मोदी सरकार की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम से करें लाखों की बचत
अगर आप गोल्ड में रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। मोदी सरकार ने 2015 में गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत तीन योजनाओं को लॉन्च किया था। ये योजनाएं हैं गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, बुलियन स्कीम जिसके तहत आप सोने में निवेश करके 2.5 से 2.75 प्रतिशत तक ब्याज में कमाई कर सकते हैं। तो आइए आपको इन योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हैं साथ ही यह भी बताएंगे की आप इन योजनाओं में कैसे निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके पहले आपको थोड़ी सी जानकारी डिपॉजिट स्कीम के बारे में भी देंगे।
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम क्या है
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम, सोने की एक फिक्स्ड डिपॉजिट है। एसबीआई अपने ग्राहकों को इस स्कीम के तहत बेकार पड़े सोने को जमा करने में मदद करता है और बदले में ब्याज और टैक्स में लाभ के साथ सुरक्षा भी प्रदान करता है।
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम का उद्देश्य
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम को देश में निष्क्रिय सोने को इकट्ठा करने और इसे उपयोग करने योग्य बनाने में और ग्राहकों को निष्क्रिय सोने की होल्डिंग्स पर ब्याज कमाने का अवसर प्रदान करने की पेशकश की जाती है। कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर और समूह में इस योजना को ले सकता है।
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम की विशेषता और फायदे
- इस स्कीम के तहत डिपॉजिट करने की न्यूनतम राशि है 500 ग्राम और कोई भी अधिकतम लिमिट इसके लिए नहीं है।
- जमा करने का समय 3 साल, 4 साल और 5 साल है।
- सोने को गोल्ड बार, क्वॉइन और ज्वेलरी के रुप में जमा किया जा सकता है।
- भारत सरकार के टकसाल में गोल्ड को पिघलाने और परखने के बाद नोडल शाखा द्वारा गोल्ड डिपाजिट सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
- जारी किए गए प्रमाणपत्र शुद्ध सोने की सामग्री के लिए होंगे।
- अधिकतम 5 प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं।
- गोल्ड डिपॉजिट करने के 90 दिन के अंदर जमाकर्ता को गोल्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट भेजा जाएगा।
- इस योजना को समर्थन और वितरण द्वारा स्थानांतरित किया जा सकता है। हस्तांतरण को नोडल शाखा के साथ नोट किया जाना चाहिए।
ये खरीद सकते हैं मोदी सरकार की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम
मोदी सरकार की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम जिनमें गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड स्कीम, सोने के सिक्के और बुलियन स्कीम शामिल हैं। इन बॉन्ड को भारतीय नागरिक, एचयूएफ (हिंदू संयुक्त परिवार) ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और चैरिटेबल संस्थान खरीद सकते हैं।
निवेश के लिए जरुरी दस्तावेज
गोल्ड बॉन्ड्स पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा। इन बॉन्ड्स को खरीदने के लिए केवाईसी की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। साथ में वोटर आईडी, आधार कार्ड, पैन नंबर या पासपोर्ट में कोई एक दस्तावेज देना होगा।
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम क्या है
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत घरों में रखे सोने की गहनों को बैंकों में जमा करा सकते हैं। इस स्कीम के तहत 30 ग्राम खरा सोना जमा कराना जरुरी होगा। गोल्ड को आप 1, 3, 5, 7, 12 और 15 साल के लिए भी जमा करा सकते हैं। सोना जमा करने पर मध्यम अवधि में 2.25 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। 5-7 साल के लिए बैंक में सोना जमा रखने पर आपको 2.25 प्रतिशत का ही ब्याज मिलेगा। इस योजना के तहत किसी भी व्यक्ति की डिपॉजिट बकाया है, तो उसे रखने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते वह परिपवक्ता अवधि के पूर्व ही डिपॉजिट को नहीं निकाल लें। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (जीएमएस) 2015 क्या है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ग्राम्स ऑफ गोल्ड में मूल्यांकित सरकारी प्रतिभूतियां हैं। ये फिजिकल गोल्ड को अपने पास रखने के विकल्प हैं। यह ज्वेलरी, गोल्ड बार, गोल्ड क्वॉइन आदि को हतोत्साहित करने और पेपर गोल्ड को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस योजना को लॉन्च किया गया है। इस योजना को आरबीआई के द्वारा जारी किया जाता है। क्या है सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना?
सोने के सिक्के
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोने के सिक्के भी लॉन्च किए थे। इन सिक्कों के एक तरफ अशोक चक्र बना रहता है। इन सिक्कों की बिक्री एमएमटीसी के जरिए होती है। भारत में सोने का दाम, देखें अपने शहर में सोने का दाम