीएस कटता है। इसके अलावा इसमें मासिक किश्त के लिए न्यूनतम राशि 100 रुपए है। किश्त की राशि और किश्तों की संख्या अकाउंट खोलने के बाद नहीं बदली जा सकती है। यहां आपको बता दें कि आवर्ती जमा यानी आरडी अकाउंट पर ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है।
जान लें आरडी और एफडी में फर्क
- रेकरिंग डिपॉजिट की अवधि लगभग 6 महीने से लेकर 10 महीने तक की होती हैं जबकि फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक होती हैं।
- एफडी और आरडी अकाउंट खोलने के लिए दोनों में डाक्यूमेंट्स के तौर पर पहचान पत्र तथा निवास प्रमाण देने की आवश्यकता होती हैं जैसे -पैन कार्ड, पासपोर्ट, तथा इनकम डॉक्यूमेंट आदि।
- ज्यादा एफडी करने से हिसाब रखना मुश्किल होता है और इंटरेस्ट रेट लॉक हो जाता है। इतना ही नहीं आरडी में टैक्स बैनेफिट नहीं मिलता है और 10,000 रुपये से ज्यादा आय पर टीडीएस कटता है। इसमें ब्याज दर लंबे वक्त तक एक समान रहती है।
- हालांकि आरडी ओपनिंग दो तरह से की जा सकती है। एक तरीका तो है कि खुद बैंक जाकर आरडी खोली जाए और दूसरे ऑनलाइन भी आरडी खोली जा सकती है।
- आरडी हमेशा सरकारी बैंक में ही करवानी चाहिए और अब आप मोबाइल एप से भी आरडी खुलवा सकते हैं।
- रेकरिंग डिपॉजिट निवेशक की सेविंग पर निर्भर करता है और हर महीने एक निश्चित रकम का निवेश इसमें कर सकते हैं।
- रेकरिंग डिपॉजिट से सेविंग मैनेजमेंट आसान होता है और बार बार फिक्स डिपॉजिट के झंझट से मुक्ति मिल जाती है। इसके जरिए रीइन्वेस्टमेंट के पचड़ों से भी मुक्ति मिल जाती है और निवेश और ब्याज का हिसाब-किताब आसान हो जाता है।
- रेकरिंग डिपॉजिट निवेशकों के लिए सही विकल्प है।
- आरडी में हर महीने एक निश्चित रकम जमा करने की सुविधा मिलती है और इस आय पर एक निश्चित ब्याज मिलता है।
- ये लंबे वक्त तक जारी रख सकते हैं और इसमें खाता खोलते वक्त अवधि तय हो जाती है। अवधि खत्म होने पर ब्याज समेत भुगतान मिल जाता है।