डिबेंचर : एफडी और बैंक डिपॉडिट से भी ज्यादा रिटर्न मिलेगा यहां
नयी दिल्ली। इस समय अधिकतर बैंक एफडी पर कम ब्याज दे रहे हैं। ऊपर से एफडी पर होने वाली ब्याज आय पर टैक्स लगता है, जिससे आपका रिटर्न और भी कम हो जाता है। इस वजह से आपके पास निवेश के ऐसे बहुत कम ऑप्शन हैं, जिनमें आप 9 फीसदी से अधिक वार्षिक ब्याज हासिल कर सकते हैं। मगर ऐसे कुछ ऑप्शन हैं जिनमें अभी भी 9 फीसदी से अधिक वार्षिक ब्याज मिल सकता है। इनमें से एक ऑप्शन है एनबीएफसी कंपनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस का डिबेंचर इश्यू। नये साल में निवेश पर शानदार रिटर्न पाने के लिए ये बेस्ट ऑप्शंस में से एक है। कंपनी ने अपना ये डिबेंचर इश्यू 6 जनवरी को खोला है, जिसमें निवेश करने के लिए आपके पास 22 जनवरी तक का समय है। इश्यू में एक डिबेंचर की कीमत केवल 1000 रुपये है। डिबेंचर इश्यू का बेस साइज 200 करोड़ रुपये है, जिसे ओवरसब्सक्रिप्शन मिलने पर कंपनी 1000 रुपये तक बढ़ा सकती है। आइये जानते हैं आपको श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के डिबेंचर इश्यू में निवेश से कितना वार्षिक रिटर्न मिल सकता है।
इतना मिल सकता है वार्षिक ब्याज
बता दें कि श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के डिबेंचर इश्यू की दूसरी किस्त है, जिसमें सिक्योर्ड रिडीमेबल नॉन-कंवर्टेबल डिबेंचर जारी किये जायेंगे, जिनकी प्रति डिबेंचर फेस वैल्यू यानी मूल प्राइस 1000 रुपये होगा। इन डिबेंचरों में निवेश पर आपको 8.5 फीसदी से लेकर एक साल 9.10 फीसदी तक का जोरदार ब्याज मिल सकता है। सुरक्षा के लिहाज से भी यह डिबेंचर शानदार हैं। क्योंकि रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल, केयर और इंडिया रेटिंग्स तीनों ने इन डिबेंचरों को AA+ रेटिंग दी है। इस तरह की रेटिंग वाले निवेश इंस्ट्रुमेंट काफी सुरक्षित माने जाते हैं, जिन पर बेहद कम रिस्क होता है।
ऐसे करें डिबेंचरों में निवेश
आप अपने बैंक या ब्रोकर (केवल स्वयं-प्रमाणित सिंडिकेट बैंकों) के माध्यम से आवेदन पत्र जमा करके एनसीडी के पब्लिक इश्यू में निवेश कर सकते हैं, ताकि वे इस इश्यू के लिए फंड ब्लॉक कर दें। एक और सुविधा जो आपको इन डिबेंचरों में निवेश पर मिलेगी वो ये है कि इन डिबेंचरों को एनएई और बीएसई पर लिस्ट किया जायेगा। इससे होगा यह कि यदि आप मैच्योरिटी तक इन डिबेंचरों में निवेश नहीं रखना चाहते हों तो आप इन्हें स्टॉक एक्सचेंज में बेच सकते हैं।
निवेश से पहले रखें ध्यान
इन डिबेंचरों में निवेश से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना भी जरूरी है। इन डिबेंचरों पर दी जाने वाली ब्याज दरें फिक्स्ड डिपॉजिट और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी सरकार समर्थित स्कीमों से थोड़ी अधिक होती हैं, लेकिन इनमें डिफॉल्ट का जोखिम रहता है। इसके अलावा एफडी की तरह इस पर भी ब्याज आय पर टैक्स लगता है। इन डिबेंचरों में आप किसी एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश कर सकते हैं। इनमें मैच्योरिटी तक निवेश रखना बेहतर विकल्प है।
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