NPS में हुए 5 बदलाव, सरकार द्वारा दिए जा रहे ये लाभ
यहां पर आपको नेशनल पेंशन सिस्टम में होने वाले 5 बदलावों और उनसे होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे।
राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिक आकर्षक बनाना, वित्त मंत्रालय ने योजना के प्रति उच्च योगदान और अपने ग्राहकों को अतिरिक्त कर लाभ की घोषणा की है। 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई पेंशन योजना 2009 में 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों के लिए खोली गई थी।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में सोमवार को कहा गया है कि 6 दिसंबर, 2018 को केंद्रीय बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को व्यवस्थित करने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। तो आइए जानते हैं कि ये प्रस्ताव कौन-कौन से हैं-
1. एनपीएस टायर -1 के तहत मौजूदा कर्मचारियों में से 10% से 14% तक के कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य योगदान में वृद्धि।
2. केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को पेंशन फंड और निवेश के पैटर्न के चयन के लिए आजादी प्रदान करना।
3. 2004-2012 के दौरान नॉन-डिपॉजिट या एनपीएस योगदान में देरी पर डिपॉजिट के लिए मुआवजे का भुगतान।
4. बाहर निकलने पर एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट सीमा बढ़ाकर 60% कर दी गई है। इसके साथ, पूरी वापसी पर अब आयकर से छूट दी जाएगी। (एन्युइटी की खरीद के लिए उपयोग किए गए कुल एकत्रित कॉर्प का 40% पहले से कर छूट है। सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस ग्राहक द्वारा निकाले गए एकत्रित कॉर्पस का 60%, 40% कर छूट है और शेष 20% है कर योग्य।)
5. एनपीएस के टायर -2 के तहत सरकारी कर्मचारियों द्वारा योगदान अब धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए कवर किया जाएगा। जनरल प्रोविडेंट फंड, योगदान भविष्य निधि, कर्मचारी भविष्य निधि और सार्वजनिक भविष्य निधि जैसी अन्य योजनाओं के समान आयकर के उद्देश्य के लिए 1.50 लाख बशर्ते कि 3 साल की लॉक-इन अवधि हो।