कल से वाहन बीमा अब तीन/पांच साल के लिए लेना अनिवार्य
एक सितंबर से लागू होने वाले नियमों के मुताबिक चारपहिया वाहनों के लिए एक बार में 3 और दोपहिया के लिए 5 साल का बीमा करवाना होगा।
एक सितंबर से लागू होने वाले नियमों के मुताबिक चारपहिया वाहनों के लिए एक बार में 3 और दोपहिया के लिए 5 साल का बीमा करवाना होगा। जी हां 1 सितंबर से अगर नई कार और टू व्हीलर खरीदते हैं तो इसके लिए 3 साल और 5 साल का इंश्योरेंस कवर लेना जरूरी होगा।
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस कवर 1 सितंबर से अनिवार्य कर दिया है। जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को इस बारे में निर्देश भी दिया है।
सभी पॉलिसीज पर लागू किया जा रहा
सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को आदेश दिया था कि नई कार के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर 3 साल और टू-वीलर्स के लिए 5 साल के लिए होगा। अब इसे सभी पॉलिसीज पर लागू किया जा रहा है। माना जा रहा है कि लॉन्ग टर्म के लिए प्रीमियम पेमेंट करने से नई गाड़ी की शुरुआती कीमत ज्यादा हो जाएगी, लेकिन इससे हर साल इंश्योरेंस रीन्यूअल कराने से छुटकारा मिल जाएगा।
नई कार और टू व्हीलर के लिए 3 ऑप्सन दिए हैं
- स्टैंडअलोन 3/5 साल पर सिर्फ थर्ड पार्टी
- पैकेज 3/5 साल इसमें 3/5 साल के लिए टीपी और एक्सिडेंट कवर शामिल है।
- बंडल्ड 3/5 साल इसमें 3/5 साल के लिए टीपी और 1 साल का एक्सिडेंट कवर शामिल है।
जानकारों की माने तो
एसीकेओ जनरल इंश्योरेंस के प्रमुख प्रोडक्ट हेड अनिमेष दास ने कहना है कि बीमा कंपनी ग्राहक को सभी तीनों ऑप्शन ऑफर कर सकती है। हालांकि, एक साल व्हीकल एक्सीडेंट पार्ट के बंडल्ड ऑप्शन को लेना बेहतर रहता है। क्योंकि यह आपकी नई कार के डैमेज को भी कवर करता है।
स्टैंडअलोन टीपी पॉलिसी लेने में प्रीमियम कम होता है लेकिन आपको व्हीकल डैमेज होने का कवर नहीं मिलता है। ऐसे में व्हीकल चोरी होने या एक्सीडेंट के चलते व्हीकल डैमेज होने की स्थिति में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गाड़ी पुरानी होने पर उसकी वैल्यू कम
असल में गाड़ियों के लिए इंश्योरेंस अनिवार्य होने के बाद भी बहुत से लोग इसे रीन्यू नहीं करा रहे थे। गाड़ी पुरानी होने पर उसकी वैल्यू कम होने के चलते बहुत से लोग या तो इसे सालाना आधार पर रीन्यू नहीं कराते थे या फिर ऐसी पॉलिसी खरीदते थे, जो सभी तरह के रिस्क को कवर नहीं करती थी।