घर खरीदने से पहले इन 7 चीजों की होनी चाहिए जानकारी
यहां पर आपको बताएंगे कि रियल एस्टेट के तहत घर खरीदते वक्त आपको कौन-कौन से चार्जेस देने पड़ते हैं और कितनी फीस लगती है।
घर या अपार्टमेंट खरीदना बहुत लोगों के लिये सपने सच होने जैसा है। कई व्यक्तियों के लिए, यह उनकी जिंदगी की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होती है। कई लोग अपने डाउन पेमेंट के लिए राशि बचाने का हर संभव प्रयास करते हैं। लेकिन बाद में, उन्हें पता चलता है कि कई अन्य फीस और शुल्क भी शामिल हैं।
लेकिन बहुत कम व्यक्तियों को पता होगा कि घर खरीदने में डाउन पेमेंट के अलावा कई अन्य लागत और शुल्क शामिल होते हैं। शुल्क और लागत आपकी संपत्ति के मूल्य के आधार पर अलग-अलग होगी क्योंकि यह प्रतिशत के मुताबिक चार्ज की जाती है।
जो लोग घर खरीदने की योजना बना रहे हैं उन्हें इन लागतों के बारे में और उन्हें भुगतान करने के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि ज्यादातर भुगतान एक बार में ही किये जाते हैं।
1) रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) लागत
रजिस्ट्रेशन की लागत संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करेगी। आमतौर पर, रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी 7-10 प्रतिशत के बीच रहती है। ज्यादातर समय स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान करने के लिए लगभग 5-7 प्रतिशत माना जाता है, बाकी को रजिस्ट्रेशन शुल्क माना जाता है और यह अदालत में देय होता है। इसके अलावा वकील की फीस, नोटरी फीस इत्यादि जैसे अन्य कई खर्चे भी हैं।
2) रखरखाव के लिए जमा
एक अपार्टमेंट के मामले में, कई बिल्डर्स रखरखाव की एडवांस जमा राशि लेते हैं। अब यह भिन्न हो सकता है। ऐसी खबरें थीं कि आजकल बिल्डर्स 10 साल तक रखरखाव अग्रिम शुल्क लेते हैं। जबकि आम तौर पर इसकी प्रवृत्ति 1-2 साल होती है, और हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि रिपोर्ट सही है या नहीं। यदि बिल्डर द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च सुविधाएं हैं तो यह एक बड़ी राशि हो सकती है।
3) इंटीरियर्स की लागत
बिल्डर्स आपको सिर्फ खाली मकान ही देगा। इंटीरियर डिजाइनिंग और घर के सामान के लिये आपको अतिरिक्त राशि का भुगतान करने के लिए तैयार रहना होगा। इंटीरियर की लागत आपके द्वारा चुने गए सामान की गुणवत्ता और डिजाइन पर निर्भर करेगी।
4) पार्किंग क्षेत्र
हां, एक अपार्टमेंट के पार्किंग क्षेत्र को संपत्ति की राशि के साथ नहीं माना जाता है। कुछ बिल्डर्स का कहना है कि पार्किंग क्षेत्र के लिए अलग से भुगतना करना पड़ेगा। इसलिये घर खरीदने से पहले इस बात की पुष्टि कर लें कि पार्किंग क्षेत्र घर के लिये दी गई राशि में शामिल होगा या उसके लिये आपको अलग से भुगतान करना होगा।
5) प्रोजेक्ट्स में देरी के कारण नुकसान
प्रोजेक्ट्स में देर होना आम बात है, लेकिन इससे ना सिर्फ आपकी चिंता बढ़ेगी बल्कि आपके खर्चे भी बढ़ सकते हैं। यदि संपत्ति लोन पर खरीदी जाती है, तो आप होम लोन पर लागू कर छूट के लिए योग्य नहीं होंगे। आपको संपत्ति किराए पर देने और उस पर आय अर्जित करने के लिए इंतजार करना होगा।
6) किस फ्लोर पर घर है जांच लें
अक्सर जब बिल्डर्स मकान बेचते हैं, तो वे बेस्ट प्राइस पर घर देने की बात करते हैं। हालांकि आपको इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप किस फ्लोर पर घर खरीद रहे हैं, क्योंकि आमतौर पर ऊपर के मंजिल के घर नीचे के मंजिल से महंगे होते हैं और इसका पता आपको बाद में चलता है।
7) होम लोन
अगर आप होम लोन ले रहे हैं तो इस मामले में, ब्याज दर, प्रॉसेसिंग फीस और अन्य शुल्कों की जांच करें। ब्याज दरों में 0.05 प्रतिशत की एक छोटी सी भिन्नता का मतलब बहुत हो सकता है, क्योंकि ये बड़े साइज के लोन होते हैं।