अजब-गजब : साल भर की सैलेरी मिलेगी बैठे-बैठे, ये कंपनी दे रही तोहफा
नई दिल्ली, जून 21। अगर आपको बिना ऑफिस जाए और कुछ काम किए पूरे साल की सैलेरी मिल जाए तो कैसा रहेगा? दरअसल एक ऐसा ही ऐलान एक कंपनी ने किया है। बता दें कि इंटरनेट कॉमर्स कंपनी मीशो ने नई अनलिमिटेड लीव पॉलिसी की शुरुआत की है। यह पॉलिसी कंपनी के कर्मचारियों को 365 दिनों तक की पेड लीव (बिना पैसे कटे मिलने वाली छुट्टी) का लाभ उठाने में मदद करेगी। मगर यह तब लागू होगी जब कोई कर्मचारी या उनके परिवार आदि में कोई किसी गंभीर बीमारी से प्रभावित हो जाए, जिसके लिए बार-बार या लगातार अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो।
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इन लोगों के भी आएगी काम
यह पॉलिसी उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होती है जो अपने किसी पैशन या लक्ष्य का पीछा करने के लिए समय निकालना चाहते हैं। गौरतलब है कि कर्मचारी स्वयं बीमारी के लिए छुट्टी के पूरे कार्यकाल के दौरान पूरे वेतन भुगतान के हकदार होंगे, जबकि परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के लिए तीन महीने के लिए उन्हें 25 फीसदी तक सैलेरी मिलेगी।
मिलेंगे बाकी फायदे
सैलेरी के अलावा कर्मचारियों को अन्य महत्वपूर्ण लाभ मिलते रहेंगे। इनमें पीएफ का योगदान, बीमा और अतिरिक्त चिकित्सा बेनेफिट शामिल हैं। जो लोग नॉन-मेडिकल कारणों से समय निकाल रहे हैं, उनके लिए छुट्टी का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह पहल कंपनी के 'मीकेयर' कार्यक्रम का हिस्सा है जिसका उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए वेल-बीइंग को बढ़ावा देना है।
क्या है प्रोग्राम
मीशो का यह प्रोग्राम पॉलिसीज, बेनेफिट्स और अन्य इंटरवेंशंस के कॉम्बिनेशन के माध्यम से वेलनेस इनिशिएटिव के ब्रॉड स्पेक्ट्रम को शामिल करता है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के सीएचआरओ आशीष कुमार सिंह के मुताबिक हम ऐसे मामले देख रहे थे जहां कर्मचारियों को पर्सनल पैशन के लिए लंबी छुट्टी की आवश्यकता थी या अगर वे बीमार थे, या परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार था, तो उन्हें लंबी छुट्टी की आवश्यकता थी। यह नई नीति कर्मचारियों की ऐसी जरूरतों के लिए।
एप्रेजल के लिए भी पात्र
सभी फंडामेंटल बेनेफिट के साथ कर्मचारी जिस समय काम कर रहे थे उसी के अनुसार एप्रेजल साइकिल के लिए भी पात्र होंगे। कर्मचारियों को आसानी से काम पर वापस लाने और करियर को फिर से एक्टिव करने में मदद करने के उद्देश्य से, उन्हें उसी पोस्ट में काम पर रखा जाएगा, जिस पर पहले वे काम कर रहे थे।
कितने हैं कर्मचारी
मीशो के नये प्रोग्राम के तहत कर्मचारी को उस पद के अभाव में, जिस पर वो काम कर रहा था, दूसरी टीम के अंदर उसकी पसंद की उसी जैसी भूमिका में रखा जाएगा। बेंगलुरु की इस फर्म में करीब 2,000 कर्मचारी हैं। पिछले साल अप्रैल में, जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप के नेतृत्व में एक फंडिंग राउंड में 300 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद कंपनी यूनिकॉर्न बन गई। मीशो एक ऑनलाइन रीसेलिंग प्लेटफॉर्म के रूप में काम करता है जो किसी को भी बिना निवेश के बिजनेस शुरू करने में सक्षम बनाता है। मीशो एक बिजनेस प्लेटफॉर्म है जिस पर पूरे भारत में 26 लाख से अधिक रीसेलर्स का भरोसा है। कंपनी की स्थापना 2015 में विदित आत्रे और संजीव बरनवा ने की थी और इसका मुख्यालय बैंगलोर, कर्नाटक में है।