PPF या 5 वर्षीय FD नहीं, बल्कि यह है 80सी के तहत Tax बचाने का बेस्ट ऑप्शन
Tax Savings Option : पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और 5 साल की टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमें वेतनभोगी व्यक्तियों के बीच आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर कटौती का दावा करने के लिए बहुत लोकप्रिय हैं। मगर एक तीसरा विकल्प है जो इन दोनों से बेहतर है। ये है वीपीएफ (स्वैच्छिक भविष्य निधि)। यह योजना पीपीएफ और एफडी की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करती है। आगे जानिए इसके बारे में पूरी डिटेल।
ईपीएफ से अलग है वीपीएफृ
वेतनभोगी कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) बेनेफिट के हकदार होते हैं। ये उनके लिए अनिवार्य योगदान होता है। हालांकि, वीपीएफ ईपीएफ से अलग है। वीपीएफ, जैसा कि नाम से पता चलता है, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक स्वैच्छिक योगदान सुविधा है। यानी वे चाहें तो ईपीएफ योगदान के ऊपर अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं। न चाहें तो नहीं।
पीपीएफ से कितना अलग
15 साल के अनिवार्य लॉक-इन के साथ पीपीएफ के तहत मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी है। वीपीएफ में, लॉक-इन अवधि सिर्फ 5 वर्ष है और वर्तमान ब्याज दर 8.1 फीसदी है। यानी सीधे-सीधे 1 फीसदी का फायदा।
टैक्स का क्या है नियम
पीपीएफ जमा पर मिलने वाला ब्याज कर-मुक्त होता है, जबकि वीपीएफ के मामले में, वीपीएफ + ईपीएफ की संयुक्त जमा राशि पर 2.5 लाख रुपये तक का ब्याज कर-मुक्त है। वीपीएफ से किसी भी समय आपातकालीन निकासी की अनुमति होती है। यानी जरूरत के समय पैसा निकाला जा सकता है। हालांकि, पीपीएफ के मामले में आप 5 साल बाद ही इमरजेंसी निकासी कर सकते हैं।
टैक्स सेवर एफडी से बेहतर
अधिकांश बैंकों द्वारा टैक्स-सेवर एफडी पर दी जाने वाली ब्याज दर लगभग 6 फीसदी है, जिसमें 5 साल का अनिवार्य लॉक-इन होता है। इसके मुकाबले वीपीएफ बहुत अधिक ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। वीपीएफ का ब्याज भी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) जैसी स्कीमों से ज्यादा होता है। टैक्स सेवर एफडी से अर्जित ब्याज निवेशकों के टैक्स स्लैब के अनुसार कर योग्य होता है। टैक्स सेवर एफडी से इमरजेंसी निकासी की अनुमति भी नहीं होती है।