Income Tax भरने वाले हो जाएं सावधान, फॉर्म 26AS में हुए हैं ये बदलाव
नयी दिल्ली। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दी गई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फॉर्म 26एएस आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। फॉर्म 26एएस में कुछ बदलाव किए गए हैं और यही वजह है कि आपको नए बदलावों पर ध्यान देना जरूरी है। किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले फॉर्म 26एएस को ठीक से जांचना जरूरी है, क्योंकि इस फॉर्म में आपके नियोक्ता (Employer) / किरायेदार / अन्य व्यापार भागीदारों द्वारा काटे गए टैक्स की डिटेल होती है। इसमें आपकी एफडी ब्याज इनकम पर बैंकों द्वारा काटे गए टैक्स की भी जानकारी के अलावा आपके द्वारा अदा किए गए सभी टैक्स और रिफंड का भी विवरण होता है। वर्तमान मूल्यांकन वर्ष (Assessment Year) 2020-21 के प्रभाव से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फॉर्म 26एएस कई बदलावों के साथ पेश किया है, जिसमें अतिरिक्त वित्तीय जानकारी मांगी गई है। वर्तमान मूल्यांकन वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करते समय आवश्यकता होगी। आइए जानते हैं इस फॉर्म में हुए बदलावों के बारे में।
कैसे डाउनलोड करें फॉर्म 26एएस :
- ई-फिलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर लॉग-इन करें
- फिर माई अकाउंट मैन्यू पर जाएं और 'View Form 26AS (Tax Credit)' लिंक पर क्लिक करें
- डिस्क्लेमर पढ़ें, 'कंफर्म पर क्लिक करें और फिर आप टीडीएस-सीपीसी पोर्टल पर पहुंच जाएंगे
- TDS-CPC पोर्टल में उपयोग की स्वीकृति पर सहमति दें
- फिर 'Proceed' पर क्लिक करें
- ‘View Tax Credit (Form 26AS)' पर क्लिक करें और अपना मूल्यांकन वर्ष चुनें
- फिर View टाइप (HTML, Text or PDF) क्लिक करें और उसके बाद ‘View / Download' में से डाउनलोड कर लें
क्या हुए हैं इस फॉर्म में बदलाव
फॉर्म 26एएस के पूर्व संस्करण में आपके पैन, नाम और पते जैसे व्यक्तिगत विवरण होते थे। हालाँकि नए फॉर्म में पुरानी डिटेल के साथ आपके मोबाइल नंबर और ई-मेल की जानकारी होगी, क्योंकि अब टैक्स विभाग एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सभी कम्युनिकेशन भेजता है।
नए फॉर्म में देनी होगी अधिक जानकारी :
- टैक्स डिडक्टेड या कलेक्टेड एट सोर्स संबंधित जानकारी
- संपत्ति की खरीद-बिक्री, निवेश, लंबित कार्यवाही और मांग जैसी खास वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारी
- करों के भुगतान से संबंधित जानकारी
- मांग और रिफंड से संबंधित जानकारी
- लंबित कार्यवाही से संबंधित जानकारी
- पूरी हो चुकी कार्यवाही से संबंधित जानकारी
ये डिटेल भी होगी
यदि आपने अपने बचत बैंक, आवर्ती जमा या सावधि जमा में किसी वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा किया है तो इस राशि की जानकारी नए फॉर्म में होगी, क्योंकि इन डिटेल्स का आईटीआर में उल्लेख किया जाना जरूरी है। इसके अलावा तय सीमा से अधिक क्रेडिट कार्ड से की गई लेन-देन की डिटेल के अलावा विदेशी मुद्रा, शेयर खरीद / बिक्री, बॉन्ड और डिबेंचर की खरीद की जानकारी भी इसमें शामिल है।
Income Tax : आईटीआर फॉर्म में किया जा रहा बदलाव, ये है कारण