सोने (GOLD) पर GST की तीन दरें, जाने कहां कौन सी होगी लागू?
सोना भी अब GST के दायरे में आ गया है पर सोने पर तीन तरह की जीएसटी लागू की गई है।
सोना (GOLD) बेहद कीमती धातु, जिसे भारत में बहुत ही पसंद किया जाता है। यही कारण है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सोने की डिमांड भारत में है। सोना भी अब GST के दायरे में आ गया है पर सोने पर तीन तरह की जीएसटी लागू की गई है। वहीं पुराने सोने को बेचने को लेकर भी निर्णय बदल दिया गया है। आइए देखते हैं सोने पर लगने वाली तीन तरह की जीएसटी कौन सी है और सोना जीएसटी के कौन से स्लैब में आता है।
सोने के गहने
देश में सबसे ज्यादा डिमांड सोने के गहनों की ही है। आम आदमी से लेकर खास आदमी तक सब कभी न कभी सोने के गहने खरीदते हैं। अब सोने के गहने खरीदने पर 3 फीसदी जीएसटी की दर तय की गई। अगर अब आप सोने के गहने खरीदते हैं तो आपको 3 फीसदी जीएसटी देना ही होगा वहीं अगर कोई ज्वैलर्स बिना जीएसटी के सोने के गहने बेचता है तो उसे सजा भी हो सकती है।
सोने के मेकिंग चार्ज पर जीएसटी
यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि सोने पर जीएसटी और सोने के मेकिंग चार्ज पर जीएसटी अलग-अलग है। सोने के गहने पर जहां 3 फीसदी जीएसटी है वहीं सोने के गहनों के मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी की दर तय की गई है। इसलिए सोने के गहने खरीदते वक्त ये ध्यान रखें कि सोने के गहने पर अलग जीएसटी और सोने के मेकिंग चार्ज पर अलग जीएसटी की रसीद आपको मिले। यदि ज्वैलर्स ऐसा नहीं करते हैं तो आप इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
पुराने गहने बेचने पर जीएसटी
अगर आप अपने पुराने सोने के गहनों को किसी ज्वैलर्स को या फिर किसी व्यक्ति को बेंच रहे हैं कि आपतो किसी तरह का जीएसटी नहीं देना होगा। पहले इस तरह के गहने बेचने पर 3 फीसदी जीएसटी की दर तय की गई थी लेकिन अब सरकार ने उस नियम को बदलते हुए पुराने सोने के गहनों को बेचने पर जीएसटी हटा ली है। सरकार का मानना है कि ऐसे गहने किसी लाभ के लिए नहीं बेचे जा रहे हैं ऐसे में सोने के पुराने गहनों को बेचनें पर जीएसटी नहीं लागू होगा।
सोने के बिस्किट पर जीएसटी
सोने के बिस्किट पर जीएसटी की दर सबसे ज्यादा है। सोने के बिस्किट पर 18 फीसदी तक जीएसटी की दर तय की गई है। सोने पर जीएसटी की ये दर सबसे उच्च है। आपको बता दें कि सोने के बिस्किट की खरीद बहुत कम ही लोग करते हैं और ज्यादातर मामलों में सोने के बिस्किट को पिघलाकर सोने के शुद्ध 24 कैरेट के गहने बनाए जाते हैं। इसलिए सोने के बिस्किट पर जीएसटी की दर 18 फीसदी तक रखी गई है।
पुराने सोने के गहनों को दोबारा बनवाने पर जीएसटी
अगर आप सोच रहे हैं कि आप कोई नई ज्वैलरी नहीं खरीदेंगे, लेकिन पुरानी ही ज्वैलरी में थोड़ा और सोना लगवाकर उसे भारी कराएंगे, तो भी आप पर टैक्स लगेगा। दरअसल, यह टैक्स और कुछ नहीं, बल्कि गहनों पर लगने वाला लेबर चार्ज है, जो 5 फीसदी होगा।
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