डिजिटल पेमेंट्स करने वाले हो जाएं सावधान, इस तरह हो रही ठगी
एक तरफ आज के समय में हर कोई डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहा। वहीं दूसरी ओर लोगों को ठगने के लिए जालसाज नए-नए तरीके निकाल कर रहे हैं।
नई दिल्ली: एक तरफ आज के समय में हर कोई डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहा। वहीं दूसरी ओर लोगों को ठगने के लिए जालसाज नए-नए तरीके निकाल कर रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में डिजिटल पेमेंट से जुड़े कई तरह के फर्जीवाड़े सामने आए हैं। यूं कहें कि पिछले कुछ महीने में पेमेंट से संबंधित कई तरह के फ्रॉड सामने आए हैं। ये बात सच है कि डिजिटल पेमेंट आसान और सुविधाजनक है लेकिन सावधान रहने की भी जरूरत है। आपको बता दें कि कैसे फरेबी डिजिटल पेमेंट को अंजाम देते हैं।
इंश्योरेंस पॉलिसी देने के नाम पर फरेब
जालसाजों के निशाने पर वे लोग आसानी से रहते हैं जो बीमा कराने की हसरत रखते हैं। ऐसे में लोगों को देख जालसाज उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। इसके लिए आईआरडीएआई का हवाला देते हुए एक इंश्योरेंस पॉलिसी देने का वादा किया जाता है। लेकिन, ख्याल रहे कि आईआरडीएआई किसी भी तरह की पॉलिसी नहीं बेचती है। ऐसे डोमेन वाले पोर्टल से आप खास तौर पर दूरी बनाए रखें।
मोबाइल ऐप से हो रही ठगी
मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए फ्रॉड को काफी हद तक लोगों को सावधान रहने के लिए मजबूर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक बताया गया है कि जालसाजों ने एक गैर-सरकारी संगठन के नाम से फर्जी नबंरों को ऑनलाइन सूचीबद्ध कराया और दूर से हैंडल करने वाले डेस्कटॉप सॉफ्टरवेयर ‘Anydesk' को तैयार किया। हाल ही में जालसाजों ने इसके लिए मुंबई की एक महिला का फांसा। महिला के एकाउंट की पूरी जानकारी मिल गई और उन्होंने उसके खाते से 30,000 रुपये उड़ा डाले।
फर्जी यूपीआई पेमेंट लिंक
वहीं फर्जी तरीके से यूपीआई पेमेंट लिंक दिखाकर भी आपकी जेब काटी जा सकती है। पुणे में भी एक ऐसा मामला सामने आया जहां पर जालसाजों ने एक व्यापारी से फर्जी यूपीआई के जरिए उसके डिजी वॉलेट से 10 रुपये जमा करने को कहा। इस दौरान व्यापारी को एक लिंक आया, जहां उसने अपना यूपीआई आईडी और ओटीपी लिंक डालकर भेज दिया। इसके बाद जालसालों को पूरी डिटेल मिल गई और उन्होंने उसके खाते से 1.53 लाख रुपये उड़ा लिए। इसके तहत इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि पेमेंट केवल आधिकारिक भीम या बैंक के एप से ही करें। इसके अलावा अजनबियों के लिंक भेजने पर क्लिक न करें।
केवाईसी अपडेट में हो रहा फर्जीवाड़ा
केवाईसी के नाम पर भी धांधली जमकर हो रही है। इसके जरिए जालसाल आपके बैंक से पैसे की निकासी आसानी से कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक उदयपुर में एक अधिकारी से गलत ढंग से केवाईसी डिटेल के नाम पर जानकारी ली गई और उनके खाते से 6 लाख रुपये साफ कर दिए गए। उनसे जालसाजों ने केवाईसी अपडेट के नाम पर उनसे ओटीपी नंबर और अकाउंट डिटेल ले लिया और पैसे निकाल लिए। ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए आपको कभी भी एसएमएस द्वारा भेजे गए किसी यूआरएल लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर फरेब
हाल ही में मुंबई के एक प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से एक लिंक आया जिसमें टैक्स रिफंड की बात कही गई थी। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड हो गया। इसके बाद किसी ने उनकी अकाउंट लॉगिन डीटेल हासिल करके अकाउंट से पैसे उड़ा दिए। गौर करने वाली बात यह है कि आईटी विभाग खाते में सीधे रिफंड भेज देता है। किसी भी ऐसे लिंक या मेसेज पर भरोसा न करें जो कि अकाउंट डीटेल मांग रहा हो।