पोस्ट ऑफिस की राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) योजना के बारे में 5 जरुरी बातें
यहां पर आपको पोस्ट ऑफिस के नेशनल सविंग सर्टिफिकेट के बारे में पांच जरुरी बातें बताएंगे।
डाकघर विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली नौ बचत योजनाओं में से एक प्रमुख योजना है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) या राष्ट्रीय बचत पत्र। जो कि आर्थिक मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित होती है। सरकार छोटी बचत योजनाओं में तिमाही आधार पर ब्याज दर को रिवाइज करते हुए लागू करती है। 31 मार्च की तिमाही के अंत तक एनएससी के लिए ब्याज दर प्रतिशत 8 प्रतिशत लागू की गई है। इस ब्याज को वार्षिक आधार पर संयोजित किया जाता है लेकिन परिपक्वता पर भुगतान किया जाता है।
यहां पर आपको पोस्ट ऑफिस के नेशनल सविंग सर्टिफिकेट के बारे में पांच जरुरी बातें बताएंगे-
एनएससी या राष्ट्रीय बचत पत्र के लिए योग्यता
इंडिया पोस्ट के अनुसार, एकल धारक प्रकार का प्रमाण पत्र किसी वयस्क द्वारा खुद के लिए या नाबालिग की जगह या नाबालिग की ओर से खुद खरीदा जा सकता है, जिसका पूरे देश में 1.5 लाख से अधिक डाकघरों में नेटवर्क है।
निवेश के लिए जरुरी राशि
एनएससी खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि 100 रुपए है। एनएससी या राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
NSC के लिए परिवक्ता अवधि
एनएससी में 100 रुपए निवेश पर आपको परिपक्वता अवधि के पूरा होने पर यानी पांच साल बाद 146.93 का ऑफर मिलेगा। इंडिया पोस्ट के अनुसार नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (NSCs) की पांच वर्षों की लॉक-इन अवधि है।
इनकम टैक्स में फायदा
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में जमा आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C में एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की आयकर कटौती का प्रावधान है।
सर्टिफिकेट का ट्रांसफर
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को प्रमाणपत्रों के ट्रांसफर के समय पुराने प्रमाणपत्रों का निर्वहन नहीं किया जाता है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय बचत पत्र एक लंबी अवधि के निवेश का माध्यम है। जिसके जरिए एक निश्चित ब्याज दर पर निवेशक को रिटर्न मिलता रहता है। इसे आप नजदीकी डाकघर से खरीद सकते हैं।