धांसू रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए PPF या VPF कौन है ज्यादा बेहतर, जानिए यहां
अगर आप सीनियर सिटिजन हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। रिटायरमेंट की उम्र के बाद हमारे पास आय का कोई नियमित साधन नहीं बचता है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट फंड बहुत जरूरी होता है।
नई दिल्ली: अगर आप सीनियर सिटिजन हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। रिटायरमेंट की उम्र के बाद हमारे पास आय का कोई नियमित साधन नहीं बचता है, इसलिए रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट फंड बहुत जरूरी होता है। अगर आपने सही उम्र से रिटायरमेंट फंड के लिए बचत करना शुरू किया होगा, तो आप अपने जीवन के आखिरी पड़ाव को आनंद के साथ जी सकते हैं।
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ये बात सच है कि रिटायर होने के बाद आमदनी काफी सीमित रह जाती है। ऐसे में एक बड़े रिटायरमेंट फंड की दरकार सभी को होती है। हम जितनी कम उम्र में रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करेंगे, उतना ही बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं। रिटायरमेंट फंड से जुड़ी कई योजनाएं हैं। आज हम अपनी खबर के जरिए सामान्य भविष्य निधि (पीपीएफ) और स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) जैसी योजनाओं के बारे में बताएंगे।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ काफी अच्छा निवेश विकल्प है। पीपीएफ सरकार द्वारा समर्थित सेविंग स्कीम है। पीपीएफ की सबसे खास बात यह है कि यह ईईई स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इस निवेश योजना में 3 स्तर पर ब्याज में छूट मिलती है। इस योजना में मैच्योरिटी राशि और ब्याज आय भी करमुक्त होती है। इस योजना में निवेश करके निवेशक हर साल 1.5 लाख रुपये का आयकर बचा सकता है। यह योजना 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इस समये पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसद है। जो लोग जोखिम मुक्त निवेश करना चाहते हैं और एनपीएस या वीपीएफ जैसा लंबी अवधि वाला निवेश विकल्प नहीं चुनना चाहते, वे पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं।
वीपीएफ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीपीएफ ईपीएफ का विस्तार होता है। इसका मतलब है कि निवेशक वीपीएफ के लिए तब ही जा सकते हैं, जब उनके पास ईपीएफ अकाउंट हो। ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ में 8.5 फीसद ब्याज मिलता है। कर्मचारी अगर अपनी बेसिक सैलरी व डीए के 12 फीसद से अधिक राशि पीएफ फंड में जमा करता है, तो उसे वीपीएफ या स्वैच्छिक भविष्य निधि कहते हैं। कोई भी वेतनभोगी कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 100 फीसद तक वीपीएफ में जमा करा सकता है। इस योजना के तहत निवेशक ईपीएफ में अपना योगदान बढ़ाकर लंबे समय में काफी मोटा रिटर्न प्राप्त कर सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ)
वहीं अगर बात करें ईपीएफ की तो बीस से अधिक कर्मचारियों वाली हर कंपनी को अपने कर्मचारियों के पीएफ के लिए योगदान देना होता है। कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में उसकी बेसिक सैलरी व डीए का 12 फीसद कर्मचारी द्वारा और इतना ही कंपनी द्वारा योगदान जमा कराया जाता है। ईपीएफ में पेंशन निधि भी होती है। यह कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद दी जाती है। इस समय ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसद है। कर्मचारी कुछ विशेष परिस्थितियों में मैच्योरिटी अवधि से पहले भी अपने ईपीएफ अकाउंट से निकासी कर सकते हैं।