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जीरो बैलेंस बचत खाते के बारे में 7 जरुरी बातें जानिए आप भी

By Pratima
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बैंकों न्‍यूनतम राशि रखने की सीमा के चलते लोग अच्‍छा-खास परेशान होते इस समय नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर आपको किसी ऐसे खाते के बारे में पता चल जाए जिसमें कि न्‍यूतनम राशि रखने की कोई पाबंदी न तो कैसा रहेगा। जी हां जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट ऐसा ही अकाउंट है जिसमें आपको न्‍यूनतम राशि रखने की आवश्‍यकता नहीं होती है। साथ ही इसमें आपको कई सारे अन्‍य फायदे भी मिलते हैं। तो आइए जीरो बैलेंस बचत खाते के बारे में विस्‍तार से जानते हैं।

 

कोई न्यूनतम राशि नहीं

कोई न्यूनतम राशि नहीं

एक नियमित सेविंग अकाउंट के बजाय एक सामान्य बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) पसंद किया जाता है क्योंकि इसमें कोई न्यूनतम राशि की आवश्यकता नहीं है। इसमें मिनिमम अकाउंट बैलेन्स की आवश्यकता नहीं होती है, जो कि हर बैंक में अलग-अलग होता है और इतना बैलेन्स ना होने पर पेनल्टी भी लगती है, जबकि BSBDA में खाते में न्यूनतम राशि रखने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

क्‍या सेकंडरी खाते के रुप में इस्‍तेमाल कर सकते हैं?

क्‍या सेकंडरी खाते के रुप में इस्‍तेमाल कर सकते हैं?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सभी बैंकों का खाता खोलने वालों को ऐसी सुविधा देना जरुरी किया गया है। अपने नियमित सेविंग बैंक अकाउंट को प्रभावी रुप से मैनेज करने के लिए जीरो बैलेंस खाते को सेकंडरी खाते के रुप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

समान ब्याज दर
 

समान ब्याज दर

इसकी ब्याज दर भी नियमित सेविंग अकाउंट की तरह ही होती है। खाते में जमा करवाना, हर एटीएम पर पैसे की निकासी, चैक बुक की सुविधा (कई शहरों में भुगतान की सुविधा) और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।

पात्रता

पात्रता

हर बैंक का उम्र और आय का अपना मानदंड होता है। फिर भी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा इन बैंकों को उम्र और आय के अनुसार बीएसबीडीए खाता खोलने वालों को बाध्य नहीं करने के लिए कहा गया है।

सीमित लेन-देन

सीमित लेन-देन

आरबीआई ने पैसे जमा करवाने और निकालने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन बैंकों ने महीने में 4 बार निकासी की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। इसमें एटीएम से पैसे निकालने, आरटीजीएस, एनईएफ़टी, ब्रांच कैश, स्टेंडिंग इन्सट्रक्शन, ईएमआई आदि सभी शामिल हैं। फिर भी यह बैंक पर निर्भर करता है कि वह अतिरिक्त निःशुल्क निकासी देता है या नहीं। जमा करवाने की कोई सीमा नहीं है।

बीएसबीडीए और बीएसबीडीए स्माल अकाउंट में अंतर

बीएसबीडीए और बीएसबीडीए स्माल अकाउंट में अंतर

एक सामान्य बीएसबीडीए अकाउंट के लिए केवाईसी ज़रूरी है लेकिन यदि सरल केवाईसी के साथ खाता खोला गया है तो यह बीएसबीडीए स्माल अकाउंट के अंदर आता है। इसमें निम्न प्रतिबंध होते हैं:

1. एक वित्तीय वर्ष में सभी क्रेडिट मिलाकर 1 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए।

2. सारे विड्रॉउल और ट्रांसफर मिलाकर 10,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।

3. किसी भी समय बैलेन्स 50,000 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।

4. स्माल अकाउंट शुरू में 12 महीने के लिए वैध होते हैं, जिसे आगे 12 महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए वैध दस्तावेज़ पेश करने होते हैं।

 

केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।

केवल एक ही खाता खोला जा सकता है।

एक पुराना सेविंग अकाउंट बीएसबीडीए में बदला जा सकता है। आप नया भी खोल सकते हैं। एक व्यक्ति एक बैंक में एक ही बीएसबीडीए खाता खोल सकता है। यदि किसी ने नियमित सेविंग अकाउंट खुलवाया हुआ है, तो इसे बीएसबीडीए खुलवाने के 30 दिनों के अंदर बंद करना ज़रूरी है, अन्यथा इसे बैंक 30 दिनों में बंद कर देगा।

English summary

7 Smart things to know about zero balance savings account in Hindi

Know about the 7 smart things about zero balance savings account.
Story first published: Wednesday, January 24, 2018, 10:49 [IST]
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