कैशलेस की बहस के बीच कितना सुरक्षित है डिजिटल पेमेंट?
नोटबंदी के बाद देश में घटी कुछ घटनाओं और एक शोध को देखे तो डिजिटल भुगतान पर प्रश्न उठना लाजिमी है, ये घटनाएं यह सिद्ध कर रही हैं कि साइबर सुरक्षा के मामले में हम अभी भी पीछे हैं।
कालेधन और आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने व देश को लेस कैश इकोनॉमी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी को एक महीना बीता चुका है। नोटबंदी के बाद देश में हर तरफ अफरा-तफरी मची रही। लोग बैंकों और एटीएम के बाहर लाइन में खड़े नजर आए। इस दौरान लोगों को राहत देने के लिए एवं डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को 11 सूत्री पैकेज की घोषणा कर दी।
क्या डिजिटल भुगतान सुरक्षित है?
अगर नोटबंदी के बाद देश में घटी कुछ घटनाओं और एक शोध को देखे तो डिजिटल भुगतान पर प्रश्न उठना लाजिमी है, क्योंकि ये घटनाएं यह सिद्ध कर रही हैं कि साइबर सुरक्षा के मामले में हम अभी भी काफी पीछे हैं। अब हम उन मामलों पर बात करेंगे, जिनके कारण डिजिटल भुगतान असुरक्षित लग रहा है।
राहुल गांधी का ऑफीसियल अकाउंट हैक
सबसे पहले हम कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बात करेंगे। बीते 30 नवंबर को उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट @OfficeOfRG को हैक कर लिया गया था। अकाउंट हैक करने के बाद हैकर ने उनके अकाउंट से कुछ आपत्तिजनक ट्विट भी किए। जिससे कांग्रेस पार्टी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच गई। खैर कुछ देर बाद आपत्तिजनक पोस्ट को हटा दिया गया। इस घटना की स्वंय राहुल गांधी समेत कई अन्य कांग्रेसी नेताओं ने निंदा की।
कांग्रेस पार्टी का अकाउंट हैक
राहुल गांधी के अकाउंट हैक होने के दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी का आफीसियल ट्विटर अकाउंट @INCIndia भी हैक कर लिया गया। इस बार भी हैकर ने अपशब्द भरे कई ट्वीट पोस्ट किए। हालांकि कुछ देर बाद उन ट्वीट्स को हटा दिया गया।
विजय माल्या को बनाया शिकार
अब हम उद्योगपति विजय माल्या का बात करेंगे। 9 दिसंबर शुक्रवार को हैकर ने उनके ट्विटर अकाउंट को भी हैक कर लिया। जिसकी जानकारी खुद माल्या ने दी। उन्होंने ट्विट कर बताया कि उनके ट्विटर अकाउंट के साथ उनके ई-मेल अकाउंट को भी हैक कर लिया गया है। माल्या ने यह भी कहा कि ‘हैकर उन्हें ब्लैकमेल कर भी रहा है।'
लाखों डेबिट कार्ड हुए ब्लॉक
इन तीन घटनाओं के अलावा पिछले एक महीने में डेबिट कार्ड के मामले में हुई बड़ी सुरक्षा चूक भी डिजिटल पेमेंट पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। यह सुरक्षा चूक हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिए हुई थी। इस सुरक्षा चूक के कारण देश भर के लगभग 32 लाख डेबिट कार्ड के डेटा चोरी की आशंका जताई जा रही थी। जिसे देखते हुए बैंकों ने अपने ग्राहकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड या तो ब्लॉक कर दिए थे या वापस मंगवाए थे। अकेले एसबीआई ने छह लाख कार्ड वापस मंगवाए थे। वहीं एचडीएफसी बैंक व यस बैंक ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा तो कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को सलाह दी कि वे किसी भी लेन-देन के लिए केवल अपने बैंक के एटीएम का ही इस्तेमाल करें।
डेबिट कार्ड मात्र 6 सेकेंड में हो सकता हैक
कुछ दिनों पहले न्यूकैसल यूनिवर्सिटी, लंदन की एक रिसर्च में वीसा पेमेंट सिस्टम की खामियों पर चर्चा की गई थी। इस रिसर्च में कहा गया है कि मात्र 6 सेकंड में ही किसी भी डेबिट/क्रेडिट कार्ड को हैक किया जा सकता है और इस चोरी का पता लगाना बैंक और नेटवर्क दोनों के लिए ही मुश्किल है। रिसर्च के अनुसार कार्ड का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हैकिंग को और भी आसान बना देती है। हालांकि रिसर्च में मास्टरकार्ड को सुरक्षा के लिहाज से बेहतर पाया गया।
सरकार ने लिया संज्ञान
इस घटना के बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए ट्विटर से हैक हुए इन अकाउंट का पिछले 6 दिनों की गतिविधियों का ब्यौरा मांगा। जिस पर सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘डीजिटल सुरक्षा को पुख्ता करने के सारे उपाय किए गए हैं, जानकारी मिलते ही कार्रवाई करने को कहा गया है।'