दिसम्बर 2018 से पहले पूरा करें ये 5 फाइनेंशियल टास्क
यहां पर आपको ऐसे ही पांच फाइनेंशियल टिप्स के बारे में बताएंगे जो कि आपको दिसंबर 2018 के खत्म होने से पहले पूरा करना चाहिए।
आज हम आपको ऐसे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल काम बता रहे हैं जो आपको इस साल के खत्म होने से पहले कर लेने चाहिए ताकि अगले साल कोई झंझट ना रहे।
तो ये हैं वो 5 फाइनेंशियल टास्क जो आपको दिसम्बर 2018 के खत्म होने से पहले कर लेने चाहिए:
1. अधिक जुर्माने से बचने के लिए ITR 31 दिसम्बर से पहले भरें
अगर आपने नियत तिथि तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आयकर) नहीं भरा है, तो 31 दिसम्बर 2018 से पहले इसे भरें। ऐसा इसलिए क्योंकि आयकर कानून (धारा 234 एफ) के अनुसार, नियम तिथि के बाद रिटर्न भरने वाले करदाताओं पर लेट फीस लगाई जाएगी।
वर्तमान कानून के अनुसार, यदि आयकर भरने की तारीख निकल चुकी है और 31 दिसम्बर 2018 से पहले यदि रिटर्न भरा जाता है तो 5000 रुपए की फीस लगेगी। इस तरह अगर आप 1 जनवरी 2019 और 31 मार्च 2019 तक रिटर्न भरते हैं तो आपको 10,000 रुपए लेट फीस देनी होगी।
इसलिए पेनाल्टी से बचने के लिए अपना लेट आईटीआर 31 दिसम्बर या उससे पहले जमा करवाएं। ध्यान रहे, आयकर दाता जिनकी आय 5 लाख से कम है, उनके लिए अधिकतम पेनाल्टी 1000 रुपए है।
2. EMV चिप वाला कार्ड लें
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के 27 अगस्त 2015 के सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को मेगस्ट्रिप या मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड को ईएमवी ( यूरो पे, मास्टरकार्ड और वीसा) से बदलना होगा। ऐसा करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2018 है। इसके बाद सभी मेगस्ट्रिप कार्ड ब्लॉक हो जाएंगे।
अगर आपने ईएमवी कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है तो 31 दिसम्बर 2018 से पहले ऐसा करें नहीं तो 1 जनवरी 2019 से आपका कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। ध्यान रहे कि नया ईएमवी कार्ड निःशुल्क मिलता है।
आपका कार्ड ईएमवी चिप वाला है या नहीं यह आप कार्ड के फेस पर बाईं तरफ देख सकते हैं।
3. नॉन-सीटीएस चेक प्रोसेस नहीं होंगे
आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार, बैंकों को अपने कस्टमर्स को सीटीएस-2010 वाली चेक बुक देनी होंगी। फिर भी, यदि कोई नॉन-सीटीएस चेक कस्टमर को दिया गया है और बैंक में फंड ट्रांसफर के लिए दिया गया है, तो चेक की क्लीयरिंग (जैसे कि चेक जारी करने वाले के खाते से चेक प्राप्त करने वाले के खाते में फंड ट्रांसफर) में देरी होगी।
आरबीआई के 1 सितंबर 2018 से प्रभावी निर्देश के अनुसार नॉन-सीटीएस चेक के क्लीयर होने का समय ‘महीने में एक बार' रखा गया है जो कि हर महीने का दूसरा बुधवार है। ध्यान रहे, 31 दिसम्बर 2018 के बाद, नॉन-सीटीएस चैक क्लीयरिंग के लिए स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यह एसबीआई की वेबसाइट पर भी बताया गया है।
इसलिए, ध्यान दें कि इस तारीख के बाद आपके पास नॉन-सीटीएस चैक ना हों। अगर आपके पास नॉन-सीटीएस चेक बुक है तो बैंक जाकर सीटीएस-2010 वाली चेक बुक ले लें। आपकी चेक बुक सीटीएस-2010 है या नहीं इसके लिए आप चेक के बाईं तरफ सीटीएस-2010 लिखा हुआ देख सकते हैं।
4. देखें कि क्या आपका एसबीआई नेट बैंकिंग अभी तक एक्टिव है
1 दिसम्बर 2018 से एसबीआई ने उन कस्टमर्स की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा बंद कर दी है जिनका मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं है। बैंक ने अपने ग्राहकों से ‘ऑनलाइन एसबीआई' की वेबसाइट से अपना मोबाइल नंबर ब्रांच से रजिस्टर करवाने के लिए कहा है ताकि नेट बैंकिंग में उन्हें कोई रुकावट ना हो। अगर आप नेट बेंकिंग एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं, तो अपनी हों ब्रांच या एसबीआई की नजदीकी शाखा में जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट करवाएं।
5. एसबीआई बडी (SBI Buddy) एप से रीइंबर्समेंट क्लेम करें
एसबीआई ने अपना SBI Buddy एप 30 नवंबर 2018 से बंद कर दिया है। यह मोबाइल वॉलेट बिल पेमेंट, रिचार्ज और मनी ट्रांसफर की सुविधा देता था। यदि आपकी अभी कोई राशि इस वॉलेट में है, तो अपनी नजदीकी एसबीआई ब्रांच जाकर इस राशि को वापस प्राप्त करने के लिए आवेदन करें।