एशिया का पहला Cryptocurrency ETF भारत में होगा लॉन्च, होगा निवेश का बड़ा मौका
नई दिल्ली, जनवरी 22। क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज काफी बढ़ रहा है। लोग इनमें काफी निवेश भी कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़ी हुई बाकी इंडस्ट्रीज में पिछले साल के दौरान रोलर-कोस्टर की सवारी (उतार-चढ़ाव) देखी गयी है। उम्मीद की जा रही है कि 2022 में भी क्रिप्टो सेगमेंट में मजबूत, मगर अस्थिर ग्रोथ जारी रहेगी। नए निवेशक डिजिटल करेंसी इंडस्ट्री को मजबूती से सपोर्ट करते दिख रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले के मुकाबले ज्यादा लोग क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं। इतना ही नहीं अब क्रिप्टो से जुड़ी सेवाएं देने वाली कंपनियां इस सेगमेंट में निवेशकों को लुभाने के लिए काफी प्रयास कर रही हैं। कई देशों निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नये-नये तरीके पेश किए जा रहे हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत में एशिया का पहला एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) जल्द ही लॉन्च होने की संभावना है।
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किस कंपनी का होगा ईटीएफ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन आईएफसी मुंबई स्थित कोस्मी फाइनेंशियल होल्डिंग्स और हैदराबाद में मौजूद क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया के बीच एक जॉइंट वेंचर है। इसी ने भारत में डिजिटल एसेट बेस्ड प्रोडक्ट्स को डेवलप करने के लिए बीएसई की इंटरनेशनल शाखा इंडिया आईएनएक्स के साथ एक समझौता किया है। इस वित्त वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च तक यह ईटीएफ गिफ्ट (जीआईएफटी) सिटी में उपलब्ध हो सकती है। गिफ्ट सिटी गुजरात के गांधीनगर में मौजूद एक केंद्रीय व्यापार सेंटर है।
क्या होता है ईटीएफ
एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) एक प्रकार की सिक्योरिटी होती है जो किसी इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी या अन्य एसेट को ट्रैक करती है। लेकिन इसमें किसी स्टॉक एक्सचेंज पर उसी तरह ट्रेड किया जा सकता है जैसे एक रेगुलर शेयर में होता है।
कैसे मिलेगा मुनाफा
टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन आईएफसी कोस्मी फाइनेंशियल होल्डिंग्स और क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया के बीच एक 50:50 जॉइंट वेंचर है। कोस्मी फाइनेंशियल होल्डिंग्स को सैम घोष और क्लिंग ट्रेडिंग इंडिया द्वारा स्पॉन्सर किया जाता है। टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन और क्लिंग ट्रेडिंग ट्रैक द्वारा प्रस्तावित ईटीएफ डिजिटल टोकन में सीधे निवेश किए बिना क्रिप्टोकरेंसी से रिटर्न दिलाएगा।
कब कर पाएंगे निवेश
ये ईटीएफ सैंडबॉक्स एंवायरमेंट में लॉन्च हो सकता है, जिससे उभरते जोखिमों के लिए प्रोडक्ट की लाइव टेस्टिंग में मदद मिलेगी। इसके नतीजे में बड़ी संख्या में निवेशकों के प्रभावित होने से पहले इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा। बता दें कि एक बार जब इस ईटीएफ को गिफ्ट रेगुलेटर अथॉरिटी इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (आईएफसीएसए) से मंजूरी मिल जाएगी, तो भारतीय निवेशक आरबीआई की लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम रूट का उपयोग करके इसमें निवेश कर सकेंगे।
1 अरब डॉलर निवेश की उम्मीद
एक्सचेंज पहले ही आईएफसीएसए के पास मंजूरी के लिए आवेदन कर चुका है। गौरतलब है कि ईटीएफ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से जुड़े जोखिमों को दूर करते हुए नियमित निवेश खातों के माध्यम से ट्रेड की अनुमति देते हैं। टोरस क्लिंग ब्लॉकचैन ने इस सर्विस को लॉन्च करने के बाद पहले दो वर्षों में इसमें 1 अरब डॉलर के भारी भरकम निवेश का लक्ष्य रखा है। भारत में ईटीएफ एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 1.5 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी होकर 2.9 लाख करोड़ रुपये हो गयी है।