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Mutual Fund : इन Income Tax नियमों के बारे में जानना है जरूरी

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नयी दिल्ली। एफडी और छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में कमी आई है। इसलिए मुद्रास्फीति (महंगाई) को हराने के लिए बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फंड लंबे समय में शानदार रिटर्न दे सकते हैं। निवेश से पहले आपको ध्यान रखना चाहिए कि मुद्रास्फीति और टैक्स ये दो ऐसी चीजें हैं जो समय के साथ आपकी सेविंग्स को घटा सकती हैं। अपने लक्ष्यों के लिए पैसे की कमी से बचने के लिए आपको इन दोनों चीजों पर विचार करके निवेश की योजना बनानी चाहिए।

 

टैक्स नियमों का जानना है जरूरी

टैक्स नियमों का जानना है जरूरी

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बेहतर फैसला आप तब ही ले सकेंगे जब आपको टैक्स नियमों की अच्छी तरह जानकारी हो। आपको टैक्सेशन नियमों के बारे में स्पष्ट रूप से जानना जरूरी है। टैक्स नियम बदलते रहते हैं, इसलिए आपको किसी भी बदलाव के लिए अपने निवेश में परिवर्तन करना पड़ सकता है। इसके लिए आपको नियमित रूप से अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो पर नजर रखनी होगी। हम आपको यहां टैक्स के मामले में म्यूचुअल फंड निवेश से संबंधित जरूरी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपके बहुत काम आएंगी।

म्यूचुअल फंड के लिए कराधान (Taxation) नियम :
 

म्यूचुअल फंड के लिए कराधान (Taxation) नियम :

इक्विटी ओरिएंटेड (संबंधित) म्यूचुअल फंड पर कराधान :
- इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना 12 महीने से अधिक समय के लिए रखी गई इकाइयों पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स-फ्री नहीं है।
- 12 महीने या उससे कम समय के लिए रखी गई इकाइयों पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन्स पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है।

डेब्ट म्यूचुअल फंड्स पर कराधान :

डेब्ट म्यूचुअल फंड्स पर कराधान :

- 36 महीने या तीन साल से अधिक की डेब्ट म्युचुअल फंड यूनिट्स पर इंडेक्सेशन के लिए मुहैया कराने के बाद 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है।
- 36 महीने या उससे कम समय के लिए इकाइयों पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन्स को आपकी इनकम में जोड़ा जाता है और लागू होने वाली स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
इंडेक्सेशन निवेश के मुनाफे पर टैक्स देनदारी घटाने का एक उपाय है। इंडेक्सेशन के जरिए निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ाया जाता है। निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता है और टैक्स देनदारी घट जाती है।

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए जरूरी बातें :

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए जरूरी बातें :

- स्कीम का चयन एक बार की प्रक्रिया नहीं है। बल्कि आपको हर साल में स्कीम की समीक्षा करनी चाहिए
- म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की समीक्षा से आप अंडरपरफॉर्मर्स योजनाओं से छुटकारा पा सकते हैं
- समीक्षा से निवेशकों को यह जानने में मदद मिलती है कि क्या उनके निवेश लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने के लिए ट्रैक पर है। सबसे महत्वपूर्ण बात इससे आप सुधारात्मक कार्रवाई कर सकते हैं। यानी जहां कम रिटर्न है वहां से बेहतर रिटर्न देने वाली योजना की तरफ जा सकते हैं।
- कभी-कभी अच्छा रिटर्न भारी कीमत पर मिलता है। क्योंकि किसी स्कीम का जोखिम बहुत अधिक हो सकता है। इसलिए किसी स्कीम के रिस्क-रिटर्न फीचर्स का आकलन करें।

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English summary

Mutual Fund Important to know about these Income Tax rules

Tax rules change, so you may have to change your investment for any changes. For this, you will have to monitor your mutual fund portfolio regularly.
Story first published: Wednesday, July 29, 2020, 18:07 [IST]
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