9 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, पर खुदरा महंगाई हुई कम
नयी दिल्ली। पिछले महीने यानी नवंबर में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) में लगातार चौथे महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई। नवंबर में थोक महंगाई दर 1.55 फीसदी रही, जो इसके पिछले 9 महीनों का उच्चतम स्तर है। इस बात का खुलासा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए डेटा में हुआ है। हालांकि इस दौरान खुदरा महंगाई कम हुई। अक्टूबर में खुदरा महंगाई 7.61 फीसदी से कम होकर नवंबर में 6.93 फीसदी रह गई। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 1.48 फीसदी रही थी। निर्मित उत्पादों के महंगे हो जाने से अक्टूबर में थोक महंगाई दर 8 महीनों के शिखर पर पहुंच गई थी।
खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई घटी
पिछले साल नवंबर में थोक महंगाई दर 0.58 फीसदी थी। बता दें कि खाद्य उत्पादों पर थोक महंगाई घटी है। इस साल अक्टूबर में ये 5.78 फीसदी थी, जो नवंबर में गिर कर 4.27 फीसदी रह गई। प्राइमरी आर्टिकल इंफ्लेशन 4.74 फीसदी से घट कर 2.72 फीसदी रह गया, जबकि मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों पर महंगाई अक्टूबर में 2.12 फीसदी से बढ़ कर नवंबर में 2.97 फीसदी हो गई। अक्टूबर 2020 में -10.95 प्रतिशत की तुलना में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति -9.87 प्रतिशत हो गई।
खाद्य उत्पादों पर खुदरा महंगाई
खाद्य उत्पादों पर खुदरा महंगाई कम हुई है। अक्टूबर में ये 11 फीसदी पर थी, जो नवंबर में गिर कर 9.43 फीसदी रह गई। बता दें कि खाद्य उत्पादों पर खुदरा महंगाई पिछले कुछ महीनों से दोहरे अंकों में ही चल रही थी।
सितंबर में कितनी थोक महंगाई
सितंबर में थोक महंगाई दर 1.32 फीसदी दर्ज की गई थी। पिछले साल अक्टूबर में ये जीरो फीसदी थी। इस साल फरवरी में थोक महंगाई 2.26 फीसदी रही थी। फरवरी के बाद नवंबर में रही 1.55 फीसदी थोक महंगाई का सबसे ऊंचा स्तर है। अक्टूबर में थोक महंगाई खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी के कारण बढ़ी थी। तब थोक महंगाई दर सब्जी, वेजिटेबल ऑयल, स्टील और बेसिक मेटल ने थोक महंगाई के कारण बढ़ी थी।
आईआईपी में हुआ सुधार
इससे पहले सामने आए भारत के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के सकारात्मक आंकड़े सामने आए थे। अक्टूबर में आईआईपी 8 महीनों में उच्चतम स्तर पर पहुँच गया था। आईआईपी में अक्टूबर में 3.6 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई।
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