बैंक से लोन पर कैसे करें ईएमआई की गणना?
ज़िन्दगी में उधार लेना बहुत सामान्य बात है। आपकी लगभग सभी आवश्यकताओं के लिए ऋण उपलब्ध हैं। घर से लेकर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं जैसे टी.वी. और लेपटॉप के लिए भी लोन उपलब्ध है। लोन की सहायता से आप इन वस्तुओं को तुरंत खरीद सकते हैं। आपको वस्तु की कुल कीमत के एक छोटे से भाग का ही भुगतान करना पड़ता है।
शेष राशि का भुगतान आप कंज्यूमर फाइनेंस कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले ऋण के माध्यम से कर सकते हैं। ये कंपनियां दी गई समय अवधि में ऋण चुकाने की अनुमति प्रदान करती है। ये कंपनियां इस राशि को बराबर भाग में छोटे छोटे भागों में बाँट देती हैं। हर महीने इस भाग का भुगतान करना पड़ता है। इसे ही ईएमआई या इक्वेटेड मंथली इनस्टालमेंट कहा जाता है। हालाँकि बहुत कम लोग यह जानते हैं कि बैंक इस ईएमआई की गणना कैसे करती है। आइए ईएमआई की गणना कैसे करते हैं, इसे जानने का प्रयत्न करें:
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ईएमआई को समझने के लिए यहाँ कुछ बातें बताई गयी हैं:
1. इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट
ईएमआई पैसे की एक निश्चित राशि होती है जिसका भुगतान आपको हर महीने आपको बैंक को करना होता है जब तक कि आपका लोन खत्म नहीं हो जाता। लोन की सम्पूर्ण राशि को प्रिंसिपल (मूलधन) कहा जाता है। बैंक उधार लिए जाने वाले मूलधन पर ब्याज लगाता है। इस मूलधन का उपयोग ईएमआई की गणना करने में किया जाता है।
2. ईएमआई में क्या शामिल होता है
प्रत्येक ईएमआई में कुछ मात्रा में मूलधन और कुछ मात्रा में ब्याज शामिल होता है। तो जब भी आप ईएमआई की इंस्टालमेंट (किश्त) चुकाते हैं तो समय के साथ साथ मूलधन और ब्याज भी कम होता जाता है।
3. मासिक ब्याज, न कि वार्षिक
प्रत्येक ईएमआई की गणना महीने की ब्याज दर के हिसाब से की जाती है। ब्याज की गणना आपके मूलधन पर प्रतिशत के हिसाब से की जाती है। इस प्रतिशत को ब्याज दर कहा जाता है। सामान्यत: बैंक प्रतिवर्ष के आधार पर ब्याज की गणना करता है। उदाहरण के लिए ब्याज दर 8% होने पर ब्याज शुल्क 0.66% प्रति महीना आता है। इसकी गणना करना बहुत आसान होता है। वार्षिक ब्याज दर को एक साल के महीनों (12 महीने) में बाँट दें। आपको मासिक दर मिल जायेगी।
4. लोन की अवधि
ईएमआई का भुगतान प्रति महीने किया जाता है। तो गणना के लिए आपके लोन को मासिक आधार पर माना जाता है। अत: महीनों की वह संख्या अनिवार्य है जिसके दौरान आपको ब्याज सहित ऋण चुकाना है। उदाहरण के लिए यदि लोन सात वर्षों के लिए लिया गया है तो महीनों की संख्या 84 होगी।
5. ईएमआई की गणना
अब हमारे पास सभी ज़रूरी जानकारी उपलब्ध है, तो अब ईएमआई की गणना की जा सकती है। इसके दो तरीके हैं - एक है एक्सेल शीट का उपयोग करना और दूसरे तरीके में गणना करना थोडा जटिल हो जाता है। एक्सेल समझने के लिए आसान है।
एक्सेल में आप पीएमटी टूल का उपयोग कर सकते हैं। एक नई शीट खोलें, मेन्यु के फॉर्मूला सेक्शन में जाएँ और फाइनेंशियल फार्मूला में से पीएमटी को चुनें। आपको कुछ डाटा डालने के लिए कहा जाएगा। मासिक दर ‘एनपर' डालें या महीनों की संख्या डालें जब तक आपको लोन चुकाना है तथा मूलधन को पीवी सेक्शन में डालें। एफ़वी सेक्शन में ‘0' डालें तथा "पेमेंट एट द एंड ऑफ द पीरियड' विकल्प चुनें। बस इतना ही करना है। एक्सेल आपको मासिक ईएमआई बता देगा।
6. याद रखने लायक बातें
ब्याज दर प्रतिशत में होती है। तो जब भी आप डाटा डालें तो इसे 100 से भाग दे दें। उदाहरण के लिए यदि ब्याज दर 8% है तो एक्सेल में आप 0.08 लिखेंगे ना कि 8। दूसरी बात जब भी आप लोन का भुगतान करें तो महीने के अंत में करें। अत: हमने "पेमेंट एट द एंड ऑफ द पीरियड विकल्प को चुना है। यह महत्वपूर्ण है अन्यथा आपकी ईएमआई की गणना गलत हो जाएगी।
7. उदाहरण
आप कार खरीदने के लिए बैंक से 10 लाख रूपये का लोन लेते हैं। बैंक सात वर्षों के लिए 8% प्रतिशत की दर से ब्याज लगाती है। इस स्थिति में आपका मूलधन 10,00,000 रूपये है। ब्याज दर प्रति महीना 0.66% होगी तथा महीनों की संख्या 84 होगी। अत: लोन के लिए प्रति महीना आपको 15,546.39 रूपये ईएमआई देनी होगी।
8. समझें कि ईएमआई किस प्रकार काम करती है
प्रत्येक ईएमआई में मूलधन और ब्याज शामिल होता है। पहले महीने में ब्याज भुगतान 0.66% की मासिक ब्याज दर और कुल मूलधन होगा। यह 6,600 रूपये होगा। इसका अर्थ यह है कि ईएमआई के 15,546.39 रुपयों में से 8,946.39 रूपये मूलधन के होंगे। अत: अभी भी आपको मूलधन के 9,91,053.61 रूपये चुकाने हैं। अब अगले महीने के लिए ब्याज दर का प्रतिशत इस राशि पर लगेगा। अत: दूसरे महीने ब्याज की राशि 6,540.95 रूपये हो जायेगी। ईएमआई की बाकी की राशि 9,005.44 रूपये मूलधन का भुगतान होगा। इससे आपका मूलधन कम होता जाता है। इस प्रकार ईएमआई में से ब्याज का घटक कम होता जाता है, तथा आपके द्वारा बैंक से लिया गया मूलधन भी कम होता जाता है। हालाँकि प्रतिमाह ईएमआई समान ही रहता है।