जानिए बैंकों के 10 वादे, पूरा न हों तो करें शिकायत
नई दिल्ली। सरकारी बैंक हो या प्राइवेट बैंक कुछ सेवाएं देने की बाध्य हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी 2018 में एक कोड ऑफ कंडक्ट लागू कर रखा है। सभी बैंक इस कोड आफ कंडक्ट से बंधे हुए हैं। इसमें बैंक ग्राहक से होने वाले व्यवहार से लेकर पारदर्शिता तक की बातें हैं शामिल हैं। किसी भी बैंक के ग्राहक हों, लेकिन इन 10 बातों को जरूर जानना चाहिए। क्योंकि यह हर बैंक ग्राहक का अधिकार है।
ऐसा न होने पर कर सकते हैं शिकायत
बैंक कोड ऑफ कंडक्ट में लिखी अगर 10 बातों में फेल होते हैं, तो ग्राहक के पास बैंक कर्मचारी या बैंक के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार होता है। यह शिकायत बैंक शाखा में लिखित में की जा सकती है। इसके अलावा बैंक के चेयरमैन को भेजी जा सकती है। अगर बैंक इस पर कोई कदम न उठाए तो इसके बाद शिकायत आरबीआई को भेजी जा सकती है। आरबीआई ऐसी शिकायतों पर सख्त कदम उठाता है।
इस विषय में और जानकारी के लिए आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर और जानकारी ली जा सकती है।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक कर सकते हैं-
http://www.bcsbi.org.in/pdf/CreditCounselling.pdf
जानिए बैंकों वो 10 वादें
1. बैंक कस्टमर्स के साथ उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थिति, धर्म, डिसएबिलिटी या वित्तीय स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेंगे। इन सब चीजों को नजरअंदाज करते हुए सभी को एक समान प्रोडक्ट और बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी।
2. बैंक अपने काउंटर पर कैश या चेक, रेमिटेंस का भुगतान या प्राप्ति करने, कटे-फटे नोट बदलने आदि की सेवाएं देंगे। ये सेवाएं ग्राहक को बैंक की हर शाखा में मिलेंगी।
3. प्राइवेसी को लेकर सरकारी बैंक वादा करते हैं कि कस्टमर्स द्वारा दी जा रही पर्सनल जानकारी वे अपने पास तक सीमित रखेंगे। इसे किसी और को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
4. बैंक अपने हर प्रॉडक्ट, सेवाओं के बारे में ग्राहक को पूरी जानकारी देंगे। ये बैंक की वेबसाइट या फिर ब्रान्च के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। इसके अलावा एसएमएस, मेल और अन्य तरीकों से भी ग्राहकों को बताई जाएंगी।
जानिए बैंकों के कुछ अन्य वादे
5. बैंक वादा करते है कि बैंक कर्मचारी ग्राहक से उचित और अच्छा व्यवहार करेंगे। बैंक की ओर से सुनिश्चित किया जाएगा कि कर्मचारी ग्राहकों की हर परेशानी और काम को जल्द से जल्द हल करने में मदद करेंगे।
6. बैंक अपने सभी नियम-कानूनों को ग्राहकों से पूरी तरह से बताएंगे। हर नियमों की जानकारी ग्राहक के लिए बैंक शाखा, वेबसाइट आदि पर मौजूद रहेगी। इसके अलावा अगर किसी ग्राहक को इन्हें समझने में दिक्कत है तो बैंक अधिकारी उनकी पूरी मदद करेंगे।
7. बैंक जब भी अपनी ब्याज दर, चार्ज या नियम-कानूनों में कोई भी बदलाव करेंगे तो इनकी सूचना तुरंत कस्टमर्स को दी जाएगी। इस बारे में भी बैंक अपनी शाखा में नोटिस बोर्ड, बैंक वेबसाइट, मैसेज, मेल आदि के माध्यम से अपने ग्राहक को जरूर देंगे।
ये हैं बैंकों के कुछ अन्य वादे
8. अगर किसी कस्टमर को कोई दिक्कत है, तो बैंक शिकायत कैसे दर्ज की जाए, इसकी पूरी प्रोसेस बताएंगे। इसमें शिकायत कैसे करनी है, किसे करनी है, कहां करनी है, जवाब कब तक मिलेगा, अगर बैंक समाधान नहीं कर पाया तो क्या करें आदि चीजें शामिल हैं। इसमें बैंक का स्टाफ और अधिकारी कस्टमर्स की पूरी मदद करेंगे।
9 बैंक बदलने की स्थिति में पहले से सूचना देना जरूरी है। कोई भी बैंक अगर अपनी शाखा बंद करना चाहती है या उसका स्थान बदलना चाहती है तो वह अपने ग्राहकों को 2 महीने पहले इसकी लिखित सूचना देगा। इसके अलावा बैंक अगर अपने खुलने और बंद होने के समय में कोई बदलाव करता है तो उसकी भी सूचना भी वह समय से देगा।
10 वित्तीय समावेशन की सुविधा देना बैंकों की जिम्मेदारी है। समाज के सबसे निचले तबके के लिए बैंक अपनी सेवाएं देंगे। हर बैंक अपनी शाखाओं में वित्तीय समावेशन के तहत बेसिक सर्विस बैंक डिपाजिट अकाउंट की सुविधाएं देते हैं। इसके तहत लोग स्माल सेविंग अकाउंट या जनधन अकाउंट खोल सकते हैं। यह बैंक अकाउंट बिना किसी मिनिमम बैलेंस के खोले जाते हैं।
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