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2018 के लिए 16 बेहतरीन टैक्स सेविंग ऑप्‍शन

By Pratima
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नया साल 2018 प्रारंभ हो चुका है। इसके साथ ही करदाता बेहतरीन टैक्स सेविंग विकल्पों की तलाश में जुट गए हैं। ताकि वे धारा 80सी के तहत 2018-2019 के लिए जमा किए जाने वाले टैक्स से कुछ रकम बचा सकें। होशियार निवेशक बेहतरीन टैक्स सेविंग विकल्पों में निवेश करके टैक्स भी बचा लेते हैं और अधिक रिटर्न भी प्राप्त करते हैं। तो कौन से हैं वो बेहतरीन टैक्स सेविंग ऑप्‍शन जिनका इस्तेमाल आप धारा 80सी के तहत करके 2018 के लिए टैक्स बचा सकते हैं? इसके अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यापारियों के लिए कौन सी टैक्स बचत योजनाएं उपलब्ध हैं? आइए जानते हैं।

ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड

ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड

ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड एक ऐसी म्यूचुअल फंड योजना है जिसके माध्यम से व्यक्ति प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपये की बचत पर कर लाभ प्राप्त कर सकता है। अन्य म्यूचुअल फंड की तरह ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी रिटर्न की गारंटी नहीं देता। परंतु इन ईएलएसएस फंडों में निवेश करके आप 12% से 18% तक का उच्च रिटर्न पा सकते हैं।

अन्य टैक्स सेविंग स्कीम के मुकाबले ईएलएसएस फंड की लॉक-इन अवधि 3 साल की है। निवेशक लाभांश विकल्प को चुन सकते हैं और लॉक-इन अवधि के दौरान नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं।

एसआईपी के ज़रिए आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा करके ईएलएसएस फंड में निवेश कर सकते हैं। इस तरह आप बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचेंगे और बेहतर रिटर्न भी पा सकते हैं। ध्यान रखें कि हर महीने की एसआईपी की लॉक-इन अवधि 3 साल की होगी।

उदाहरण, अगर आपने पहली एसआईपी नवंबर-17 को जमा की हो तो तीन साल की लॉक-इन अवधि अक्टूबर-2020 को समाप्त होगी। अगर आप दूसरी एसआईपी दिसंबर -2017 को जमा करते हैं तो इसकी लॉक-इन अवधि नवंबर-2020 को पूर्ण होगी। क्योंकि यह एक इक्विटी म्यूचुअल फंड है जिसमें आपका निवेश 3 साल के लिए लॉक-इन है, इस फंड से प्राप्त होने वाला रिटर्न कर मुक्त होता।

टॉप ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में एक्सिस लॉग टर्म इक्विटी फंड, रिलायंस टैक्स सेवर फंड, डीएसपी बीआर टैक्स सेवर फंड आदि शामिल हैं।

यह बेहतरीन निवेश योजनाओं में से एक है जो अद्भुत रिटर्न प्रदान करती है और आपको 2018-2019 में कर बचाने के लिए भी मदद करता है।

 

लोक भविष्य निधि

लोक भविष्य निधि

वित्त मंत्रालय हर त्रिमास पर लघु बचत योजनाओं के त्रिमास को घटाता जा रहा है। पीपीएफ खातों पर ब्याज दरों (जोकि किसी समय में काफी अधिक था) को घटाया जा रहा है। हालांकि, यह अब भी भारत में आयकर को बचाने का सबसे अच्छा निवेश विकल्प है।

फिलहाल इस पर सालाना ब्याज 7.8% है (अक्टूबर से दिसंबर 2017)। भारत सरकार हर तिमाही पर इसके अपडेट की जानकारी देती रहेगी। समय की पूर्ति पर प्राप्त होने वाले ब्याज कर मुक्त होगा। पीपीएफ खाते में लॉक-इन अवधि 15 साल है।

1.5 लाख तक का निवेश, 80सी के तहत आयकर दर के लिए योग्य है। हालांकि, यदि कोई इस राशि से अधिक निवेश करता है, तो वह तीसरे वित्तीय वर्ष से पाँचवें वित्तीय वर्ष के बीच अपने पीपीएफ खाते पर ऋण ले सकता है। ऋण पर ब्याज का दर प्रतिवर्ष के ब्याज भुगतान से 2% अधिक होगा। 6 वें वित्तीय वर्ष से निकासी की अनुमति दी जाती है।

प्रवासी भारतीय (एनआरआई) पीपीएफ के लिए योग्य नहीं हैं। अक्टूबर 2017 के नए पीपीएफ नियमों के तहत, अगर एनआरआई पीपीएफ जारी रखते हैं तो उन्हें केवल डाकघर एसबी ब्याज प्राप्त होगा।

कोई व्यक्ति एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) या व्यक्तियों की मंड़ली की ओर से निवेश नहीं कर सकता है।

न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपये और अधिकतम राशि 150,000 रुपये है। यदि आप इस राशि से अधिक किसी भी राशि का निवेश करते हैं, तो राशि बिना किसी ब्याज के आपके खाते में लौट दी जाएगी।

आप हर महीने पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। यदि आप हर महीने पांच तारीक से निवेश आरंभ करते हैं, तो आप महीने की शेष अवधि के लिए ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप 5 अप्रैल से पहले 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको पूरे वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज मिलेगा इस तरह आप 15 साल की अवधि के लिए अधिक पीपीएफ रिटर्न प्राप्त करेंगे।

पीपीएफ कई अच्छी सुविधाएं प्रदान करता है। 2018 में 80सी के तहत कर बचाने की यह सबसे अच्छी निवेश योजना है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो कर बचाना चाहते हैं और जो रिटायरमेंट के उद्देश्य या बच्चों की शादी या बच्चों की शिक्षा के लिए धन जमा करना चाहते हैं। एवं उनके लिए जो सुरक्षित और उच्चतम रिटर्न की तलाश में हैं।

 

सुकन्या समृद्धि खाता योजना

सुकन्या समृद्धि खाता योजना

यदि आपकी कोई बेटी है, तो आप सुकन्या समृद्धि खाता योजना के तहत 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और उच्चतम ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में ब्याज दर प्रतिवर्ष 8.3% (अक्टूबर से दिसंबर 2017) हैं।

जब तक लड़की 15 साल की नहीं हो जाती माता-पिता/अभिभावक इस योजना के तहत राशि जमा कर सकते हैं। लड़की की उम्र 21 वर्ष की होने पर यह खाता परिपक्व हो जाता है। 16 से 21 वर्ष की आयू के बीच कोई राशि जमा नहीं करनी पड़ती। अवधि समाप्त होने पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होता है।

इस तरह के कर बचत निवेश योजनाओं में निवेश करने से पहले सुकन्या समृद्धि खाता योजना की समीक्षा कर लें।

 

टैक्स सेवर बैंक एफडी योजनाएं

टैक्स सेवर बैंक एफडी योजनाएं

आईटी अधिनियम की धारा 80 सी के तहत आयकर बचाने के लिए यह पुरानी और सबसे अच्छी निवेश योजना है। पिछले साल की नोटबंदी के बाद, ब्याज दरों में काफी गिरावट आई है। फिलहाल ब्याज दर 4.5% से 7.5% प्रतिवर्ष के बीच है।

बैंक में रखी गई एफडी से प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर चुकाना पड़ता है। इस कर को निवेश वापस पा सकता है परंतु इसकी एक अलग प्रक्रिया है। टैक्स सेवर एफडी योजना 5 साल की लॉक-इन अवधि की है।

सर्वोत्तम कर बचत एफडी योजनाएं प्रदान करने वाली बैंको में रत्नाकर बैंक - 7.2%, आईडीएफसी बैंक - 7.2%, डीसीबी बैंक - 7.1%, करूर वैश्य बैंक - 7% और लक्ष्मी विलास बैंक - 7% शामिल हैं। वरिष्ठ नागरिकों को इस दर पर 0.5% अधिक ब्याज प्राप्त होता है।

 

वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाएं (एससीएसएस)

वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाएं (एससीएसएस)

यह टैक्स सेविंग स्कीम वरिष्ठ नागरिकों को निश्चित रिटर्न प्रदान करती है। इसके अलावा बैंकों में राशि सुरक्षित रहती है। कर बचाने के लिए 60 साल या उससे अधिक आयु वाले व्यक्ति अपना एससीएसएस खाता खोल सकते हैं। प्रतिवर्ष वर्ष प्राप्त होने वाला ब्याज 8.3% (अक्टूबर से दिसंबर 2017) है।
परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है।

हर तिमाही के अंत में ब्याज का भुगतान किया जाता है। यदि वरिष्ठ नागरी टैक्स बचाना चाहते हैं तो यह सबसे अच्छा निवेश विकल्प है क्योंकि उन्हें त्रैमासिक ब्याज मिलेगा। अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख है।

इस योजन के तहत अर्जित ब्याज पर कर चुकाना पड़ता है। एक वर्ष के बाद आप अपनी जमा राशि निकला सकते हैं परंतु जमा राशि पर 1.5% ब्याज चुकाना पड़ेगा और 2 साल के बाद 1% ब्याज चुकाना होगा।

 

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (आरजीईएसएस)

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (आरजीईएसएस)

यह टैक्स बचत योजना नए निवेशकों के लिए है। यह योजना प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये की आमदनी वाले नए निवेशकों को कर लाभ प्रदान करती है।
इस योजना में आप प्रति वित्तीय वर्ष 50,000 रुपये की अधिकतम राशि निवेश कर सकते हैं। यह राशि आप बीएसई 100 स्टॉक में या आरजीईएसएस म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

इस योजना के तहत निवेश की गई 50% राशि पर कर माफ हो सकता है। मतलब यदि आप पहली बार के लिए बीएसई 100 स्टॉक या आरजीईएस म्यूचुअल फंड में 50,000 रुपये की राशि निवेश करते हैं, तो आपको पहली बार में 25,000 रुपये का टैक्स छूट मिलेगी वो भी केवल एक समय में। मतलब आपको अधिकतम 7,725 रुपए (30% कर ब्रैकेट) तक की कर माफी मिल सकती है।

यह लाभ लगातार 3 वर्षों तक प्राप्त किया जा सकता है। इसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि निवेश उच्च जोखिम वाले विकल्प जैसे स्टॉक और आरजीईएसएस म्युचुअल फंड में लगा होता है।

1 अप्रैल 2017 से यह योजना चरणबद्ध की जा रही है। क्योंकि बहुत कम लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। चरणबद्ध होने के कारण, वित्तीय वर्ष 2017-18 में आने वाले नए निवेशक धारा 80 सीसीजी के तहत कटौती का दावा नहीं कर पाएंगे। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2016-17 या उसके पहले के वर्षों में कटौती का दावा करने वालों को वित्तीय वर्ष 2017-18 में कटौती प्रदान की जाएगी, यदि वे इसके लिए योग्य हैं।

स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ)

स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ)

स्वैच्छिक भविष्य निधि में कर्मचारी खुद अपनी मर्जी से राशि जमा करता है। यह 12% ईपीएफ योगदान से अधिक है। हालांकि कर्मचारी इसमें योगदान करने के लिए बाध्य नहीं है। मूलभूत और डीए का 100% हिस्सा कर्मचारी अधिकतम राशि के रूप में जमा कर सकता है।

इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जितना ही ब्याज मिलता है। वित्त वर्ष 2016-2017 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर प्रति वर्ष 8.65% थी। हालांकि, वित्त वर्ष 2017-2018 के लिए इसे 8.4% तक कम करने की उम्मीद है।

वीपीएफ में निवेश सेवानिवृत्ति के दौरान ही निकाली जा सकती है, इसलिए यह आयकर बचाने के लिए सर्वोत्तम कर बचत विकल्प है। परिपक्वता रिटर्न टैक्स मुक्त है। आप वीपीएफ, ईपीएफ और पीपीएफ के बीच तुलना करके तीनों में अंतर जान सकते हैं।

 

नई पेंशन योजना (एनपीएस)

नई पेंशन योजना (एनपीएस)

यदि आप सेवानिवृत्ति के लिए एक बचत योजना की तलाश कर रहे हैं तो यह एक अच्छा निवेश विकल्प है। एनपीएस रिटर्न में अंतर हो सकता है। पिछले 5 वर्षों में, कई एनपीएस फंडों ने 10% से 15% के बीच रिटर्न दिया है। यदि आप एक अच्छे एनपीएस फंड में निवेश करते हैं, तो आप निवेश पर 12% से 15% तक मुनाफा कमा सकते हैं, जो कि म्यूचुअल फंड रिटर्न के बराबर है। यह एक कम लागत वाला निवेश विकल्प है। इसमें फंड प्रबंधन शुल्क 0.000 9% से आरंभ होते हैं।

आप प्रति माह 500 रुपये या प्रति वर्ष 6,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। एनपीएस में निवेश की अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि, आप टीयर -1 योजना में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और 80 सी के तहत कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

निवेशक इक्विटी, बॉन्ड और गिल्ट के आवंटन का विकल्प चुन सकते हैं। परिपक्वता राशि कर योग्य है। एनपीएस योजना में राशि लगाने से पहले जरूरी जानकारी इकट्ठा कर लें। आप नई पेंशन योजना (एनपीएस) ऑनलाइन या ऑफ़लाइन खोल सकते हैं।

 

नई पेंशन योजना (एनपीएस) यू/एस 80 सीसीडी

नई पेंशन योजना (एनपीएस) यू/एस 80 सीसीडी

80सी के अलावा, आप टीयर -1 योजना यू/एस 80 सीसीडी में निवेश करके 50,000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकते हैं। टियर -1 में, आप सेवानिवृत्ति से पहले अपने निवेश को वापस नहीं ले सकते। इसका मतलब, आपके पैसे रिटायरमेंट तक लॉक हो जाएंगे (कुछ शर्तों पर आप पैसों को निकलवा सकते हैं)। सेवानिवृत्ति कॉर्पस राशि जमा करने के लिए यह एक अच्छा रिटायरमेंट विकल्प हो सकता है।

राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी)

राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी)

राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र डाकघर प्रदान करता है। क्योंकि यह एक सरकारी योजना है तो आपका निवेश सुरक्षित रहेगा। एनएससी 5 साल की अवधि के लिए उपलब्ध हैं जबकि पहले यह 10 साल के लिए उपलब्ध थी।

एनएससी योजना में न्यूनतम राशि 500 रुपये तथा अधिकतम राशि 1,000 रुपये/5,000 रुपये या 10,000 तक की निवेश की जा सकती है। निवेश के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

5 साल के लिए एनएससी (अक्टूबर से दिसंबर 2017) में निवेश करने पर हर साल 7.8% ब्याज मिलता है। यह चौथाई तिमाही में बदल जाएगा और वित्त मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। हर छह महीने में ब्याज जोड़ा जाता है।

प्राप्त ब्याज कर योग्य है। आईटीआर दाखिल करते समय आपको इस कमाई को अन्य आय के रूप में दिखाना पड़ेगा और आयकर का भुगतान करना होगा। हालांकि, दावा करके इस रकम को वापस पाया जा सकता है (1.5 लाख रुपये की सीमा के भीतर)। मतलब आप इसे अन्य आय के रूप में दिखा सकते हैं और यू/एस 80सी के तहत छूट पा सकते हैं इस तरह आपको टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

आप अकेले, जोड़ी में या अभिभावक अपने बच्चे के साथ इस एनएससी योजना में निवेश कर सकते हैं।

 

यूनिट लिंक्ड इंवेस्टमेंट प्लान (यूएलआईपी)

यूनिट लिंक्ड इंवेस्टमेंट प्लान (यूएलआईपी)

2010 के आईआरडीए दिशानिर्देशों के बाद, बीमा कंपनियों ने यूएलआईपी शुल्क घटा दिए हैं। यूएलआईपी योजनाएँ जीवन जोखिम कवरेज प्रदान करती हैं। नई यूएलआईपी नीतियों में कम नीति/प्रशासन शुल्क है। इसमें गारंटीकृत रिटर्न नहीं है। योजना के आधार पर यह 5% से 11% रिटर्न प्रदान करता है।

अच्छे रिटर्न पाने के लिए आपको अपनी राशि 10 से 12 सालों तक यूएलआईपी में रखनी चाहिए। अगर आपको शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड पर भरोसा नहीं है, तो यह पैसा बचाने का एक अच्छा विकल्प है, जिसमें आपको लाइफ कवर भी मिलेगा और रिटर्न भी हासिल होंगे।

 

जीवन बीमा योजनाएं

जीवन बीमा योजनाएं

एक जीवन बीमा लेना वित्तीय योजना में पहला कदम है। कम लागत और उच्च जोखिम कवरेज वाली अच्छी टर्म बीमा योजना सही साबित होगी।
टर्म इंश्योरेंस प्लान को धनराशि प्राप्त करने के लिए नई बनाया जाता। बल्कि इन्हें जोखिम के समय में जीवन को आसान बनाने के लिए तैयार किया जाता है। 10 या 15 साल बाद के खर्चों को ध्यान में रख कर जीवन बीमा चुनें। यह आपके जीवन को सुरक्षित और आयकर को बचाने के काम आएगी।

गृह ऋण प्रिंसिपल पुनर्भुगतान

गृह ऋण प्रिंसिपल पुनर्भुगतान

यदि आप ने अभी तक अपना घर नहीं खरीदा है तो आप खरीदारी का फैसला लेकर होम लोन प्रिंसिपल पुनर्भुगतान पर कर छूट प्राप्त कर सकते हैं (छूट 2 लाख तक के ब्याज पर प्राप्त की जा सकती है इससे संबंधित जानकारी आगे दी गई है)। गृह ऋण प्रिंसिपल पर चुकाए गए ब्याज पर आप कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। आप इस विकल्प को चुनकर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

गृह ऋण पर ब्याज - धारा 24

गृह ऋण पर ब्याज - धारा 24

यदि आप होम लोन लेते हैं तो ब्याज के तौर पर दी गई 2 लाख या 1.5 लाख तक की राशि पर छूट का दावा कर सकते हैं। जैसे कि अगर आपने गृह ऋण लिया है और 2.2 लाख रुपये तक की राशि को ब्याज के रूप में चुकाया है, तो आप धारा 24 के तहत छूट के रूप में 2 लाख रुपये का दावा कर सकते हैं। परंतु शर्त है कि संपत्ति खुद के रहने के लिए ली गई हो। किराये पर दी गई संपत्तियों पर इस तरह की छूट का दावा नहीं किया जा सकता।

प्रथम घर खरीदार - गृह ऋण पर ब्याज - धारा 80ईई

प्रथम घर खरीदार - गृह ऋण पर ब्याज - धारा 80ईई

यदि आप पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो हर साल 50,000 रुपये की अतिरिक्त ब्याज राशि पर कर छूट का दावा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप ने पहली बार घर खरीदा है और 2.6 लाख रूपए होम लोन के ब्याज के तौर पर चुका चुके हैं तो आप धारा 24 के अनुसार 2 लाख रुपये और धारा 80ईई के अनुसार 50,000 रुपये का दावा कर सकते हैं, जोकि कुल मिलाकर 2.5 लाख रुपए की राशि बनती है।

पेंशन निधि

पेंशन निधि

पेंशन फंड की राशि रिटायरमेंट के बाद अधिक मददगार साबित होती है। इसमें डिफर्ड ऐनुइटी और तत्काल ऐनुइटी के विकल्प हैं। डिफर्ड ऐनुइटी योजना के तहत, आप सेवानिवृत्ति होने तक हर साल राशि निवेश करते हैं। सेवानिवृत्ति होने पर, आप 60% राशि निकाल सकते हैं और बाकी राशि ऐनुइटी फंड में जमा रखनी होगी जोकि आपको मासिक पेंशन देगी।

हालांकि तत्काल ऐनुइटी योजनाओं के तहत, आप एक बार में भारी राशि निवेश करते हैं और अगले महीने से ही मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं।
क्योंकि यह कर बचत निवेश विकल्प नहीं है इसलिए आपको चिकित्सा बीमा पर कर छूट या किराये की आय पर कटौती की छूट नहीं मिलेगी।

निष्कर्ष: ये टॉप 16 टैक्स सेविंग योजनाएं आपको धारा 80सी के तहत 1.5 करोड़ रूपए, एनपीएस के तहत 50,000 रुपये, 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर होम लोन छूट और पहली बार घर खरीदने वालों को अतिरिक्त 50,000 की छूट जोकि कुल मिलाकर 4.5 लाख रुपये बनते हैं। आपको सभी विकल्पों पर विचार करने की ज़रूरत नहीं है। आप अपने निवेश विकल्पों के अनुसार कुछ पर विचार कर सकते हैं परंतु निवेश अवधि, जोखिम और सुविधाओं को ध्यान में रखकर।

 

English summary

16 best tax saving options In 2018

Here you will read about 16 best tax saving options.
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