भारत का ID प्रूफ आधार, चीन और जापान का क्या?
हर देश की अपनी अलग पहचान होती है। ठीक उसी तरह हर देश का पहचान पत्र भी थोड़ा-थोड़ा अलग होता है। जैसे भारत का सबसे बड़ा पहचान आधार कार्ड है ठीक उसी तरह अमेरिका, चीन और जापान जैसे देशों की एक यूनिक आईडी प्रूफ होता है। तो आप भी विदेश जाने का मन बन रहे हैं या यहां की आईडी प्रूफ जानने की दिलचस्पी रखते हैं तो यह खबर आपको काफी ज्ञानवर्धक साबित होगी।
चीन
चीन की तो हर बात निराली होती है। यहां पर हर काम बांकी देशों से अलग और अनूठा होता है। यहां पर 16 साल की उम्र पूरी होने पर रेजिडेंट कार्ड बनवाना होता है, उसे ही आईडी कार्ड की मान्यता होती है।
रुस
यह एक देश है जो रशियन को पहचान दिलाता है। यहां पर 14 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को आंतरिक पासपोर्ट बनवाना होता है। जो 20 से 45 साल की उम्र में रिन्यू होता है।
जापान
जापान में 2013 में माई नंबर लॉ लाया गया था, इसके तहत सभी नागरिकों को एक नंबर दिया जाता है। वह नंबर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं लेने के लिए जरुरी है।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में ड्राइविंग लाइसेंस, टैक्स फाइल नंबर, मेडिकेयर नंबर ये सब पहचान के तौर पर या आईडी प्रूफ की तरह इस्तेमाल होता है।
यूनाइटेड किंगडम
यूनाइटेड किंगडम में पहचान पत्र के लिए कई सारी चीजें इस्तेमाल की जा सकती हैं। ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, उम्र का प्रमाण पत्र सब आईडी कार्ड की तरह यहां पर इस्तेमाल होते हैं।
अमेरिका
यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में अलग से कोई आईडी कार्ड नहीं है, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, सोशल सिक्योरिटी कार्ड, स्टेट आईडी और मिलिट्री सीएसी कार्ड चलता है।
फ्रांस
फ्रांस में भी पहचान पत्र थोड़ा रोचक है। यहां पर नेशनल आईडी कार्ड को यूरोप में ट्रैवल डाक्यूमेंट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
जर्मनी
यहां पर पासपोर्ट जैसा कोई आईडी कार्ड होना जरुरी है, लेकिन उस आईडी पर क्या-क्या जानकारी शेयर होनी है यह वहां के नागरिकों की इच्छा पर निर्भर करता है। जैसे चाहें वैसे वो अपनी उंगलियों के निशान दे सकते हैं।
ब्राजील
ब्राजील में आईडी कार्ड को आरजी कार्ड कहते हैं, लेकिन यह होना जरुरी नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट से काम चल जाता है।