GPF, EPF और PPF के बारें में ले पूरी जानकारी
प्रोविडेंट फंड (PF) टैक्स (Tax) बचाने के साथ-साथ निवेश (Investment) का भी एक लोकप्रिय माध्यम है।
नई दिल्ली: प्रोविडेंट फंड (PF) टैक्स (Tax) बचाने के साथ-साथ निवेश (Investment) का भी एक लोकप्रिय माध्यम है। इसकी ब्याज दरें (Interest rates) समय-समय पर सरकार द्वारा तय की जाती हैं। यह भी तीन तरह का होता है, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), लोक भविष्य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF)। जानकारी दें कि तीनों में बहुत अंतर होता है। सरकार (Government) की तरफ से समय-समय पर तीनों पर मिलने वाली ब्याज दर (Interest rates) में बदलाव किया जाता है। इस बात से भी रूबरू करा दें कि ये तीनों स्कीम (Scheme) एकदम अलग अलग है और इनके फायदे भी अलग-अलग होते हैं।
GPF (General provident fund)
जनरल प्रोविडेंट फंड (General provident fund) केवल सरकारी कर्मचारियों (Government employees) के लिए होता है। प्राइवेट कर्मचारियों (Private employees) के लिए EPF होता है। GPF पर 8 फीसदी ब्याज दर (Rate of interest) मिलती है। बता दें कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी सस्पेंड (Employee Suspend) हो जाता है तो वह GPF में जमा नहीं कर सकता है। जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर (Employee retire) होने वाला होता है तो, रिटायरमेंट से तीन महीने पहले GPF अकाउंट (Account) बंद हो जाता है। इस पर वर्तमान में 8 फीसदी ब्याज दर (Interest rate) मिलती है। सरकारी कर्मचारी इसके एवज (instead) में एडवांस लोन भी उठा सकता है, जिसके बदले उसे ब्याज नहीं चुकाना होता है। हालांकि लोन की राशि EMI के रूप में चुकानी होगी।
EPFO: जानें EPF अकाउंट में गलत है नाम तो कैसे सुधार किया जा सकता है ये भी पढ़ें
PPF (Public provident fund)
वहीं कोई भी व्यक्ति ऐच्छिक रूप (Optional form) से जिस संचित निधि (Consolidated funds) में निवेश (Investment) कर सकता है, उसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public provident fund) (पीपीएफ) कहा जाता है। पीपीएफ खाता (PPF Account) खुलवाने के लिए आपका नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। यह एक तरह से रिटायरमेंट सेविंग प्लान (Retirement Savings Plan) होता है जो कि मैच्योरिटी (Maturity) के बाद फायदा देता है। इसमें ब्याज का आकलन सालाना आधार पर किया जाता है। वहीं इसमें एक वित्त वर्ष (financial year) के भीतर न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये का ही निवेश (Investment) किया जा सकता है। इस निवेश को एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में जमा किया जा सकता है। जानकारी दें कि पीपीएफ (PPF) पर वर्तमान समय में 8 फीसद की दर से ब्याज (Interest) मिल रहा है। इसके तहत जितना निवेश किया जाता है वह 80C के तहत आता है और इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत मिलती है।
Car और Bike की ऐसे बढ़ाएं माइलेज, आसान है तरीका ये भी पढ़ें
EPF (Employees Provident Fund)
जानकारी दें कि संगठित व असंगठित क्षेत्रों (Organized and unorganized sectors) के कर्मचारियों (Employees) के लिए संचित निधि की जो व्यवस्था है, उसको एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (Employees Provident Fund) (ईपीएफ) कहा जाता है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) को कर्मचारी भविष्य निधि (Employee provident fund) भी कहते हैं, यह वो पैसा होता है, जो कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कट कर प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (Provident Fund Organization) में जमा होता है। बेसिक सैलरी (Basic salary) का 12 फीसदी कर्मचारी के वेतन से EPF में जमा होता है। 12 फीसदी कंपनी भी देती है, जिसमें 8.33 फीसदी आपके पेंशन स्कीम (EPS) अकाउंट में और बाकी 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है।
वहीं बात करें वर्तमान में रिटायरमेंट फंड (Retirement fund) बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employee provident fund organization) (ईपीएफओ) के सभी सदस्यों को उनके ईपीएफ खाते (EPF Account) में जमा राशि पर 8.65 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है। जिस कंपनी में 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं वहां कंपनी को अपने कर्मचारियों के लिए ईपीएफ (EPF) की व्यवस्था करनी होती है। इस खाते में जमा राशि पर आशिंक निकासी की भी सुविधा मिलती है जो कि सिर्फ कुछ निश्चित कारणों तक ही सीमित होती है।