कहां है मंदी : 10 साल में 7 लाख रु हो गए 1 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। शेयर बाजार में एक से एक बढ़कर शानदार कंपनियां लिस्टेड हैं। इन कंपनियां ने निवेशकों को बहुत ही अच्छा रिटर्न दिया है। इन्हीं कंपनियों में से एक है बाटा इंडिया। इस कंपनी ने निवेशको को काफी अच्छा रिटर्न दिया है। अगर देखा जाए तो कंपनी ने पिछले 10 साल में करीब 1,600 फीसदी का रिटर्न दिया है।
-बाटा ने दिया 5 साल में 168.12 फीसदी का रिटर्न
-बाटा ने दिया 3 साल में 290 फीसदी का रिटर्न
-बाटा ने दिया 1 साल में 54.44 फीसदी का रिटर्न
प्रतिस्पर्धी कंपनी रिलैक्सों ने भी दिया अच्छा रिटर्न
ऐसा नहीं है कि केवल बाटा इंडिया ने ही अच्छा रिटर्न दिया है। जूता-चप्पल बनाने वाली अन्य कंपनियों ने भी अच्छा रिटर्न दिया है। इसमें रिलैक्सो फुटवेयर के शेयर ने 1 साल में 67.64 फसदी का रिटर्न दिया है। वहं 3 साल में 206.33 फीसदी, 5 साल में 336.60 फीसदी, वहीं 10 साल में 6,311 फीसदी का रिटर्न दिया है।
7 लाख रुपये का निवेश बना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा
बाटा के शेयर ने लगातार अच्छा रिटर्न दिया है। अगर किसी ने बाटा इंडिया के शेयर में आज से 10 साल पहले 7 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी वैल्यू इस वक्त 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। बाटा इंडिया के शेयर का रेट 2009 में 108 रुपये के करीब था। वहीं यह शेयर 8 जनवरी 2020 को करीब 1710 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है। इस प्रकार कंपनी में किया गया निवेश 10 साल में करीब 14 गुना बढ़ चुका है।
जूतों की ऐवरेज प्राइस
इस वक्त भारतीय बाजार में जूतों की ऐवरेज सेलिंग प्राइस (एएसपी) करीब 340 रुपये प्रति जोड़ी है। हालांकि फैशन पर जोर रहने के चलते जूतों की बिक्री और एएसपी में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। वैसे भी दुनिया में चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा जूते-चप्पल का उत्पादन करता है। माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइज मंत्रालय के मुताबिक 16 अरब जोड़ी जूतों के ग्लोबल प्रॉडक्शन में भारत का शेयर करीब 13 फीसदी है। देश में हर साल अलग-अलग तरह के लगभग 2 अरब जोड़ी जूतों का उत्पादन होता है। इसमें लेदर और नॉन लेदर दोनों तरह के फुटवेयर शामिल हैं।
बाटा इंडिया के अच्छे रहे है वित्तीय नतीजे
बाटा इंडिया ने मंदी के बीच भी अच्छा वित्तीय प्रदर्शन किया है। सितंबर तिमाही में कंपनी की बैलेंस शीट अच्छी रही है। पिछले साल इसी तिमाही में बाटा इंडिया का शुद्ध लाभ 55.66 करोड़ रुपये का रहा था, जबकि इस बार सितंबर तिमाही में यह शुद्ध लाभ 28.22 फीसदी बढ़कर 71.37 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं कंपनी की बिक्री 7.26 फीसदी बढ़कर 721.96 करोड़ रुपये हो गई है।