विदेश यात्रा के लिए देना होगा ज्यादा प्रीमियम
अगर आप विदेशों में छुट्टियां बिताने का प्लान बना रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस जरुर लें ले। अपने देश के दूर दुसरे जगहों पर ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत काम आता है।
अगर आप विदेशों में छुट्टियां बिताने का प्लान बना रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस जरुर लें ले। अपने देश के दूर दूसरे जगहों पर ट्रैवल इंश्योरेंस बहुत काम आता है। हांलाकि आपको इस बात की जानकारी दे कि कई देशों ने अपने यहां आने वाले टुरिस्टों के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस अनिवार्य किया हुआ है।
ट्रैवल इंश्योरेंस के कई फायदे भी है। अगर आपका सामान चोरी होता है तो इसकी भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी। इसलिए बाहर घूमने जाने से पहले ट्रैवल इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है।
इन सब के बीच आपको इस बात से अवगत करा दें कि यूएस और कनाडा जैसे कुछ देशों में टैवल इंश्योरेंस लेकर जाना एक आवश्यक शर्त है।
बीमा कंपनी ट्रिप का प्रकार, ट्रिप की कैटेगिरी, लोकेशन, ट्रिप का समय और कुल बीमा राशि के आधार पर एक ट्रेवल इंश्योरेंस प्लान ऑफर करती है। ये कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो भारत में एक पर्याप्त ट्रेवल इंश्योरेंस प्लान की कॉस्ट तय करते हैं।
बीमा राशि अधिक तो प्रीमियम कॉस्ट भी अधिक
जब एक ट्रैवल प्लान किया जाता है तो बीमा राशि का निर्धारणट्रैवल की जियोग्राफी के आधार किया जाता है। ट्रेवलर्स को उन देशों की यात्रा के वक्त बड़ी राशि का बीमा कराना होगा। इसके लिए कस्टमर को अधिक प्रीमियम देना होगा। यदि बीमा राशि अधिक है तो प्रीमियम कॉस्ट भी अधिक होगी।
मेडिकल ट्रीटमेंट कॉस्ट अधिक
दक्षिणपूर्व एशिया के देशों की तुलना में कनाडा और अमेरिका जैसे देशों के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए अधिक प्रीमियम देना होगा। इसका कारण भी इन देशों में मेडिकल ट्रीटमेंट कॉस्ट का अधिक होना है। इसी तरह जापान जाने पर यदि आप ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान लेते हैं तो आपको कनाडा अमेरिका के मुकाबले और अधिक प्रीमियम देना होगा। क्योंकि जापान में भूकंप जैसी प्राकृतिक दुर्घटनाएं अधिक होती हैं, इसलिए बीमा कंपनियां प्रीमियम अधिक लेती हैं।
बीमा कंपनी ट्रिप का जायजा भी लेती
बीमा कंपनियों के प्रीमियम का निर्धारण करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि ट्रिप का समय क्या है। यदि कस्टमर लंबे समय के लिए कहीं जा रहा हैं तो अधिक प्रीमियम देना होगा। वहीं अगर कम समय के लिए बाहर जा रहा हैं तो उसे कम प्रीमियम देना होगा। यदि कस्टमर ने ट्रिप का समय बढ़ा दिया है तो पॉलिसी होल्डर्स को अतिरिक्त प्रीमियम देना पड़ेगा।
इन बातों का ध्यान रखें
- यदि कस्टमर्स ट्रैवल इंश्योरेंस के साथ-साथ चोरी का बीमा और घर के सामान की सुरक्षा जैसे अतिरिक्त कवर लेता है तो उसे अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
- आपको बता दें कि इंश्योरेंस का प्रीमियम इस बात पर भी निर्भर करतर है कि आप सिंगल ट्रिप के लिए इंश्योरेंस ले रहे हैं या मल्टी ट्रिप या स्टूडेंट ट्रेवल के लिए। इन सब का प्रीमियम अलग-अलग होता है।
- इस बात की भी जानकारी दे कि कुछ बीमा कंपनियां बीमा करते वक्त कस्टमर की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति क्या है इस बात की जानकारी लेता है। वहीं कुछ कंपनियां तो आपकी उम्र अधिक होने या हेल्थ ठीन नहीं होने पर बीमा नहीं करती हैं।
- पॉलिसी धारक का नाम
- कॉन्टेक्ट डिटेल, जैसे फोन नंबर और ईमेल आईडी
- पॉलिसीहोल्डर की नागरिकता
- उस देश का नाम, जहां घटना घटी
- घटना या चोरी का ब्यौरा
- मेडिकल इमरजैंसी के केस में डायग्नॉस रिपोर्ट
- ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी नंबर
- एक्सीडेंट होने पर एक्सीडेंट की तारिख और समय
कैसे करे क्लेम
www.BankBazaar.com के मुताबिक यदि आपके पास ट्रेवल इंश्योरेंस है और आप कलेम करना चाहते हैं तो आपके पास ये डॉक्यूमेंट होने चाहिए।