हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
हाल के वर्षों में स्वास्थय समस्याएं दिनप्रति दिन बढ़ते जा रहे है। इतना ही नहीं इलाज के खर्च भी कई गुना बढ़ गया है। जिससे लोग काफी परेशान भी हो जा रहे है।
हाल के वर्षों में स्वास्थय समस्याएं दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे है। इतना ही नहीं इलाज के खर्च भी कई गुना बढ़ गया है। जिससे लोग काफी परेशान भी हो जा रहे है। यही मुख्य कारण हैं कि हेल्थ पॉलिसी की मांग तेजी से बढ़ रही है। हालांकि ज्यादातर लोगों को इस बात की भी जानकारी नहीं होती हैं कि उनके लिए कोन सा हेल्थ कवर ठीक है।
परंतु इलाज के बढ़ते खर्च के बीच बुजुर्गों के लिए इंश्योरेंस का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उनके लिए अच्छी हेल्थ पॉलिसी की जानकारी देना प्राथमिकता सूची में ऊपर आ गयी है। अकसर लोग हेल्थ पॉलिसी का चुनाव अपने इंश्योरेंस एडवाइजर के कहने पर करते है। सही हेल्थ पॉलिसी का चुनाव करने के लिए पॉलिसी एडवाइजर से कुछ सवालों के जवाब जरुर लेने चाहिए। वहीं इस कम्र में हमें कुछ बातों का ख्याल भी रखना चाहिए।
वेटिंग पीरियड
बता दें कि हेल्थ पॉलिसी लेने से पहले इंश्योरेंस एडवाइजर से सवाल करें कि पॉलिसी में कौन-सी बीमारियों का कवरेज शामिल है और कौन नहीं है। हेल्थ पॉलिसी में कई बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड 2 से 3 साल होता है। यानी पॉलिसी लेने के दो से तीन साल बाद उन बीमारियों का कवरेज मिलता है। ऐसी हेल्थ पॉलिसी ना लें जो आपकी जरूरत के लिहाज से सही नहीं हो।
प्रीमियम की जानकारी अवश्य
वहीं हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम उम्र, परिवार की हिस्ट्री, जॉब संबंधी जोखिम, बीमारी आदि को देखते हुए तय किया जाता है। हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले प्रीमियम को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना बहुत जरूरी है। यह आपको कम प्रीमियम पर बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस चुनने में मदद करेगा।
मेडिकल टेस्ट करवाना अनिवार्य
हालांकि कई बीमा कंपनियों ने हेल्थ इंश्योरेंस देने से पहले मेडिकल टेस्ट अनिवार्य कर रखा है। वहीं इस बात से अवगत करा दें कि अगर बीमा कंपनी मेडिकल टेस्ट नहीं करती है तो आप पॉलिसी फॉर्म में बिल्कुल सही जानकारी दें। ताकि सही जानकारी छुपाने पर आपको क्लेम सेटलमेंट लेने में परेशानी हो सकती है या फिर वह कैंसिल भी हो सकता है।
कैशलेस हॉस्पिटल के नेटवर्क की लिस्ट
हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले कैशलेस हॉस्पिटल के नेटवर्क की लिस्ट जरूर देख लें।इस बात को ध्यान दें कि कभी भी एक-दो बड़े हॉस्पिटल को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस न लें, बल्कि कोशिश करें कि आपके आसपास के हॉस्पिटल उस लिस्ट में शामिल हों। यह इसलिए जरूरी है कि आपात स्थिति में आप जल्द से जल्द बेहतर इलाज प्राप्त कर पाएं।
पॉलिसी का विवरण
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में दुर्घटना, मातृत्व लाभ, एम्बुलेंस, शल्य चिकित्सा और आउट पेशेंट उपचार के लिए शामिल प्रावधानों पर भी ध्यान दें। अगर आपकी पॉलिसी इन सभी पर कवर देती है तो पॉलिसी की लिमिट चेक करें। सभी बिंदुओं पर संतुष्ट होने के बाद ही हेल्थ इंश्योरेंस लें।
खुद भरें पूरा फॉर्म
इंश्योरेंस के लिए आवेदन के समय अधिकांशतः लोग पूरा फॉर्म खुद नहीं भरते हैं। यह गंभीर समस्या है। दूसरे फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट्स की तरह ही इंश्योरेंस लेते समय भी सभी औपचारिकताएं पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरी करनी चाहिए।
जरूरतों को समझें
इंश्योरेंस लेने से पहले पॉ़लिसी का पूरा मकसद और अपनी जरूरतों का धैर्य के साथ विश्लेषण करें। बिना पढ़े किसी भी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने से बचें। स्वास्थ्य से जुड़े सभी मसलों पर पूरी जानकारी दें। इनमें आपकी धूम्रपान और शराब की लत जैसी आदतें भी शामिल हैं। संपर्क संबंधी जानकारी पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराएं। वैरिफिकेशन के लिए बीमा कंपनी से मिलने वाली कॉल पर सीधे-सरल शब्दों में स्पष्ट बातचीत करें।