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लॉकडाउन में यहां करें न‍िवेश, मंदी में भी म‍िलेंगे बेहतर रिटर्न

देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों से लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाए गया है।

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नई द‍िल्‍ली: देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों से लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाए गया है। लॉकडाउन लगने से देशवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस की मार से जहां आर्थिक रूप से तगड़ी मार पड़ी है। कई कंपनियां छंटनी करने के लिए सोच रही हैं। ऐसे में जल्‍द ही मंदी की मार पड़ सकती है। आर्थिक मंदी के दौर में जब बाजार में चारों और सुस्ती का माहौल है तो ऐसे समय में न‍िवेश करना बेहतर व‍िकल्‍प हो सकता है। जी हां अगर आप आज न‍िवेश करते है तो ये संभंव है कि मंदी के वक्‍त भी आपको बेहतर रिटर्न म‍िल जाए।

बेट‍ियों के ल‍िए सुकन्या समृद्धि योजना में करें न‍िवेश
 

बेट‍ियों के ल‍िए सुकन्या समृद्धि योजना में करें न‍िवेश

  • केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सुकन्‍या समृद्धि योजना एक अच्‍छी स्‍कीम है। सुकन्या समृद्धि खाता केवल बेटी के नाम से खुल सकता है।
  • इस योजना में अन्य स्कीमों के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलता है और साथ ही यह टैक्‍स प्‍लानिंग में भी मददगार है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) के तहत, शून्य से 10 साल की उम्र तक किसी भी लड़की के माता-पिता या कानूनी अभिभावक यह अकाउंट खोल सकते हैं।
  • सरकारी अधिसूचना के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना खाता किसी भी आधिकारिक सरकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस ब्रांच में खोला जा सकता है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना कम से कम 250 रुपये जमा किया जा सकता है। इससे पहले सालाना मासिक जमा राशि 1000 रुपये थी।
  • योजना के तहत सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है।
  • सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश आयकर कानून की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है।
  • जानकारी दें कि सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलने के दिन से 15 साल पूरा होने तक निवेश करना होता है।
  • लेकिन यह खाता 21 साल पूरा होने पर मेच्योर होता है। वहीं खाते के 15 साल पूरा होने के बाद से 21 साल तक खाते में उस समय के तय ब्याज दर के हिसाब से पैसा जुड़ता रहेगा।
पोस्‍ट ऑफ‍िस टाइम डिपॉजिट

पोस्‍ट ऑफ‍िस टाइम डिपॉजिट

हर व्यक्ति जो कमाई कर रहा है वो चाहता है कि अपने खर्च के बाद बचत का एक हिस्सा कहीं निवेश करे ताकि उसका निवेश सुरक्षित भी रहे और निवेश की गई रकम से कुछ आय भी प्राप्त हो ऐसे में फ‍िक्‍सड डिपॉजिट (एफडी) ज्यादातर लोगों की पहली पसंद होती है। एफडी (एफडी) में निवेश के लिए लोग इसलिए भी जाते हैं क्योंकि यह जोखिम रहित होता है। मौजूदा समय में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट भी निवेश के लिए अच्छा विकल्प है। अगर आप बचत के लिए फिक्सड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आपके पास बैंक फ‍िक्‍सड डिपॉजिट और पोस्‍ट ऑफ‍िस टाइम डिपॉजिट दोनों विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में बैंक एफडी से बेहतर विकल्प पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (पीओटीडी) है, जहां 5 साल की जमा पर 6.7 फीसदी तक सालाना ब्याज मिलता है।

  • 1 साल से 5 साल की जमा पर ब्याज दरें जानिए यहां
  • 1 साल की अवधि पर 5.5 प्रत‍िशत ब्‍याज दर मिलेगा
  • 2 साल की अवधि पर 5.5 प्रत‍िशत ब्‍याज दर मिलेगा
  • 3 साल की अवधि पर 5.5 प्रत‍िशत ब्‍याज दर मिलेगा
  • 5 साल की अवधि पर 6.7​ प्रत‍िशत ब्‍याज दर मिलेगा

इस योजना की खासियत के बारें में जानें यहां

  • इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि जहां बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि पर सुरक्षा की गारंटी है, डाकघर में आपके 100 फीसदी निवेश पर सुरक्षा की गारंटी मिलती है।
  • डाकघर में टाइम डिपॉजिट अकाउंट कम से कम 1000 रुपये से खोला जा सकता है। अधिकतम राशि जमा करने की कोई सीमा नहीं है।
  • इसमें सिंगल और ज्वॉइंट अकाउंट दोनों की सुविधा है। वहीं अगर उम्र 10 साल से ज्यादा है तो माइनर के नाम से भी अकाउंट खुल जाता है और उसके एडल्ट होने तक देख रेखे अभिभावक को करना होता है।
  • बता दें कि स्कीम के तहत जितना चाहें, उतने अकाउंट खुल जाएंगे।
  • टाइम डिपॉजिट होल्डर एमरजेंसी में अपना फंड मेच्योरिटी से पहले वापस पा सकता है।
  • हालांकि इसके लिए अकाउंट में पहला डिपॉजिट किए हुए 6 माह पूरे होने चाहिए।
  • स्कीम में 5 साल के लिए किया गया निवेश टैक्स बेनेफिट के लिए योग्य होता है और इनकम टैक्स एक्ट 1961 के धारा 80C के तहत छूट ली जा सकती है।
  • इस बात की जानकारी दें कि अकाउंट खुलवाते समय या बाद में नॉमिनेशन की भी सुविधा है।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

पीपीएफ सरकार की एक लघु बचत योजना है। पीपीएफ खाता आप किसी भी डाकघर या चुनिंदा बैंकों में खुलवा सकते हैं। पीपीएफ खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करवाने होंगे। इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है। अप्रैल से जून तिमाही 2020-21 के लिए इस पर आपको 7.10 फीसदी ब्याज मिलेगा। मालूम हो कि आपके बच्चों के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक बड़ा फंड बनाने में मददगार है। पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। खासबात ये है कि पीपीएफ में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत इनकम टैक्स में छूट भी मिलती है।

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English summary

In Lockdown Invest Here You Will Get Better Returns Even In Recession

In the time of economic recession, when there is an atmosphere of lethargy in the market, then investing in such a time can be a better option।
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