नौकरीपेशा लोगों के लिए निवेश के 7 धांसू टिप्स
इन दिनों युवाओं में कम उम्र में नौकरी करने का चलन है ताकि वो अपने निजी खर्चों पर अपने अभिभावकों पर निर्भर न रहें।
आज के दौर में युवा 18 से 20 की उम्र पूरी करते-करते कहीं ना कहीं नौकरी करने ही लगते हैं। चाहे वो पार्ट टाइम जॉब हो या फुल टाइम यही अनुभव उन्हें आगे बड़ी नौकरियां दिलाता है। आम तौर पर युवाओं की कमाई का बड़ा पैसा फिजूल में खर्च हो जाता है और बाद में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां हम युवाओं के लिए कुछ अच्छ निवेश टिप्स के बारे में बता रहें हैं जिसमें वह पैसा लगाकर बचत के साथ-साथ अच्छा रिटर्न भी कमा सकते हैं।
कमाई से करें कुछ बचत
युवाओं को समझना होगा कि वो अपनी हर कमाई में से कुछ बचत करें जोकि बाद में उनके काम में आ सकती है। बचत करने के लिए युवाओं को सही होमवर्क करना बेहद जरूरी है कि वो कहां कितना निवेश करें और उसे किस प्रकार होल्ड करें। इसलिए हम आपको इस लेख में 6 प्रकार की निवेश योजनाओं के बारे में बता रहें हैं जो युवाओं के लिए भविष्य में बेहतर साबित होंगी:
इमरजेंसी फंड
युवाओं की अपनी सैलरी में से कुछ हिस्सा बचाकर इमरजेंसी फंड में रखना चाहिए ताकि सही समय आने पर वो उसका इस्तेमाल कर सकें। इससे वो बाद में दीर्घकाल निवेश भी कर सकते हैं।
हेल्थ कवर
हर कर्मचारी को हेल्थ कवर अवश्य लेना चाहिए, कम से कम इतना तो अवश्य की आवश्यकता पड़ने पर आपकी जेब से कटौती न हो। आप चाहें तो किसी अच्छी हेल्थ पॉलिसी में भी निवेश कर सकते हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंड
इस म्यूचुअल फंड में ज्यादातर निवेश इक्विटी के प्रति होगा। इन फंडों को बेहतर रिटर्न लाने के लिए दीर्घकालिक निवेश हेतू माध्यम के लिए विचाररत होना चाहिए। ये आमतौर पर लंबी अवधि में बैंक की सावधि जमा से रिटर्न से अधिक होते हैं।
स्टॉक
स्टॉक्स में निवेश इस उम्र में किया जा सकता है और इसके बारे में समझ को विकसित भी किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सारी सेविंग्स न लगाएं बल्कि छोटी बचत को ही निवेशित करें।
टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स
टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स, आपको टैक्स में बचत करने में सहायता देगा। इसके लिए आप पीपीएफ, एलईएसएस, कर बचत एफडी आदि को खुलवाएं।
एसआईपी
सिस्टेमेटिक निवेश योजना (एसआईपी) एक बेहतरीन साधन है जिससे आप छोटी-छोटी बचतों को कर सकते हैं। युवा लोगों के लिए ये सबसे बेहतर होता है। एसआईपी रुपये की लागत की अनुमानित अवधारणा का उपयोग करता है। आप हर महीने व्यवस्थित तरीके से निवेश कर सकते हैं, और यह आवर्ती फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह काम करता है। फर्क सिर्फ इतना होता है कि एसआईपी में आप इक्विटी या डेब्ट में म्युचुअल फंड के माध्यम से पैसे रख सकते हैं।