मोदी सरकार ने दिया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने का शानदार मौका
मोदी सरकार इस बार त्योहारों के सीजन में जनता एक लिये बड़ा तोहफा लेकर आई है।अगर आप भी चाहते हैं कि इन त्योहारों में आप भी 'सोने' की खरीददारी करें तो इसके लिए इस बार आपको बार-बार अपना बजट नहीं
मोदी सरकार इस बार त्योहारों के सीजन में जनता एक लिये बड़ा तोहफा लेकर आई है। अगर आप भी चाहते हैं कि इन त्योहारों में आप भी 'सोने' की खरीददारी करें तो इसके लिए इस बार आपको बार-बार अपना बजट नहीं देखना होगा। इस बार सरकार सोने की खरीद पर कई ऑफर और स्कीम लेकर आई है।
जी हां त्योहारी सीजन में सोने के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए सरकार ने साल 2018-19 के लिए गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज लॉन्च कर दी है। जो कि 15 अक्टूबर से शुरू हुआ हैं और 19 अक्टूबर तक के लिए खुला है। बता दें कि बॉन्ड का सर्टिफिकेट 23 अक्टूबर को जारी होगा। ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट करने वाले निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड पर 50 रुपए का डिस्काउंट मिल रहा है। इस स्कीम के तहत 1 ग्राम से 4 किलोग्राम तक के गोल्ड बांड खरीदे जा सकते हैं।
किस्तों में चलेगी स्वर्ण बांड योजना
बता दें कि स्वर्ण बांड योजना फरवरी तक 5 किस्तों में चलेगी। अक्टूबर के बाद 5-9 नवंबर को इस बांड की ब्रिकी होगी और निवेशकों को 13 नवंबर को बांड जारी कर दिया जायेगा। उसके बाद यह 24 दिसंबर को आएगा और 28 दिसंबर को बंद होगा। चौथा और पांचवां चरण क्रमश: 14 से 18 जनवरी और 4 से 8 फरवरी को खुलेगा।
सरकार की इस स्कीम में गोल्ड पर पैसा लगाने पर आपको ब्याज भी मिलेंगे। शेयर बाजार में बढ़ती अनिश्चिचतता के बीच सरकार की यह स्कीम खुदरा निवेशकों के लिए निवेश का शानदार विकल्प साबित हो सकती है। हाल ही में वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) स्कीम 2018-19 के जरिए अक्टूबर 2019 से लेकर फरवरी 2019 के बीच हर महीने गोल्ड बॉन्ड जारी करेगी।
क्या हैं एसजीबी
एसजीबी में निवेशकों को गोल्ड में पैसा लगाने का मौका मिलता है। लेकिन उन्हें इसके लिए फिजिकल फॉर्म में गोल्ड रखने की जरूरत नहीं होती। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है। जिसकी कीमत इस बुलियन के बाजार मूल्य से जुड़ी होती है। बांड के मैच्योर होने पर इसे नकदी में भुनाया जा सकता है।
इस योजना को 2015 में शुरु किया गया था। जिसका मकसद सोने की भौतिक मांग में कमी लाना होता है। साथ ही गोल्ड बांड में निवेश करने के दौरान आपको टैक्स में भी छूट मिल सकती है। बता दें कि गोल्ड बांड भारतीय रिजर्व बैंक जारी करता है।
कितने में खरीद सकते हैं सोना
ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट करने वाले निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड पर 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जा रहा है। इंडिविजुअल 500 ग्राम और हिन्दू संयुक्त परिवार एक साल के दौरान अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर तक का बॉन्ड खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए परचेज प्राइस 3,146 रुपए प्रति ग्राम है। ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है।
क्या है मैच्योरिटी पीरियड
बॉन्ड पर सालाना कम से कम ढाई फीसदी का रिटर्न मिलेगा। गोल्ड बॉन्ड में किसी तरह की धोखाधड़ी और अशुद्धता की संभावना नहीं होती है। ये बॉन्ड्स 8 साल के बाद मैच्योर होंगे। मतलब साफ है कि 8 साल के बाद भुनाकर इससे पैसा निकाला जा सकता है।
कहां से खरीदे बांड
खुदरा निवेशक बैंक, चुनिंदा पोस्ट ऑफिसेज और स्टॉक एक्सचेंज से इसकी खरीदारी कर सकते हैं। इस बांड में कोई व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट्स, यूनिवर्सिटीज या फिर चैरिटी करने वाले संस्थान पैसा लगा सकते हैं।
पेमेंट के तरीके
बांड खरीदने के लिए निवेशक डिमांड ड्रॉफ्ट, चैक या ऑनलानइ पेमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा कैश पेमेंट की भी सुविधा मिलेगी लेकिन इस स्थिति में वे अधिकतम 20,000 रुपये की कीमत के ही बॉन्ड खरीद सकते हैं।
बांड खरीदने के फायदे क्या है
ये सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने की कीमतों से जुड़े होते हैं। जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही आपका निवेश भी ऊपर जाता है। गोल्ड ईटीएफ के मुकाबले इसके लिए आपको सालाना कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता है। आप इन बॉन्ड के आधार पर लोन भी ले सकते हैं। ये बॉन्ड पेपर और इलेक्ट्रोनिक फॉर्मेट में होते हैं, तो इससे आपको फिजिकल गोल्ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता।
टैक्स में भी छूट
एसजीबी में पैसा लगाने वाले निवेशकों को ब्याज से होने वाली आय आयकर की धारा 43 के तहत टैक्सेबल है लेकिन निजी व्यक्तियों को इससे होने वाले कैपिटल गेंस से छूट मिली हुई है। गौरतलब है कि इक्विटी मार्केट में होने वाली उठापटक और अनिश्चितता की स्थिति में निवेशक बुलियन में निवेश को अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प मानते हैं।