सफल बनने के लिए करें खुद का बिजनेस
कई बार ऐसा होता है कि लोग एक सभ्य जीवन जीना चाहते हैं परन्तु वे दूसरों के लिए काम नहीं करना चाहते। तो हम उन्हें बताते हैं कि उन्हें वास्तव में क्या करना चाहिए। वास्तव में बहुत से लोग जो ऐसा सोचते हैं, वे अपनी राह खुद चुनते हैं और वे स्वरोज़गार को चुनते हैं। साधारण रुप से परिभाषित किया जाए तो स्वनियोजित से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो स्वतंत्र रुप से एक वैध व्यवसाय कर रहे हैं और अपनी पूंजी या धन का उपयोग करके वे अपने कामों के द्वारा अपनी जीविका जीने में सक्षम हैं।
सेल्फ इंप्लॉयमेंट और फ्रीलांसर में अंतर समझे
कुछ लोग अक्सर स्वरोज़गार को फ्रीलांसिंग समझने की गलती करते हैं और ऐसा मानते हैं कि दोनों प्रकार के कॅरियर में बहुत समानताएं हैं परन्तु स्वरोज़गार और फ्रीलांसिंग में मुख्य अंतर यह है कि स्वरोज़गार पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है जबकि फ्रीलांसिंग पूरी तरह से तीसरी पार्टी (किसी अन्य) की इच्छा पर निर्भर करता है। ऐसे लोग जो खुद अपना बॉस बनना चाहत हैं वे अपना व्यवसाय प्रारंभ करते हैं और स्वयं को स्वनियोजित घोषित करते हैं क्योंकि वे अपने कॅरियर पर स्वायत्तता का दावा कर सकते हैं।
परन्तु सभी को स्वरोजगार के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें सब कुछ खुद ही करना पड़ता है। परन्तु बहुत से लोग ये नहीं जानते कि स्वयं के लिए काम करने के कई फायदे होते हैं जैसे वे स्वयं की इच्छा के अनुसार कंपनी चुन सकते हैं। यदि आप कभी अपने कॅरियर में परिवर्तन करके स्वयं का रोज़गार प्रारंभ करना चाहते हैं तो यहाँ हम आपको स्वरोजगार से होने वले फायदों के बारे में बता रहे हैं।
आप अपने काम करने के समय पर नियंत्रण रख सकते हैं
स्वरोजगार का एक मुख्य फायदा यह है कि आपके काम करने के घंटों पर आपका पूर्ण नियंत्रण रहता है। आपको काम पर देरी से पहुंचने की चिंता नहीं रहती और आप ऑफिस जाने और घर लौटने में लगने वाले समय और असुविधा से भी बच जाते हैं। जब आप खुद के लिए काम करते हैं तो आप अपनी गति के अनुसार काम कर सकते हैं और लम्बे ब्रेक का आनंद भी उठा सकते हैं क्योंकि बहुत लम्बे समय तक काम करने से तनाव होता है।
हालांकि इसका यह अर्थ नहीं है कि आप पर कोई निगरानी नहीं रख रहा है तो आप आराम से काम करें। आपको इस लचीलेपन का पूरा फायदा उठाना पड़ेगा और अपने काम को पूरी दक्षता के साथ निपटाना पड़ेगा ताकि आप अधिक फ्री समय का आनंद उठा सकें। इस बात को दिमाग में रखें कि आप कितना कमाएंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितने घंटे काम करते हैं। फिर आपको अपना शेड्यूल निश्चित करना पड़ेगा जिससे आप दिन में कुछ समय के लिए व्यस्त रहें और साथ ही कुछ समय आराम करने और आनंद उठाने के लिए निकाल सकें।
आपको अपने सहकर्मी ढूंढ़ने पड़ेंगे
जिस प्रकार फ्रीलांसर अन्य लोगों के साथ काम करते हैं उसी प्रकार स्वनियोजित होने के कारण आपको भी यह स्वतंत्रता होती है कि आप स्वयं के द्वारा चुने हुए लोगों के साथ बिजनेस करें। क्योंकि आप खुद के बॉस होते हैं और सारे निर्णय आप स्वयं लेते हैं अत: आपको एक समझदार और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि आपका जीवन ऐसे लोगों द्वारा न ख़राब हो जाए जो दिल से काम नहीं करना चाहते। उसी तरह अपने सहकर्मी जुटाते समय सारी पॉवर (ताकत) अपने पास रखें।
यद्यपि आप अपनी जीविका स्वयं कमाने में समर्थ हैं परन्तु एक ऐसा समय आ सकता है जब आप अन्य किसी को अपने साथ जोड़कर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं और उन्हें आपकी सेवा की आवश्यकता भी हो सकती है। जब आप स्वनियोजित होते हैं तो आपको चरित्र को अच्छी तरह पहचानना आना आवश्यक है क्योंकि आप नहीं चाहेंगे कि आपके व्यापार में गलत लोग शामिल हों। याद रखें यदि आपको लगता है कि आप किसी विशेष सौदे में शामिल नहीं होना चाहते तो कोई बात नहीं। ऐसा करके आप आगे आने वाली संभावित समस्याओं से अपनी रक्षा कर रहे हैं।
आप वही काम करें जो आपको अच्छा लगता है
स्वरोजगार का एक अन्य फायदा यह है कि इससे लोग अपना मनपसंद काम कर सकते हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें अच्छे परिणाम मिलते हैं। बहुत से स्वनियोजित व्यक्तियों ने पसंद को एक सफल कारोबार में बदला है जिससे उन्हें आर्थिक सहारा तो मिला ही है बल्कि इस काम के द्वारा वे अपने शौक को भी संभालने में सक्षम हैं। इसे आदर्श माना जाना चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें अपना काम पसंद नहीं होता परन्तु उन्हें ज़बरदस्ती वह करना पड़ता है क्योंकि उन्हें जीविका अर्जन के लिए उसकी आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए यदि आप में लेखन की प्रतिभा है और आप विभिन्न विषयों पर लिख सकते हैं तो आप ऑनलाइन ब्लॉग लिखकर पैसे कमा सकते हैं और आपकी आय आपकी वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों पर निर्भर करेगी। इस तरह की कुछ चीज़ें आपको सही दिशा में ले जा सकती हैं और इसे तब तक पोषण देना पड़ता है जब तक आप इसमें अपनी पकड़ न बना लें। जैसा कि महान चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस कहा है कि "ऐसा काम चुनों जिसे आप प्यार करते हों और फिर आपको ज़िन्दगी में एक भी दिन काम नहीं करना पड़ेगा।"
आप स्वतंत्रतापूर्वक काम कर सकते हैं
स्व-रोज़गार का मूलभूत तथ्य स्वतंत्रता का आनंद है और यही कारण है कि कई लोग अपनी इच्छा से स्वयं को स्व-नियोजित घोषित करते हैं। स्व-नियोजित व्यक्ति को यह बताने वाला कोई नहीं होता कि उन्हें क्या काम करना है, उनका कोई बॉस नहीं होता जो किसी विशेष काम को करने को कहे और यही कारण है कि स्व-नियोजित व्यक्ति के कन्धों पर दूसरों की अपेक्षाओं का बोझ नहीं रहता। उन्हें किसी और को नहीं बल्कि खुद को जवाब देना होता है और स्व-रोज़गार की पूर्ण अवधारणा का सौन्दर्य यही है।
खैर, यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि स्व-नियोजित लोगों के स्वतंत्र स्टेट्स के कारण यदि कोई गलती होती है तो उसके ज़िम्मेदार भी वे ही होते हैं। स्वरोजगार के अपने फायदे और नुकसान हैं और वे लोग जो काफी समय से स्वरोजगार में लगे हुए हैं उन्हें इसमें आने वाली समस्याओं और चुनौतियों के बारे में अच्छी जानकारी होती है। और अगर आप अपने उद्यमी स्वायत्तता के महत्व को मानते हैं तो आपको स्वरोज़गार में आने वाली परेशानियों और समस्याओं से निपटना सीखना होगा।
आप लाइफ पर फोकस करें
स्व-नियोजित व्यक्ति इस बात की शेखी निश्चित रुप से मार सकते हैं कि नौ से पांच का जॉब करने वाले लोगों की तुलना में उन्हें अधिक व्यक्तिगत समय मिलता है। स्वनियोजित व्यक्ति काम/जीवन के संतुलन को आसानी से संतुलित कर सकता है और इससे वे अपने कॅरियर से बिना कोई समझौता किये निजी ज़िन्दगी का आनंद भी उठा सकते हैं। क्यों एक या दूसरी चीज़ चुनें जबकि आप दोनो का आनंद एक साथ उठा सकते हैं।
हालाँकि पहली झलक में यह बहुत अच्छा लगता है परन्तु आपको धीरे धीरे महसूस होता है कि स्वरोजगार के इस क्षेत्र में आपको क्या क्या मिलता है। यदि आप अच्छा प्रयास करेंगे तो आप अच्छी जीविका कम पायेंगे और अपने जीवन को सुखी कर पायेंगे और फिर आप अपने बचे हुए समय में काम के अलावा क्या करते हैं इस पर किसी का कोई जोर नहीं होता। अपनी पसंद का अनुकरण करना आसान होता है। तो यदि आप बहादुर हैं तो स्वरोज़गार को एक मौका देकर अपनी ज़िदगी को अच्छा बनाने का प्रयत्न करें।