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मारुति : 12 हजार को बना दिया 6 लाख, जानें पूरी कहानी

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नई दिल्ली। देश में कार नाम का पर्याय बन चुकी मारुति की लिस्टिंग के देश में 16 साल पूरे हो गए हैं। मारुति की देश के शेयर बाजारों में लिस्टिंग 2003 में हुई थी। तभी से यह कंपनी अपने निवेशकों को धुंआधार मुनाफा दे रही है। मारुति की आज देश के कार बाजार में करीब 52 फीसदी हिस्सेदारी है, यानी हर दूसरी कार एक मारुति की ही है। देश में मारुति ने अपना कारोबार 1983 में शुरू किया था और सबसे पहली कार मारुति-800 लांच की थी। उसके बाद से कंपनी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। जैसे-जैसे देश में कार बाजार में दुनिया की अन्य बड़ी कंपनियां आईं मारुति ने अपनी रणनीति में बदलाव किए और अपनी पकड़ बनाए रखी।

मारुति : 12 हजार को बना दिया 6 लाख, जानें पूरी कहानी

सरकार ने बेच दी है पूरी हिस्सेदारी
इस वक्त् मारुति सुजुकी प्राइवेट लिमिटेड है। भारत सरकार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी लगातार कम करती चली गई थी। वर्ष 2007 में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी वित्तीय संस्थ्ज्ञानों को बेच दी थी। शुरुआत में मारुति सुजुकी में सरकार की हिस्सेदारी 74 फीसदी और सुजुकी की हिस्सेदारी 26 फीसदी थी।

कब हुई थी मारुति की लिस्टिंग

कब हुई थी मारुति की लिस्टिंग

मारुति की देश के शेयर बाजार में 9 जुलाई 2003 को लिस्टिंग हुई थी। तब से अब तक 16 साल हो चुके हैं। उस समय यह एक सरकारी कंपनी थी और इसने अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी। मारुति की यह हिस्सेदारी 125 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेची गई थी। बाद में इसकी लिस्टिंग 157 रुपये पर हुई थी, यानी पहले ही दिन मारुति ने अपने निवेशकों को तगड़ा लाभ दिया था। बाद में दिसंबर 2017 में मारुति के शेयर का रेट 10,000 रुपये हो गया था। अभी तक का अगर रिटर्न देखा जाए तो मारुति ने 16 साल में करीब 50 गुना बढ़ा है। कंपनी पिछले 9 साल से लगातार लाभांश दे रही है। अगर निवेश के वैल्यू देखी जाए तो आईपीओ में मिले 100 शेयर की वैल्यू आज 6 लाख रुपये हो चुकी है। इसमें लाभांश में मिला शामिल नहीं है। हालांकि पिछले कुछ समय से देश के कार बाजार में मंदी की मार है, जिसके कारण हर कंपनी की बिक्री प्रभावित हो रही है। इसके चलते पिछले 2 साल से इसके शेयर पर दबाव देखने को मिल रहा है। मारुति का जो शेयर दिसंबर 2017 में 10000 रुपये के स्तर पर चल रहा था वह आज करीब 40 फीसदी से ज्यादा टूटकर 6000 रुपये के नीचे चला गया है।

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मारुति के बारे में

मारुति के बारे में

मारुति का देश के कार बाजार में 52 फीसदी पर कब्जा है। देश की हर दूसरी कार मारुति की होती है। मारुति के देश में 2 प्लांट हैं, जिनमें 2400 रोबोट भी काम पर लगाए गए हैं। मारुति हर माह करीब 20,000 टन स्टील का इस्तेमाल करती है। कंपनी में बनी कारों को रोज ढोने के लिए 4000 ट्रकों की जरूरत पड़ती है। कंपनी के पूरे देश में करीब 2500 वेंडर्स हैं।

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1983 में लांच हुई थी मारुति-800 कार

1983 में लांच हुई थी मारुति-800 कार

मारुति ने अपनी सबसे पहली कार 1983 में मारुति-800 को लांच किया था। यह एक 796 सीसी की हैचबैक कार थी। जब यह भारत में लांच हुई तो यह सबसे किफायती कार मानी गई थी। बाद में दिसंबर 1983 में इसका देश में ही उत्पादन शुरू किया गया था। यह कार आज भी बेची जाती है। इसके बाद कंपनी ने मारुति वैन और मारुति जिप्सी को लांच किया था। मारुति ने 1986 में 1 लाख कार बनाने की उपलब्धि हासिल की थी। मारुति ने पहली बार 1987 में हंगरी को 500 कार भेजकर अपना निर्यात का कारोबार शुरू किया था।

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English summary

Value of investment of Rs 12 thousand rupees in Maruti today is Rs 6 lakh

Maruti was listed on the Bombay Stock Exchange and the National Stock Exchange on July 9, 2003.
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