बचपन की बचत आपके लाड़ले को बना सकती है करोड़पति
बचपन उस मिट्टी के बर्तन जैसा होता है जिसे आप चाहे जिस आकार में चाहें ढ़ाल सकते हैं। बचपन की दी हुई सीख बच्चों को बड़े होने पर भी याद रहती हैं। इसलिए आप उन्हें जैसी शिक्षा देंगे वैसा ही वो आगे चलकर काम करेंगे। इससे पहले की देर हो जाये आप अपने बच्चे को पैसे की अहमियत समझाएं। पैसे को संभालना सिखाएं, आपके बिना उसकी लाइफ कैसे होगी वह कैसे सरवाइव कर सकता है उसके बारे में बताएं। उन्हें पैसे से जुड़ी ये 9 सीख सिखाएँ ताकि वो आगे जाकर वित्तीय रूप से ज़िम्मेदार बने।
पैसे की अहमियत बताएं
यह सीखने वाली एक ज़रूरी बात है कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते हैं, यदि पैसे की अधिकता है तो यह भी कड़ी मेहनत से आया है। उसे महीने के पैसे दें। आपको उसकी किताबों, मेम्बरशिप, ट्रेवल और अन्य बड़े खर्चों का आइडिया रहे ताकि आप पहले से ही इसका इंतजाम रखें।
बजट का निर्णय सब मिलकर करें
आपका बजट आपके पूरे परिवार का मामला है जिसमें बच्चे को भी मालूम होना चाहिए कि उसे कितना खर्च करना है। ज़रूरी है कि आप अपने जीवन में आवश्यक खर्चों और बेकार के खर्चों का आंकलन करें। यदि आपका बच्चा कुछ विलासिता की चीजों पर जाना चाह रहा है तो उसे पार्ट टाइम काम करने के लिए कहें।
उसे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन सिखाएं
बच्चे को इलेक्ट्रोनिक पेमेंट करना, खाते को सुरक्षित रखना, इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट को मैनेज रखना, कैश के बजाय डिजिटल पेमेंट ज़्यादा करना आदि चीजें सिखाएं ताकि उसके लिए आसान रहे। उसे कहें कि वह ये अकाउंट्स आपसे शेयर करें।
बच्चे का पैसे के प्रति रवैया परिवार द्वारा निर्धारित होता है
यदि आप पैसे की अहमियत को समझते हुये हर वित्तीय निर्णय सोच-समझकर लेते हैं तो आपका बच्चा भी यह आदत आपसे सीखेगा। पैसे से जुड़ी अपनी आदतों को परिवार के अनुसार सेट करें ताकि आप समझ सकें कि आपके कॉलेज जाने वाले बच्चे से आपको क्या आशा करनी है।
बच्चे की पैसा खर्च करने की आदत पर साथियों की नज़र रहती है
बच्चा कितना खर्च करता है यह बात साथियों और दोस्तों को पता होती है, और ग्रुप में उससे वैसे ही पैसे खर्च करवाए जाते हैं। उसे बताएं कि आपस में खर्चा बांट लेना ज़्यादा बेहतर है। दोस्तों पर ज़्यादा खर्च करना कतई सही नहीं है।
उन्हें सही समय पर पैसे भेजें
एक निश्चित तारीख निर्धारित करें और इस तारीख को उसे पैसे भेज दें ताकि वह पैसे का इंतज़ार सीखे और वह अपना हिसाब मैनेज रखे। इमरजेंसी के लिए कुछ पैसा सीधा उसके खाते में जमा रखें।
उसे सेफ बैंकिंग के गुर सिखाएं
बच्चे को सुरक्षित बैंकिंग के गुर सिखाते हुये क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन बैंकिंग सिखाएं। उन्हें ये भी बताएं कि यदि डेबिट कार्ड खो जाये तो क्या करना है, मिस यूज का पता कैसे लगाना है।
समय के अनुसार माइनर अकाउंट को मेजर अकाउंट में बदल दें
यदि आपने कोई निवेश किया हुआ है या कोई खाता खोला हुआ है जिसमें वे फ़र्स्ट या सेकंड होल्डर हैं तो 18 साल के बाद वे इसे मैनेज कर सकते हैं। जब वे घर छोड़ें तो आप उनके माइनर अकाउंट को मेजर अकाउंट में बदल दें। उनका साइन बैंक द्वारा अटेस्टेड हो और निश्चित जगह जमा करवा दिया जाये।
उन्हें अपनी फाइनेंशियल फ़्रीडम का आनंद लेने दें
उन्हें बताएं कि कुछ समय बाद वे खुद अपना वित्तीय खर्च उठाएंगे। इस बात को जानने के लिए ज़्यादा उतावले ना हों कि उनकी सैलरी क्या है और दूसरों से तुलना ना करें। वे जो कड़ी कहनत कर रहे हैं उसके प्रतिफल का उन्हें आनंद लेने दें।