गोल्ड बीमा : इसके बाद नहीं रहती है जेवर लुटने की चिंता
नई दिल्ली। सोना काफी महंगा हो गया है। इस कारण महिलाएं गोल्ड खरीद तो लेती हैं, लेकिन लुटने के डर से पहनती नहीं है। लेकिन अगर महिलाएं अपने जेवरों का इंश्योरेंस करा लें तो लुटने या चोरी की चिंता की चिंता से मुक्त हो सकती हैं। यह काफी आसान तरीका है। मामूली से प्रीमियम पर गोल्ड इंश्योरेंस का फायदा उठाया जा सकता है। आजकल गोल्ड करीब 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर चल रहा है। ऐसे में अगर छोटा सा भी जेवर चोरी हो जाए या लुट जाए तो हजारों रुपये का नुकसान हो सकता है। ऐसे में जरूरत है कि गोल्ड इंश्योरेंस स्कीम का फायदा उठाया जाए। गोल्ड इंश्योरेंस ठीक उसी तरह से फायदा उठाया जा सकता है जैसे घर, कार आदि बीमा कराकर फायदा लिया जाता है।
लॉकर में रखे गोल्ड का भी मिल सकता है बीमा
अगर गोल्ड इंश्योरेंस लिया जाए तो यह न सिर्फ चोरी या लुटने पर मददगार साबित होता है, बल्कि यह बीमा बैंक लॉकर में रखे गोल्ड की भी सुरक्षा करता है। अगर बैंक लॉकर में रखे गोल्ड की चोरी होती है, तो बीमा उसका पूरा कवर देता है।
क्या होता है गोल्ड इंश्योरेंस
जैसे आप अपना बीमा लेते हैं, ठीक उसी तरह गोल्ड का भी बीमा होता है। यह दो तरह से लिया जा सकता है। अगर आप चाहें तो केवल गोल्ड का बीमा ले सकते हैं। लेकिन अगर आप चाहें तो इसे अपने घर के बीमे के साथ भी लिया जा सकता है। ऐसी पॉलिसी में गोल्ड इंश्योरेंस मिल जाता है। ऐसे बीमे के तहत बैंक लॉकर में रखे जेवर, चोरी, लूट अन्य किसी भी तरह से अगर क्षति या हानि होती है तो बीमा सुरक्षा मिलती है।
पहले हुए गहने लुटने के लिए नियम अलग
गोल्ड इंश्योरेंस के तहत पहले गहने लुट जाने पर बीमा कवर दिया जाता है। लेकिन ऐसा बीमा कवर कुछ शर्तों के साथ मिलता है। जो कंपनियां ऐसा बीमा देती हैं, आमतौर पर वह कंपनियां पुलिस एफआईआर दर्ज कराने, चोरी का प्रमाण देने जैसी शर्तें लगाती है। जो यह शर्तें पूरी करते हैं, उनको गहने की लूट होने की दशा में बीमा कंपनी नुकसान की पूर्ति करती है।
सीमित निपटान और पूर्ण कवर बीमा के बारे में जानें
गोल्ड इंश्योरेंस के तहत बीमा कवर आमतौर पर 2 तरीके से मिलता है। एक में भारतीय स्वर्ण बीमा कंपनियां सीमित निपटान दावा राशि देती हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि जितने रुपये के गोल्ड का नुकसान हो, तो बीमा कंपनी पूरे नुकसान की भरपाई करें, तो आपको थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना होगा। इसके तहत आप एक कस्टमाइज बीमा कवर ले सकते हैं। लेकिन यह बीमा कवर कुछ ऐसे हालात होतो हैं, जिनके तहत कवर नहीं माना जाता है। इसमें युद्ध, दंगा, आतंकवाद आदि के कारण अगर नुकसान या क्षति होती है, तो बीमा कवर का लाभ नहीं मिलता है।
इन दशा में भी नहीं मिलेगा बीमा का लाभ
गोल्ड इंश्योरेंस कंपनियां बीमा होने के बाद भी कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिन पर बीमा का लाभ नहीं देती हैं। इनमें परिवार के किसी सदस्य या नौकरारी (मेड) की वजह से अगर नुकसान होता है, तो बीमा कंपनियां नुकसान की क्षतिपूर्ति नहीं करती हैं। अगर घर 30 दिनों तक खाली रहे और इस दौरान चोरी हो जाए, तो गोल्ड इंश्योरेंस का फायदा नहीं मिलेगा।
ऐसे तय होता है गोल्ड इंश्योरेंस का प्रीमियम
गोल्ड इश्योरेंस या स्वर्ण बीमा का प्रीमियम तय करते वक्त बीमा कंपनियां कई चीजों के आधार पर तय करती हैं। ऐसे में जरूरी है कि गहने खरीदते वक्त उसकी रसीद जरूर लें और उसको संभाल कर भी रखें। यह दस्तावेज बीमा कंपनियां अगर क्लेम की जरूरत पड़ी, तो आपसे मांगती हैं। गोल्ड इंश्योरेंस का क्लेम लेने के दौरान बीमा कंपनियों को इस रसीद की जरूरत होती है। जब आप गोल्ड इश्योरेंस या स्वर्ण बीमा लेते हैं तो इन्हीं रसीदों के आधार पर ही प्रीमियम भी तय किया जाता है। बीमा कंपनियां आपके गोल्ड की ज्वैलरी और उसकी कीमत के आधार पर आपसे प्रीमियम लेती हैं। कुछ कंपनियां जहां रसीद को आधार मान कर बीमा देती हैं, वहीं कुछ बीमा कंपनियां अपने सर्वेक्षक के माध्यम से सोने की वैल्यू को मूल्यकांन कराती हैं। वहीं कुछ कंपनियां एक घोषित बीमा मूल्य पर कवरेज प्रदान करती हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में बीमा का प्रीमियम ज्यादा होता है।