1 फरवरी को ही क्यों पेश किया जाता है Budget, जानिए खास वजह
नई दिल्ली, जनवरी 15। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को अपना चौथा बजट पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बार का बजट कोविड महामारी की तीसरी लहर के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे का रास्ता तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। हर कोई जानता है कि बजट एक महत्वपूर्ण चीज है, मगर क्या आपने कभी सोचा है कि इसे हर साल 1 फरवरी को सुबह 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है? इस खबर में हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे।
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2017 में हुई थी शुरुआत
यह बदलाव 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान हुआ था। इससे पहले फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर केंद्रीय बजट पेश किया जाता था। मगर 2017 में इस परंपरा को खत्म कर दिया गया। 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बजट अब 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इसके समय में भी बदलाव किया गया।
शाम 5 बजे से सुबह 11 बजे
इससे पहले, केंद्रीय बजट की घोषणा फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर शाम 5 बजे की जाती थी, और यह तरीका 1999 तक बरकरार रहा। ये चलन एक परंपरा के रूप में जारी था जिसे ब्रिटिश राज के दौरान लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने सांसदों के अनुसार कैरीओवर किया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नई दिल्ली (ग्रीनविच मीन टाइम से +5.30 घंटे आगे) और वेस्टमिंस्टर, यूके के बीच समय-क्षेत्र का अंतर था। भारतीय समय क्षेत्र बीएसटी (ब्रिटिश ग्रीष्मकालीन समय) से 4.5 घंटे आगे था।
कब बदला समय
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान 1998 से 2002 तक भारत के वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1999 के केंद्रीय बजट को सुबह 11 बजे पेश करके पुराने चलन को बदल दिया। इस कदम के पीछे विचार यह था कि समय के बदलाव से बजट में पेश किए गए नंबरों और घोषणाओं का बेहतर विश्लेषण हो सकता है और बजट पर बेहतर तर्कसंगत बहस हो सकती है। इस अनुरोध पर ध्यान दिया गया और 27 फरवरी, 1999 को सिन्हा ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार सुबह 11 बजे बजट पेश किया।