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World Bank : भारत को विदेशों में रहने वालों से मिलेगा कम पैसा, जानिए क्यों

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नयी दिल्ली। किसी देश की अर्थव्यवस्था में उन लोगों का बड़ा योगदान होता है जो विदेशों में काम करके अपने देश में पैसा भेजते हैं। खास बात यह है कि भारत इस मामले में अव्वल रहा है। विदेशों में रहने वाले भारतीय अच्छी खासी रकम हर साल देश में अपने परिवारों के पास भेजते हैं। मगर अब वर्ल्ड बैंक ने इस मामले में एक बुरी खबर दी है। बता दें कि विदेशों में रहने वाले देशवासियों द्वारा भेजे गए पैसे को रेमिटेंस (Remittance) कहते हैं। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि भारत को मिलने वाले रेमिटेंस में 23 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। इससे भारत को मिलने वाला रेमिटेंस 2019 में 83 अरब डॉलर से गिर कर 2020 में 64 अरब डॉलर पर आ सकता है। 2018 में भारत को 78.6 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था। गिरावट की वजह है कोरोनावायरस के कारण प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्थाएं। वर्ल्ड बैंक के अनुसार 2020 में वैश्विक रेमिटेंस में 20 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

दक्षिण एशिया का रेमिटेंस भी घटेगा

दक्षिण एशिया का रेमिटेंस भी घटेगा

वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 2019 में 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद इस साल दक्षिण एशिया को मिलने वाले रेमिटेंस में 22 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इस लिहाज से दक्षिण एशिया को इस साल 109 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिलेगा। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में दक्षिण एशियाई क्षेत्र के रेमिटेंस में गिरावट का कारण वैश्विक आर्थिक मंदी है, जिसकी वजह कोरोनवायरस प्रकोप के साथ-साथ तेल की कीमतों में गिरावट है। आर्थिक मंदी का सीधा असर अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देशों से लेकर दक्षिण एशिया तक रेमिटेंस पर पड़ सकता है। तेल की कीमतें गिरने से खाड़ी देशों से आने वाले रेमिटेंस में कम रेमिटेंस मिलेगा।

इन देशों और राज्यों को मिलता है अधिक रेमिटेंस
 

इन देशों और राज्यों को मिलता है अधिक रेमिटेंस

भारत, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान वे दक्षिण एशियाई हैं जो अधिक रेमिटेंस हासिल करते हैं। वहीं आरबीआई के मुताबिक भारत के जिन राज्यों को अधिक रेमिटेंस मिलता है उनमें केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं। विश्व बैंक ने कहा कि हाल के सालों में रेमिटेंस में अनुमानित गिरावट सबसे अधिक होगी। किसी भी मेजबान देश में आर्थिक संकट के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार और मजदूरी का नुकसान अधिक हो रहा है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों को रेमिटेंस 19.7 प्रतिशत घट कर 445 अरब डॉलर मिलने का अनुमान है। इन देशों को 2019 में 554 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था।

इन देशों के लिए जरूरी है रेमिटेंस

इन देशों के लिए जरूरी है रेमिटेंस

विश्व बैंक के मुताबिक रेमिटेंस कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीबी को कम करने के अलावा शिक्षा पर अधिक खर्च और पिछड़े परिवारों में बाल श्रम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ल्ड बैंक के अनुसार रेमिटेंस में गिरावट से इन क्षेत्रों में परिवारों की खर्च करने की क्षमता प्रभावित होगी, क्योंकि ऐसी स्थिति में रेमिटेंस पर आश्रित परिवार खाने और आजीविका की जरूरतों को हल करने के लिए खर्च करेंगे।

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English summary

World Bank India will get less Remittance from people living abroad know why

People who send money to their country by working abroad have a big contribution in the economy of a country. The special thing (Remittance) is that India has topped the matter. But now the remittance to India is expected to fall by 23 percent.
Story first published: Thursday, April 23, 2020, 19:24 [IST]
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