अच्छी खबर : Car Loan पर मिलती हैं ये 2 Income Tax की छूट, जानें नियम
नई दिल्ली। अगर कार को लोन लेकर खरीदा है, तो भी आप इनकम टैक्स की छूट का क्लेम कर सकते हैं। यह छूट 2 तरह से ली जा सकती है। हालांकि यह कार लोन की छूट खास लागों को ही मिलती है। ऐसे में आयकर के नियम को बारीकी से जान लेना जरूरी है। कई लोग ऐसे हैं, जो कार लोन पर इनकम टैक्स की छूट क्लेम कर सकते हैं, लेकिन जानकारी न होने पर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं। अगर आप के पास भी कार लोन है, तो आपको भी इन इनकम टैक्स के इन नियमों की जानकारी होना चाहिए। आइये जानते हेा यह नियम।
इस काम के लिए लिया है कार लोन तो मिलेगी इनकम टैक्स में छूट
इनकम टैक्स के जानकारों के अनुसार अगर आप ने अपनी कार को लोन लेकन खरीदा है और आप इसका इस्तेमाल कारोबारी गतिविधियों के लिए करते हैं, तो आप इनकम टैक्स की छूट ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप कार लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज के बराबर की इनकम टैक्स की छूट ले सकते हैं। अगर आपने अपनी कार को ऑटो लोन की जगह पर्सनल लोन लेकर खरीदी है, तब भी आप इनकम टैक्स की यह छूट क्लेम कर सकते हैं। इस स्थिति में भी शर्त वही होगी कि आप इस कार का इस्तेमाल कारोबार को चलाने के लिए करते हैं।
जानिए ब्याज से मतलब
कार लेने के लिए अगर आपने लोन लिया है, तो उसकी किस्त में एक हिस्सा मूलधन और दूसरा हिस्सा ब्याज का होता है। अगर आप अपने बैंक या वित्तीय संस्थान से डिटेल मांगेगे तो आपको यह मिल जाता है। बाद में इसी आधार पर आप अगर शर्त पूरी करते हैं, तो आप इस ब्याज के बराबर का इनकम टैक्स ले सकते हैं। यहां पर आपको इस शर्त को याद रखना चाहिए कि इस कार का इस्तेमाल कारोबारी गतिविधियों में ही होना चाहिए।
कार लोन के अलावा इस बात की भी छूट संभव
कार लोन लेकर उसका इस्तेमाल अगर कारोबार के लिए करते हैं, तो इस पर तो इनकम टैक्स की छूट ले ही सकते हैं। लेकिन इसके अलावा एक और तरीका है, जिसकी छूट ली जा सकती है। कार लेने के बाद हर साल उसकी कीमत घटती है। आधिकारिक भाषा में इसे अवमूल्यन कॉस्ट कहते हैं। यानी कार की अवमूल्यन कीमत या मूल्यह्रास कीमत के आधार पर भी इनकम टैक्स की छूट ली जा सकती है।
हालांकि गलत दावा पड़ेगा भारी
अगर आप कार लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स की छूट क्लेम करने जा रहे हैं, तो यहां पर याद रखना चाहिए कि अगर यह दावा गलत निकला तो भारी पेनाल्टी का प्रावधान है। ऐसी इनकम टैक्स छूट का दावा करने के लिए बैंक से ब्याज का प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इनकम टैक्स की छूट का दावा करते वक्त इस बैंक प्रमाणपत्र को लगाना होगा। कार उसी व्यक्ति के नाम पर होनी चाहिए, जो टैक्स में छूट का दावा कर रहा है।