Gold Loan तेजी से बढ़ रहा, जानिए क्यों है खतरे का संकेत
नई दिल्ली, सितंबर 3। अगर लोन की मांग से खतरे की आशंका लगाई जा सकती है, तो गोल्ड लोन के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। महामारी के चलते जहां बीते एक साल से कंपनियों और सेवा क्षेत्र से लोन की मांग कम हो रही है, वहीं पर्सनल लोन की मांग तेजी से बढ़ी है। लेकिन इस पर्सनल लोन की मांग में गोल्ड लोन का बढ़ना सबसे ज्यादा है। देश में कुल लोन में पर्सनल लोन की हिस्सेदारी करीब 26 फीसदी है। इसमें बीते एक साल में करीब 11.2 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। वहीं यह बढ़त इससे पहले के एक साल में करीब 9 फीसदी ही थी। वित्तीय बाजार के जानकार इस आर्थिक संकट में पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए गोल्ड के बदले लोन लेना मान रहे हैं।
क्यों चिंताजनक है गोल्ड लोन का बढ़ना
भारत में यह माना जाता है कि सोना तभी बेचा या गिरवी रखा जाता है, जब और कोई रास्ता न बचे। महामारी के दौरान लोगों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसी की नौकरी गई है, तो किसी कंपनी बंद हो गई है। स्थिति यह है कि जान पहचान वाला भी मदद करने की स्थिति में नहीं रह गया है। ऐसे में गोल्ड लोन का बढ़ना अच्छा संकेत नहीं है।
जानिए कितना बढ़ा पर्सनल लोन
आंकड़ों के अनुसार देश में बीते एक साल में पर्सनल लोन में 77.4 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है। यह 27,223 करोड़ रुपये बढ़कर जुलाई 2021 तक 62,412 करोड़ रुपये हो गया है। अकेले एसबीआई का ही गोल्ड लोन जून 2021 तक 338.76 प्रतिशत बढ़ चुका है। एसबीआई के एक अधिकारी के अनुसार बैंक की कुल गोल्ड लोन बुक जून 21 तक 21,293 करोड़ रुपये थी। जानकारों का मानना है कि महामरी के दौरान आर्थिक दिक्कतों के चलते लोग गोल्ड लोन काफी ज्यादा ले रहे हैं। इस दौरान लोगों की आमदनी उनकी जरूरत से भी कम हो गई है। इसके अलावा बहुत से लोगों की नौकरी गई है और कई लोगों का कारोबार ही बंद हो गया है। इस स्थिति में पैसों का प्रबंध करने के लिए जब और रास्ते बंद हो गए हैं, तो लोगों ने गोल्ड लेना शुरू किया है।
क्रेडिट कार्ड का बकाया भी बढ़ रहा
एक तरफ गोल्ड लोन बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ क्रेडिट कार्ड का बकाया भी बढ़ रहा है। लोग इस दौरान अपनी जरूरत को क्रेडिट कार्ड से पूरा कर रहे हैं, लेकिन बाद में पैसा वापस करने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 को समाप्त 12 महीने की अवधि के दौरान क्रेडिट कार्ड बकाया भी 9.8 प्रतिशत (10,000 करोड़ रुपये) बढ़कर 1.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं जुलाई 2020 के पहले के 12 महीनों में क्रेडिट कार्ड का बकाया 8.6 फीसदी ही बढ़ा था।
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जानिए लोन के आरबीआई के आंकड़े
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2021 तक देश में रिटेल लोन 2.88 लाख रुपये बढ़कर 28.58 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया है। वहीं अगर इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर को देखा जाए तो इस सिगमेंट में लोन बढ़ने की दर 1 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत ही रही है। वहीं रिटेल लोन में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी हाउसिंग लोन की है। यह कुल रिटेल लोन का 51.3 प्रतिशत है। हालांकि इसमें पिछले 12 महीनों के दौरान केवल 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि इससे पहले के 12 महीनों में यह बढ़त 11.1 फीसदी की थी।
मध्यम आकार के कारोबारियों का लोन भी तेजी से बढ़ा
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार मध्यम उद्योगों को ऋण जुलाई 2021 में 71.6 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़ा है। इस तरह से यह लोन बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं बीते 12 महीने के पहले के 12 माह में इन कारोबारियों का लोन पोर्टफोलिया केवल 1.8 प्रतिशत ही बढ़ा था।