कम कीमत वाले शेयर्स में निवेश का अच्छा मौका
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स, अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट और पीएनबी के महाघोटाले के बाद से बाजार में लागातार गिरावट जारी है। निफ्टी अपने शिखर से 6 प्रतिशत नीचे गिर चुका है, इससे पहले निफ्टी 11 हजार के आंकड़े को पार कर चुका था। हालांकि बड़े बाज़ारों में नुकसान काफी ज़्यादा रहा है। इस समय कुछ शेयरों की कीमत बहुत कम हो चुकी है और कुछ की तो 2 सप्ताह में सबसे कम कीमत है। आइये देखें कि क्या आपको उन्हें खरीदने का जोखिम उठाना चाहिए। शेयरों के दाम गिरे हैं तो आप कुछ अच्छे शेयर्स के पोर्टफोलियो को चेक करके उसमें निवेश कर सकते हैं।
जागरण प्रकाशन
यह दैनिक जागरण ग्रुप का है, जो कि देश का पहले नंबर का अखबार है। कई कारण हैं जिनसे आप ये शेयर खरीद सकते हैं। सबसे पहला तो यह कि इसकी कीमत 165 रुपए है जो कि 52 सप्ताहों में सबसे कम 160 रुपए के एकदम नज़दीक है। दूसरा कारण है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में चुनाव होने से, कंपनी अच्छा खासा मुनाफा कमा सकती है। अगले साल देश भर में केंद्र सरकार के चुनाव भी होंगे, इसलिए इसके शेयर में काफी गुंजाइश की संभावना है। इस शेयर को खरीदने के और भी कई कारण हैं।
तेजी से बढ़ रहा है मुनाफा
नॉन-प्रिंट बिजनेस से होने वाला मुनाफा तेजी से बढ़ा है और वित्तीय वर्ष 2018 के पहले 9 महीनों में यह 20 प्रतिशत रहा है। रेडियो बिजनेस ने लगातार 3 तिमाहियों से 30 प्रतिशत ईबीआईटीडीए मार्जिन दिया है और इस वर्ष डिजिटल एडवरटाइज़मेंट बिजनेस के मुनाफे में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
मजबूत वित्तीय स्थिति
7 करोड़ पाठकों की संख्या के साथ यह आईआरएस 2017 की रेटिंग में अग्रणी है। उत्तर प्रदेश, एनसीआर में पहले नंबर का अखबार है। जागरण ने मुंबई का प्रसिद्ध सायकालीन अखबार "मिड-डे" और "नई दुनिया" को भी खरीदा हुआ है। दिसंबर 31,2017 को खत्म होने वाली तिमाही में कंपनी की वित्तीय स्थिति मज़बूत रही है। कंपनी की ईपीएस पिछली तिमाही में 1.98 से बढ़कर 2.49 हो गई है।
अच्छा विकल्प
2018-19 में, हमें विश्वास है कि अपने ईपीएस को कम से कम 12 रुपए तक लेकर जाने के लिए सही राह पर है। यदि आप एक 20 बार के पी/ई के लिए आवेदन करते हैं, तो शेयर को कम से कम 240 का कारोबार करना चाहिए। वर्तमान की 165 रुपए की रेट के अनुसार यह एक अच्छा विकल्प है।
पंजाब नेशनल बैंक
11,000 करोड़ के घोटाले की खबर से बैंक के शेयर गिर गए हैं। इस मामले में पीएनबी के कर्मचारी लिप्त हैं, जिन्होंने नीरव मोदी के स्वामित्व वाली एक निजी कंपनी के साथ मिलकर काम किया और उन्हें अंडरटेकिंग इकाइयां या गारंटियां जारी की ताकि नीरव मोदी की फर्मों को अन्य बैंकों से पैसे मिल सके।
नीरव मोदी बैंक को पैसा वापस करने के लिए तैयार
इस मामले में पीएनबी को 11,000 करोड़ का नुकसान दिखाई दे रहा है। और, बैंक पहले ही गलत दाव खेल चुका है और इसकी प्रतिक्रियाएँ खतरनाक हो सकती हैं। फिर भी, बैंक से स्पष्टीकरण मिला है कि नीरव मोदी इस राशि के लिए सहमत हो गए हैं।
क्या अब पीएनबी का शेयर खरीदना चाहिए?
ऐसा अक्सर देखा गया है कि ऐसी घटनाओं के बाद शेयर्स में गिरावट आती है, पीएनबी के शेयर 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर 121 रुपए पर आ गए हैं। एक सप्ताह में, शेयर 161 से 121 पर आ गया है। इस स्तर पर भी इस शेयर में उठ खड़े होने की क्षमता है। 3 से 6 महीने में सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
अच्छे रिटर्न्स देता है पीएनबी
यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि पीएनबी अच्छे रिटर्न्स देता है। यदि मुख्य बात देखें तो, यदि बैंक को 11,000 करोड़ की मार झेलनी पड़ती है, तो यह एक बड़ा नुकसान होगा। अब यह नीरव मोदी पर निर्भर है कि क्या वे पूरा कर्ज़ चुकाते हैं या स्थिति ज़्यादा खराब होती है। 3 से 6 महीने के शॉर्ट टर्म में यह शेयर रिटर्न देना शुरू कर सकता है।
ग्लेनमार्क फार्मा
यह भी वो शेयर है जो 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर पर चला गया है। दिसंबर 31, 2017 को खत्म होने वाली तीसरी तीमाही में ग्लेनमार्क की सेल्स 2535 करोड़ के मुक़ाबले 2203 करोड़ दर्ज़ की गई, जो कि 13.07% की गिरावट है।
क्या अभी शेयर खरीदना सही है ?
पिछली तिमाही के 477 करोड़ के मुक़ाबले 31 दिसंबर को खत्म होने वाली तिमाही में नेट प्रॉफ़िट 104.7 करोड़ रहा है। साफ़ तौर पर, इस फार्मा कंपनी के परिणाम आशा से कम रहे हैं। इन कारणों से इसके शेयर की कीमत 52 सप्ताह से सबसे निचले स्तर पर चली गई है। इस लेवल पर इस शेयर को ना खरीदना ही बेहतर है।