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Gold : नॉन-फिजिकल गोल्ड में कैसे करें निवेश, ETF से Bond तक ये हैं 5 तरीके

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Gold : नॉन-फिजिकल गोल्ड में निवेश के 5 तरीके

Non-Physical Gold Investment Option : गोल्ड में निवेश, निवेश का एक पुराना तरीका है। निवेश के मामले में इसे सबसे कम जोखिम वाले निवेश ऑप्शनों में से एक माना जाता है। काफई समय से सोने ने मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव (हेज) के रूप में भी काम किया है। भारत में सोना सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली धातुओं में से भी एक है। जानकार अक्सर सुझाव देते हैं कि सोना निवेशकों के पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए। लंबी अवधि के लिहाज से सोना एफडी और आरडी से बेहतर रिटर्न दे सकता है। सोने में निवेश के लिए कई ऑप्शन उपलब्ध हैं। फिजिकल गोल्ड खरीदने के अलावा, जो भारत में आज भी लोकप्रिय है, निवेशकों के पास सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प हैं। यहां हम आपको इन सहित कुल 5 बेस्ट ऑप्शंस की जानकारी देंगे।

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डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड

कुछ बैंक, फिनटेक प्लेटफॉर्म और बड़ी ज्वेलरी कंपनियां निवेशकों को डिजिटल सोना खरीदने की सुविधा देती हैं। डिजिटल गोल्ड में निवेश करना फिजिकल गोल्ड में निवेश करने जितना ही सही तरीका है। निवेशक ऑनलाइन सोना खरीद सकते हैं और इससे फिजिकली गोल्ड को जमा करके रखने की आवश्यकता खत्म हो जाती है। डिजिटल कमोडिटी की फॉर्म में खरीदा गया सोना ग्राहक की ओर से सेलर द्वारा इंश्योर्ड तिजोरी में रखा जाता है। डिजिटल सोने में निवेश का एकमात्र नुकसान यह है कि यह सेबी के नियमों के तहत नहीं आता है।

गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ में निवेश स्टॉक एक्सचेंजों पर इक्विटी में निवेश करने जैसा ही है। लेकिन फिजिकल गोल्ड के उलट, जिसकी कीमत स्थानीय टैक्स के कारण राज्यों में अलग-अलग होती है, गोल्ड ईटीएफ सोने की करेंट कीमतों को दर्शाता है। निवेशक अपने डीमैट खाते के जरिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना 99.5 फीसदी शुद्धता वाले सोने में निवेश करने जैसा है। गोल्ड ईटीएफ भी सोने के रेट पर ऊपर-नीचे होता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को लंबी अवधि में जोरदार रिटर्न कमाने का मिलता है। अच्छी बात ये है कि गोल्ड ईटीएफ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या एसजीबी गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं जिन्हें ग्राम सोने में दर्शाया जाता है। निवेशकों को इश्यू प्राइस का भुगतान नकद में करना होता है और मैच्योरिटी पर बॉन्ड को नकद में ही रिडीम किया जाएगा। बॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। 2015 में शुरू किए गए, इन बॉन्डों की अवधि पांच साल की लॉक-इन अवधि के साथ आठ साल की है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड-सेविंग फंड के तौर पर भी जाना जाता है। ये म्यूचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं। लेकिन ईटीएफ के उलट, निवेशकों को गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं होती है।

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गोल्ड डेरिवेटिव्स

गोल्ड डेरिवेटिव्स

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के फ्यूचर एंड ऑप्शंस डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट उपलब्ध हैं। गोल्ड डेरिवेटिव्स की दो कैटेगरियां हैं, जिनका आम तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, फॉरवर्ड और फ्यूचर्स के साथ-साथ दोनों कैटेगरियों में ऑप्शन। फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स बायलेट्रल बीस्पोक एग्रीमेंट्स हैं, जबकि फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स को स्टैंडर्डाइज्ड किया जाता है और रजिस्टर्ड एक्सचेंजों पर ट्रेड किया जाता है।

English summary

Gold How to invest in non physical gold from ETF to Bond these are 5 ways

Some banks, fintech platforms and large jewelery companies allow investors to buy digital gold. Investing in digital gold is the same way as investing in physical gold.
Story first published: Wednesday, January 25, 2023, 19:09 [IST]
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