रिलायंस को क्यों पड़ी 14,370 करोड़ रुपये के लोन की जरूरत, जानें यहां
नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी और दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज 2 अरब डॉलर यानी करीब 14,370 करोड़ रुपये का लोन लेने की योजना बना रही है। रिलायंस यह लोन देश नहीं बल्कि विदेशी सिंडिकेट से लेगी। इस लोन के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज का प्लान अपने टेलीकॉम और पेट्रोलियम कारोबार के खर्चों की पूर्ति करना है। जानकारी के लिए बता दें कि यह वित्त वर्ष 2019-20 में किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा सबसे अधिक पूँजी जुटाने का प्रयास होगा। रिलायंस इस समय कम से कम 1 दर्जन विदेशी बैंकों के साथ लोन लेने के लिए बातचीत कर रही है। इन बैंकों में बार्कलेज, सिटीग्रुप, जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्टेनली और एमयूएफजी शामिल हैं। रिलायंस फरवरी के मध्य में लोन की प्रोसेस शुरू कर सकती है।
क्या है रिलायंस का प्लान
देश के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस 14,370 करोड़ रुपये का लोन एक बार या एक से अधिक बार में भी जुटा सकती है। मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक लोन के लिए शुरुआती बातचीत शुरू हो चुकी है। उनका कहना है कि लोन लेने का प्रोसेस वित्त वर्ष खत्म होने से पहले पूरा कर लिया जायेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रिलायंस अपनी टेलीकॉम कंपनी जियो का भी विस्तार करने पर ध्यान दे रही है। जियो ने वाई-फाई कॉलिंग सर्विस शुरू की है, जिसमें बिना नेटवर्क के फोन से ही कॉल हो सकेगी।
कैसी है रिलायंस की स्थिति
इससे पहले रिलायंस ने पिछले साल 1.85 अरब डॉलर जुटाये थे। मार्च 2019 को रिलायंस पर 1.5 लाख करोड़ रुपये का लोन था। इसके बाद अगस्त 2019 में मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को आश्वासन दिया था कि कंपनी अगले 18 महीनों में एक कर्ज वाली कंपनी बन जायेगी। रिलायंस ने यह भी कहा था कि वह अपने तेल और पेट्रोलियम कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत कर रही है।
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