Mutual Fund : ये हैं SBI की 27 फीसदी तक रिटर्न देने वाली स्कीमें
नई दिल्ली। एसबीआई (SBI) म्युचुअल फंड कंपनी भी चलाती है। इसे एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) के नाम से जाना जाता है। इसकी कई योजनाएं एसबीआई (SBI) की एफडी (FD) से बेहतर रिटर्न दे रही हैं। म्युचुअल फंड (mutual fund) की एक स्कीम ने तो 27 फीसदी तक का वार्षिक रिटर्न दिया है, यानी हर साल 27 फीसदी का रिटर्न। इसके अलावा भी कई अच्छी योजनाएं हैं, जिनका रिटर्न एफडी से अच्छा रहा है।
जानें रिटर्न का मतलब
म्युचुअल फंड में जब औसत रिटर्न कहा जाता है तो इसका मतलब होता है कि उस स्कीम ने हर साल इतना रिटर्न दिया है। इसे चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानी (सीएजीआर) Compound annual growth rate (CAGR) कहा जाता है। म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में आमतौर एक साल से ज्यादा समय का रिटर्न इसी तरह बताया जाता है। आइये अब जानते हैं कि कौन सी है ये 5 स्कीमें।
ये हैं एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की टॉप 5 स्कीम
पहली एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की स्कीम
SBI Blue Chip Fund ने 5 साल में 16.2 फीसदी वार्षिक रिटर्न दिया है। यानी जिन लोगों ने इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की इस स्कीम में पैसा लगाया है उनको रह साल औसतन इतना रिटर्न मिला है। इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की आसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) इस वक्त 5,354.44 करोड़ रुपये है।
दूसरी एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की स्कीम
SBI Magnum Multicap Fund ने 5 साल में 19.2 फीसदी का वार्षिक का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में पैसा लगाया होगा तो उसे हर साल औसतन इतना रिटर्न मिला है। इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की आसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,440.69 करोड़ रुपये है।
तीसरी एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की स्कीम
SBI Large & Midcap Fund (G) ने 5 साल में 16.2 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में पैसा लगाया होगा तो उसे हर साल औसतन इतना रिटर्न मिला होगा। इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की आसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2,136.05 करोड़ रुपये है।
चौथी एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की स्कीम
SBI Small Cap Fund (G) ने 5 साल में 27.1 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में पैसा लगाया होगा तो उसे हर साल औसतन इतना रिटर्न मिला होगा। इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की आसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,228.53 करोड़ रुपये है। एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) ने इस स्कीम में फिलहाल एसआईपी माध्यम से ही निवेश खोल रखा है। इसका मतलब है कि अगर कोई निवेशक एक बार में पैसा लगाना चाहे तो उसे इजाजत नहीं है।
पांचवीं एसबीआई म्युचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की स्कीम
SBI Magnum Tax Gain - Direct (G) ने 5 साल में 13.7 फीसदी का वार्षिक का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में पैसा लगाया होगा तो उसे हर साल औसतन इतना रिटर्न मिला है। इस म्युचुअल फंड (Mutual fund) की आसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 379.08 करोड़ रुपये है।
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म्युचुअल फंड एक्सपर्ट्स (Mutual Fund Experts) की राय
म्युचुअल फंड एक्सपर्ट्स (Mutual Fund Experts) और फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम के अनुसार म्युचुअल फंड में निवेश हरदम ही फायदेमंद होता है। लेकिन अच्छा फायदा तभी मिलता है जब कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। इसमें पहली बात है कि म्युचुअल फंड में निवेश हरदम ही लम्बे समय के लिए किया जाए। यह निवेश कम से कम 3 से 5 साल के जरूर होना चाहिए। इसके अलावा अगर आप युवा हैं तो आपको ज्यादा निवेश स्माल कैप फंड और मिड कैप फंड स्कीम में निवेश करना चाहिए। लेकिन अगर आपकी उम्र थोड़ा ज्यादा है तो आपको लार्ज कैप स्कीम में निवेश करना चाहिए।
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जानें म्युचुअल फंड में सिप क्या है (What is SIP)
म्युचुअल फंड (mutual fund) में निवेश के एक तरीके को सिस्टेमेटिक प्लान (Sistmatic Investment Plan) यानी सिप (SIP) कहते हैं। सिप (SIP) में किसी म्यूच्यूअल फंड में एक निश्चित अंतराल पर लगातार निवेश किसा जाता है। दरअसल यह करीब करीब पोस्ट ऑफिस (Post office) की आरडी (RD) की तरह होता है। इस तरह का निवेश शेयर बाजार मे होने वाले उतार चढ़ाव का म्युचुअल फंड (mutual fund) पर पड़ने वाले निगेटिव प्रभाव को कम करता है और रिटर्न का बढ़ाने में मदद करता है।
सिप (SIP) या एकमुश्त कर सकते हैं निवेश
म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश में दो विकल्प मिलते हैं। एक में पैसा एक साथ लगा सकते हैं, जबकि दूसरे में हर माह निवेश का विकल्प का मिलता है। हर माह निवेश के विकल्प को सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहते हैं। अगर आपके पास एक साथ बड़ी रकम नहीं है तो आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से निवेश शुरू कर सकते हैं। म्युचुअल फंड की कई स्कीम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत की अनुमति देती हैं।
हालांकि सिप (SIP) से निवेश में आसानी
सिप (SIP) माध्यम से निवेश करने मैं बहुत ही आसानी है। इसमें निवेश करने के लिए आपको चुने गए म्युचुअल फंड (mutual fund) को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है। इससे आपकी तरफ से तय की गई तारीख को आपकी तरफ से तय की गई रकम आपके बैंक अकाउंट से अपने आप ही कट कर म्युचुअल फंड कंपनी में चली जाती है। सिप (SIP) शुरू करने के बाद यह पूरा प्रोसेस अपने आप हर माह होता रहता है।
सिप (SIP) से घटता है निवेश का जोखिम
म्युचुअल फंड (mutual fund) में सिस्टेमेटिक प्लान (Sistmatic Investment Plan) यानी सिप (SIP) माध्यम से निवेश करने से जोखिम कम होता है और ज्यादा लाभ मिलने का चांस बढ़ जाता है। जब भी हम किसी म्युचुअल फंड में सिप (SIP) के माध्यम से निवेश करते हैं तो हमारा पैसा एक निश्चित अंतराल पर म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में निवेश होता है जो शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करता है। इसके अन्य फायदे जानते हैं
छोटी रकम से निवेश
अगर आप के पास एकमुश्त रकम नहीं है तो सिप (SIP) की शुरुआत केवल 500 रुपये से भी हो सकती है। बाद में धीरे धीरे यही छोटी रकम एक दिन बड़ी रकम का रूप ले लेगी।
कम रिस्क
सिप (SIP) में एक निश्चित अंतराल पर रकम म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में डाली जाती है। इससे मार्केट में होने वाली है उतार-चढ़ाव मे होने वाले जोखिम को कम करता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए आपके पास 1,00000 रुपये निवेश करने के लिए है। और इस रकम को आप एक साथ निवेश ना करके आप इस रकम को 10,000-10,000 हजार रुपये की 10 किस्त में हर महीने जमा करते हैं यानी हर महीने 10,000 हजार रुपये का निवेश करते हैं। ऐसे में शेयर बाजार मे होने वाले उतार चढ़ाव को एवरेज करने का मौका आपको 10 बार मिलेगा, जो आपका रिस्क कम कर देगा।
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जानें म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में इस्तेमाल होने वाले शब्दों का मतलब
एनएवी (NAV) (Net Asset Value)
जब भी म्यूचुअल फंड (Mutual fund) की बात होती है तब एक टर्म जो बार-बार प्रयोग में आती है और वह है एनएवी (NAV)। एक म्यूचुअल फंड (Mutual fund) कई जगह पैसे निवेश करता है इसलिए अगर किसी समय फंड से पैसा वापस लेना है तो यह उसकी NAV पर निर्भर करता है। अगर बेचना न भी हो तो फंड में पैसे के बारे में जानने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। किसी म्यूचुअल फंड (Mutual fund) की NAV वो कीमत है जिससे उस फंड की एक यूनिट खरीदी या बेची जा सकती है।
ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी एसेट (Asset Management Company) (AMC)
मैनेजमेंट कंपनी वह कंपनी होती है जो अलग-अलग प्रकार की म्यूचुअल फंड (Mutual fund) स्कीम लेकर बाजार में आती हैं। जैसे रिलायंस ग्रोथ फंड (म्यूचुअल फंड स्कीम) को रिलायंस कैपिटल ऐसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने लॉन्च किया, जो एक एएमसी यानी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी है।
पोर्टफोलियो मैनेजर (Portfolio Manager)
एक बार अगर आपका पैसा म्यूचुअल फंड (Mutual fund) स्कीम में चला गया, तब उस धन का प्रबंधन पोर्टफोलियो मैनेजर करते हैं। वे आपके धन को शेयर या फिर बॉन्ड में निवेश करते हैं, यह निवेश आपकी स्कीम कैसी है उस पर निर्भर करता है। अगर स्कीम के नजरिये से देखा जाये तो उनके निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे सिर्फ आपका नहीं, बल्कि आपके जैसे हजारों लोगों के धन का प्रबंधन करता है।
म्युचुअल फंड इंट्री लोड (MF Entry load)
म्युचुअल फंड इंट्री लोड एक महत्वपूर्ण शब्द है, जो हर म्यूचुअल फंड (Mutual fund) निवेशक के सामने आता है। एंट्री लोड और एक्जिट लोड यानी जब आप निवेश कर रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क और जब आप स्कीम से बाहर निकल रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क। जब आप म्यूचुअल फंड (Mutual fund) खरीदते हैं तब कई बार आपको एनएवी से ज्यादा पैसा देना पड़ता है, और बेचते वक्त हो सकता है आपको कम एनएवी मिले।
म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो (Mutual Fund Portfolio)
सभी शेयर और निवेश किया गया धन मिलकर पोर्टफोलियो बनता है, तो अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज ऑटो, आईडीबीआई बैंक और कुछ सरकारी बॉन्ड खरीदते हैं तो ये सभी एकत्र होकर एक पोर्टफोलियो बनते हैं।
एयूएम (AUM)
पूरा धन जो निवेश किया गया है, उस कुल धन को एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम कहते हैं. एयूएम (AMU) बाजार के वातावरण और निवेशकों के निवेश व धन निकालने की तीव्रता के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।
एसआईपी (SIP)
ज्यादातर ओपन एंडेड स्कीम में हर महीने छोटे-छोटे निवेश का विकल्प होता है। इसे सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी सिप (SIP) कहते हैं। यह बैंक के आवर्ती जमा (RD) की तरह कार्य करती है।
एनएफओ न्यू फंड ऑफर (NFO)
म्यूचुअल फंड (Mutual fund) के नये ऑफर होते हैं जिनकी फेस वैल्यू आमतौर पर 10 रुपए होती है।
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