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पेंशन पर टैक्‍स किस तरह लगता है जानें यहां पर

आपको यहां पर बताएंगे कि कर्मचारियों की पेंशन पर टैक्‍स किस तरह से लगता है।

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कर्मचारियों को अलग-अलग तरह की पेंशन मिलती है। इसलिए इस पर लगने वाला टैक्स भी अलग-अलग होता है। जब एक कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद जीवनभर पेंशन मिलती है, तो इस पर टैक्स लगता है। कर्मचारी दो तरह के होते हैं, सरकारी और गैर-सरकारी। इसी तरह पेंशन भी दो तरह की होती है, कम्यूटेड और दूसरी है अन-कम्यूटेड। अन-कम्यूटेड पेंशन एक निश्चित अवधि का भुगतान है। जैसे किसी को 2000 रुपए की मासिक पेंशन मिलती है, तो सैलरी की धारा 15 के अंतर्गत इस पर टैक्स लगता है, फिर चाहे कर्मचारी सरकारी हो या गैर-सरकारी।

कम्यूटेड पेंशन

कम्यूटेड पेंशन

कम्यूटेड पेंशन आपकी आवधिक पेंशन का एक लम्प-सम भुगतान है। उदाहरण के तौर पर, कोई रिटायरमेंट के समय 60,000 की पेंशन का 25% पाता है तो बाकी का 75% वो मासिक 1500 रुपए के रूप में पाएगा। इस तरह 60,000 एक कम्यूटेड पेंशन है जिसमें मासिक पेंशन 25% व्यक्ति एक साथ पाता है। कम्यूटेड पेंशन पर टैक्स कर्मचारी के स्टेटस पर निर्भर करता है और निर्भर करता है कि कर्मचारी ने ग्रेज्युएटी ली है या नहीं।

कम्यूटेड पेंशन किसे मिलती है

कम्यूटेड पेंशन किसे मिलती है

यदि ऐसी कम्यूटेड पेंशन सरकारी कर्मचारी (केंद्रीय/राज्य कर्मचारी, स्थानीय प्राधिकरण और सांविधिक निगम के कर्मचारी) को मिलती है जिसने ग्रेज्युइटी ली है या नहीं, तो उस पूरी पेंशन पर टैक्स में छूट मिलती है। यदि इस तरह की कम्यूटेड पेंशन गैर-सरकारी कर्मचारी को मिलती है और उसने यदि ग्रेज्युइटी ली है, तो उसकी पेंशन का एक तिहाई भाग टैक्स रहित रहता है। अगर गैर-सरकारी कर्मचारी ने ग्रेज्युइटी नहीं ली है, तो उसकी आधी पेंशन पर टैक्स नहीं लगता है।

यदि इस बताई गई सीमा के अलावा पेंशन प्राप्त की जाती है तो जिस साल टैक्स जमा किया जाना है उस साल उस पेंशन पर निश्चित टैक्स लगेगा। धारा 89 के अंतर्गत छूट प्राप्त की जा सकती है।

 

एनपीएस (NPS) द्वारा पेंशन

एनपीएस (NPS) द्वारा पेंशन

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) सरकारी नौकरी पाने वाले नए प्रतिभागियों और अन्य कर्मचारियों पर लागू होती है। स्कीम के अंतर्गत, 1 जनवरी 2004 को या इसके बाद नियुक्ति पाने वाले हर कर्मचारी को अपने पेंशन अकाउंट से 10% योगदान देना होता है। इतना ही योगदान नियोक्ता (नौकरी देने वाले) या सरकार को भी देना होता है। नई स्कीम के अनुसार टैक्स इस तरह लगता है:

1) नियोक्ता का नेशनल पेंशन स्कीम में योगदान कर्मचारी की हाथ में आने वाली ‘सैलरी' के हैड में शामिल होती है।

2) धारा 80 सीसीडी (2) के अनुसार कर्मचारी की सैलरी से 10% राशि इस योगदान के लिए काटी जाती है।

3) कर्मचारी का एनपीएस में 10% योगदान भी धारा 80 सीसीडी (1) के अनुसार कटौती योग्य है।

4) यदि इस राशि के अलावा पेंशन प्राप्त की जाती है तो उस पर टैक्स लगता है।

5) पॉइंट 1 और 2 में ‘सैलरी' में महंगाई भत्ता शामिल है जब कि अन्य भत्ते व लाभ शामिल नहीं हैं।

धारा 80 सी, 80 सीसीसीसी और 80 सीसीसीडी (1) के अंतर्गत कटौती की कुल राशि, जो इस बताई गई पेंशन स्कीम में कर्मचारी का योगदान है वह 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकता है।

 

एनपीएस के बारे में विस्‍तार से

एनपीएस के बारे में विस्‍तार से

हालांकि मूल्यांकन वर्ष 2012-13 के बाद से, नियोक्ता का एनपीएस में योगदान 1.5 लाख की मौद्रिक सीमा के लिए नहीं माना जाता है। धारा 80 सीसीडी (2) के अनुसार एनपीएस में नियोक्ता का योगदान कर्मचारी के हाथ में आने वाली सैलरी से 1.5 लाख तक की मौद्रिक सीमा में कटौती योग्य है लेकिन यह सैलरी का 10% ही हो सकता है। वित्तीय वर्ष 2016 के बाद, यू/एस 80 सीसीडी (1) के अनुसार कटौती में, धारा 80सीसीडी (1बी) के अनुसार एनपीएस में योगदान के लिए 50,000 तक की कटौती की जा सकती है।

English summary

Know How Your Pension Can Be Taxed

Tax-ability of commuted pension depends on the status of the employee and whether he has received gratuity.
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