मां बच्चों के भविष्य के लिए इस तरह से कर सकती हैं वित्तीय मदद
यहां पर आपको बताएंगे कि कैसे एक मां अपने बच्चे को वित्तीय रुप से भविष्य में मदद कर सकती है।
मां बच्चों की वित्तीय समझ की नींव बनाती है, अत: आपको बहुत ही शुरुआती चरण से जोर देना होगा कि बच्चों को समझाएं कि पैसा कोई आसानी से प्राप्त होने वाली चीज नहीं है। यहां पर आपको बताया जा रहा है कि किस प्रकार वित्त प्रबंधन करके माताएं अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकती हैं।
बच्चों को पैसे के प्रति सचेत करें
चूंकि बच्चों की वित्तीय समझ की नींव मां बनाती है अत: आपको बहुत प्रारंभ से ही बच्चों को समझाना होगा कि पैसा हकदारी की चीज़ नहीं है। इसे समझदारी से खर्च करने की ज़रूरत है। रिटायरमेंट के बाद का जीवन बच्चों की उच्च शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है अत: पहले आपको अपने रिटायरमेंट के लिए पैसों की व्यवस्था करनी चाहिए। उच्च शिक्षा के लिए बच्चे लोन (ऋण) ले सकते हैं।
इमरजेंसी (आपातकालीन) फंड बनायें
माएं कई गतिविधियों का केंद्र होती है। 4-5 महीनों के खर्च को अलग रखें। पर्याप्त जीवन बीमा कवर लें, अपने आने वाले उद्देश्यों की पूर्ति के लिए टर्म प्लान खरीदें। पैसा ऊर्जा के उच्चतम रूपों में से एक है इसे लाभकारी बनाने के लिए इसे टैक्स और मुद्रास्फीति जैसे लुटेरों से बचाना होगा। किसी भी नकारात्मक स्थिति से बचने के लिए ध्यानपूर्वक योजना बनायें।
क्रेडिट कार्ड के जाल में न फंसे
खर्च पर ध्यान रखने के लिए क्रेडिट कार्ड एक अच्छा माध्यम है जिसमें आपको अभी खर्च करने और बाद में भुगतान करने की सुविधा मिलती है। परन्तु क्रेडिट कार्ड के इस जाल में फंसने से बचे। यदि आप अपने बिल का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं तो बकाया राशि पर लगने वाले ब्याज की दरें बहुत अधिक होती हैं।
उधार को जल्द चुकाने का प्रयत्न करें
यदि आपकी मासिक आय निश्चित नहीं है तो मासिक किश्तों यानी कि उधार से बचें। यदि आपके बच्चों की शिक्षा का लक्ष्य 10 वर्ष या उससे भी अधिक दूर है तो पारंपरिक निवेशों में उलझकर अपने पैसों की वृद्धि को बाधित न करें। व्यवस्थित निवेश योजनाओं के माध्यम से इक्विटी म्यूचल फंड्स में निवेश करना अच्छा विकल्प है।
पर्याप्त मेडिकल बीमा
एक बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस बीमा करवाएं ताकि पैसों की अचानक आवश्यकता पड़ने पर आपको अपने निवेश की योजना को अनियमित न करवाना पड़े। पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी को अक्सर अनदेखा किया जाता है। अपनी पूंजी के अधिकाँश भाग को रियल इस्टेट में न डालें अन्यथा आपके पास संपत्ति तो रहेगी परन्तु नकद राशि नहीं रहेगी।
शिक्षा के लिए जरुरी है सेविंग
शिक्षा पर मुद्रास्फीति बहुत अधिक है अत: वार्षिक भुगतान को पूरा करने के लिए प्रति माह किसी एसआईपी या आरडी में निवेश किया जाना चाहिए (सामान्यत: प्रतिवर्ष अप्रैल-जून के बीच)। शादी को कम प्राथमिकता दें तथा पहले सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अपने पैरों पर खड़ा रहे (आत्मनिर्भर बने) - स्वतंत्र और आर्थिक रूप से स्थिर बने और अपना जीवन अच्छे से प्रारंभ कर सके।
बच्चों को बहुत अधिक सुविधाएँ न दें
माता पिता चाहते हैं कि वे अपने बच्चों के लिए बहुत सारी संपत्ति छोड़ कर जाएं। बच्चों को मेहनत से कमाए गए पैसों की कद्र करना सिखाएं। अपने बच्चे को सीखने दें एक निश्चित उम्र के बाद बच्चों को स्वयं उनके तरीके से सीखने दें। वे ठोकरें खाकर, गिरकर और फिर उठकर ही चलना सीखते हैं। इस तरह वे सीखेंगे कि जीवन में पैसे की समस्या का सामना किस तरह से कर सकते हैं।
अनुशासन सिखाएं
यदि आप उनके भविष्य के लिए योजना बना रहे हैं तो अपने बच्चे को जागरूक बनायें और प्रतिमाह कम से कम 500 रूपये की एसआईपी या आरडी बनाये ताकि वे अनुशासन सीखें तथा उन्हें बचत की आदत लगे।