इनकम टैक्स रिटर्न के क्या हैं फायदे
यदि आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय है और आपकी किसी एक वित्त वर्ष में कुल सालाना आय 2,50,000 रुपए से ज्यादा है तो आपके लिए आईटीआर भरना जरूरी है।
जैसा कि आप जानते हैं कि आयकर विभाग ने इकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 कर दिया है जो कि पहले 31 जुलाई थी। तो अब आप यह मौका ना गवाएं और अपनी आय का आंकड़ा आईटीआर भरकर सरकार को बताएं। जो लोग जॉब करते हैं उनकी कंपनियां अपने कर्मचारी को फॉर्म 16 जारी कर चुकी होंगी। तो वहीं आम नागरिक जिनका व्यापार है उन्हें उनकी अपनी आमदनी और निवेश से संबंधित राशि पर भी टैक्स भरना होता है।
यदि आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय है और आपकी किसी एक वित्त वर्ष में कुल सालाना आय 2,50,000 रुपए से ज्यादा है तो आपके लिए आईटीआर भरना जरूरी है। तो चलिए आपको आईटीआर भरने के फायदे के बारे में बताते हैं।
करदाताओं के लिए ई-फाइलिंग के लिए लॉन्च हुआ लाइट वर्जन
वीजा प्राप्त करने के लिए
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के कई फायदे हैं। जैसे कि यदि आप देश से बाहर नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो आपके पास पिछले तीन साल का आईटीआर होना चाहिए। वीजा के लिए आवेदन तभी स्वीकार किए जाते हैं।
आईटीआर रसीद का उपयोग
आईटीआर रसीद आपके पंजीकृत पते पर भेजी जाती है, जो आवासीय प्रमाण के रूप में काम कर सकती है। जिसे की आप एड्रेस प्रूफ की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
लोन लेने में आसानी
एक अच्छे नागरिक की तरह आयकर फाइलर होने के कारण बैंकों के लिए ऑटो ऋण, गृह ऋण इत्यादि जैसे ऋण के लिए आवेदन करते समय आय के स्रोत का आकलन करना आसान हो जाता है।
नुकसान से बचाता है
जब तक आप आईटीआर दर्ज नहीं करते हैं, तो आप पिछले वित्त वर्ष में अपने खर्च / घाटे को वर्तमान में प्रतिपूर्ति नहीं कर सकते हैं। आयकर प्रावधानों के अनुसार, यदि कर रिटर्न समय पर दायर नहीं किया जाता है, तो कई नुकसान (कुछ अपवादों के साथ) हो सकते हैं साथ ही इसे आने वाले सालों में आप नहीं भर सकते हैं। इसलिए भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए आपको वर्तमान अपना आईटीआर फाइल करना चाहिए।
पेनाल्टी देने से बच जाएंगे
यदि आप टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और आप सही समय पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो 10,000 तक पेनाल्टी देनी पड़ सकती है। जो कि आने वाले वर्ष के लिए अच्छा नहीं रहेगा।
क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी
यदि आपने कभी भी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो आपको क्रेडिट कार्ड लेने में मुश्किल हो सकती है। बैंक आपके क्रेडिक कार्ड अप्लीकेशन को रिजेक्ट कर सकते हैं। इसलिए इनकम टैक्स भरना चाहिए।
ज्यादा ब्याज देने से बचेंगे
यदि आप आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो बाकी रिटर्न आपके द्वारा देय शेष कर के लिए प्रति माह 1% पर अतिरिक्त ब्याज का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए, बैंक निश्चित सीमा से अधिक सावधि जमा पर ब्याज से कर घटाएंगे।
अच्छी पॉलिसी वाले इंश्योरेंस प्लान मिलने में आसानी
यदि बीमा कंपनियों को यह पता चलता है कि आप टैक्स नहीं भरते हैं तो आपको ज्यादा कवरेज वाले प्लान या फिर अच्छी पॉलिसी देने में वो एक बार जरुर सोचेंगे।
इसके अलावा फ्रीलांसर और खुद का बिजनेस करने वाले लोगों के पास फॉर्म 16 नहीं होता है तो ऐसे में आईटीआर फाइल की रसीद ही उनका एक प्रमुख दस्तावेज होता है जो वो कहीं पर भी दिखा सकते हैं। इसके बिना उनको फंडिंग की और ट्रांजेक्शन की परेशानी हो सकती है।