एजुकेशन लोन के लिए ज्यादा बेहतर बैंक या NBFC?
यहां पर आपको बताएंगे एजुकेशन के लिए बैंक और एनबीएफसी दोनों में से कौन सा लोन बेहतर होगा।
हायर एजुकेशन के लिए लोग अकसर एजुकेशन लोन की ओर अग्रसर होते हैं। यदि आप आर्थिक रुप से इतना समर्थ नहीं हैं कि पढ़ाई के खर्चों का वहन कर सकें तो शिक्षा लोन आपकी काफी मदद कर सकता है। रिर्पोट की मानें तो 90 प्रतिशत एजुकेश लोन सरकारी बैंकों से लिए जाते हैं। जिसमें से 20 प्रतिशत लोन 4 लाख से 10 लाख रुपए के बीच होते हैं। यहां पर आपको बताएंगे कि एजुकेशन लोन के लिए बैंक ज्यादा बेहतर होंगे या फिर NBFC।
बता दें कि बैंकों को पाठ्यक्रमों की मंजूरी की गई एक संकेतात्माक सूची दी जाती है। फिलहाल ये प्रतिष्ठित संस्थानों के पाठ्यक्रमों के अलावा नौकरी मिलने की संभावनाओं और मामले दर मामले के आधार पर भी कोर्सों पर विचार कर सकते हैं।
एजुकेशन लोन की श्रेणियां
- शीर्ष रेटिंग वाले संस्थानों में भर्ती छात्रों को लोन
- अन्य घरेलू संस्थानों में भर्ती छात्रों को लोन
- विदेश में पढ़ाई की इच्छा रखने वाले छात्रों को लोन
किन्तु जोखिम, संस्थान की छवि और नौकरी मिलने की संभावना के आधार पर एजुकेशन लोन की शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं।
NBFC जो लोन मुहैया कराती हैं
अवांस, टाटा कैपिटल और HDFC क्रेडिला जैसी NBFC एजुकेशन लोन मुहैया कराती हैं। जब पाठ्यक्रमों की पसंद की बात आती है तो ऐसी एनबीएफसी लोन की पेशकेश में अधिक लचीली हो सकती हैं। उदाहरण के लिए अवांस गैर-परंपरागत और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों जैसे न्यूज इज टेक्नोलॉजी कोर्स, डेटा साइंस, फोटोग्राफी, स्पोट्स इंजीनियरिंग, संगीत, एनीमेशन, पेंटिंग, थिएटर, डांस, भाषा इत्यादि के लिए लोन देती है। छात्रों के लिए ऐसे लोन की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है।
बैंक और एनबीएफसी दोनों पर मिलने वाला खर्च कवर
आपको बता दें कि बैंक और एनबीएफसी दोनों ज्यादातर सामान्य खर्च कवर करते हैं। इनमें कॉलेज की फीस, यात्रा का खर्च, कॉशन डिपॉजिट, बिल्डिंग फंड डिपॉजिट, किताबों की खरीद, इक्विपमेंट इत्यादि शामिल हैं। किताबों की खरीद आदि का खर्च शामिल है।
लोन पर ब्याज दरें
1 अप्रैल 2016 के बाद एजुकेशन लोन सहित सभी बैंक कर्ज अब MCLR से जोड़ दिए गए हैं। इससे पहले ये बैंक की बेस रेट से जुड़े थे। फिलहाल, NBFC के मामले में एमसीएलआर की अवधारणा नहीं है। इस प्रकार ये अपने फंडों की लागत और प्रतिस्पर्धा के आधार पर कर्ज की दरें तय करती हैं। ज्यादातर मामलों में एजुकेशन लोन एमसीएलआर से डेढ़ से दो फीसदी ज्यादा ब्याज पर दिया जाता है।
कितनी देनी पड़ती है मार्जिन मनी
कुछ मामलों में आपसे मार्जिन मनी देने के लिए कहा जा सकता है। यह रकम एजुकेशन लोन का 5 प्रतिशत हो सकती है। तो वहीं, विदेशी विश्वविद्यालयों के मामले में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत तक जा सकता है। ज्यादातर बैंकों के साथ ऐसे किसी मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं होती है बैंक 100 प्रतिशत फंडिंग करते हैं। अधिकांश एनबीएफसी में भी मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं होती है।
अधिकतमन लोन और गारंटी
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में शिक्षा के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए का एजुकेशन लोन दिया जा सकता है। तो वहीं विदेश में पढ़ाई के लिए इस रकम की सीमा 20 लाख रुपए रखी गई है। लोन की राशि के अनुसार बैंक गारंटी के लिए कह सकते हैं। 4 लाख रुपए तक के लोन पर कोई गारंटी नहीं ली जाती है। सिर्फ को-बॉरोअर काफी होता है यह छात्र के माता-पिता होते हैं।
टैक्स में लाभ और प्रोसेसिंग फीस
सेक्शन 80ई के तहत टैक्स छूट हासिल करने के लिए लोन अधिकृत संस्थान से लिया जाना चाहिए। प्रोसेसिंग फीस लोन की रकम का एक से डेढ़ प्रतिशत हो सकती है। बैंक एजुकेशन लोने लेने वाले छात्र को जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए कह सकते हैं। यह उनकी अनिवार्य शर्त हो सकती है। लोन एक देनदारी है इसलिए को-बॉरोअर को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे लोन की रकम के बराबर का इंश्योरेंस कवर ले लें।