Post Office : नहीं घटाया छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज, जानिए कितना मिलता रहेगा मुनाफा
नयी दिल्ली। फिक्स्ड इनकम निवेशकों के लिए कुछ अच्छी खबर है। सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं या पोस्ट ऑफिस की योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। डाक विभाग की तरफ से जारी किए गए एक सर्कुलर में इस बात का ऐलान किया गया है। सर्कुलर के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर 7.10 प्रतिशत ब्याज मिलता रखेगा। वहीं सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) पर 7.40 फीसदी की कमाई होती रहेगी। पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दर 5.5-6.7 फीसदी बरकरार होगी। ये ब्याज दरें 1 जुलाई 2020 से 30 सितंबर 2020 तक की अवधि के लिए लागू होंगी। आइये जानते हैं वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के लिए बाकी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर।
किस योजना पर कितना ब्याज
- बचत जमा : 4 फीसदी
- 1 वर्षीय टाइम डिपॉजिट : 5.5 फीसदी
- 2 वर्षीय टाइम डिपॉजिट : 5.5 फीसदी
- 3 वर्षीय टाइम डिपॉजिट : 5.5 फीसदी
- 5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट : 6.7 फीसदी
- 5 वर्षीय रेकरिंग डिपॉजिट : 5.8 फीसदी
- 5 वर्षीय सीनियर सिटिजेन सेविंग स्कीम : 7.4 फीसदी
- 5 वर्षीय मासिक आय खाता : 6.6 फीसदी
- 5 वर्षीय नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट : 6.8 फीसदी
- पीपीएफ : 7.1 फीसदी
- किसान विकास पत्र : 6.9 फीसदी (124 महीनो में मैच्योर होगा)
- सुकन्या समृद्धि योजना : 7.6 फीसदी
पिछली तिमाही में घटी थी दरें
पिछली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2020 के लिए सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 70-140 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी। अगर सरकार ने दूसरी तिमाही में भी इसी तरह से दरों में कटौती की होती तो पीपीएफ जैसे पसंदीदा निवेश साधन की ब्याज दर 7 प्रतिशत से नीचे चली जाती, जो 46 सालों में सबसे कम होती।
छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें कैसे निर्धारित होती हैं
सरकार हर तिमाही इन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को तय करने का फॉर्मूला श्यामला कमेटी ने दिया था। कमेटी ने यह सुझाव दिया था कि विभिन्न योजनाओं पर ब्याज दर समान परिपक्वता अवधि वाले सरकार के बॉन्ड्स के यील्ड से 0.25 फीसदी से लेकर 1 फीसदी अधिक होना चाहिए।
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