थोक महंगाई दर अक्टूबर में 0.33% से घटकर 0.16% पर आई
थोक महंगाई को मोर्चे पर सरकार को राहत मिलती दिख रही है। सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर में थोक महंगाई 0.33 फीसदी से घटकर 0.16 फीसदी पर आ गई है।
नई दिल्ली: थोक महंगाई को मोर्चे पर सरकार को राहत मिलती दिख रही है। सितंबर महीने के मुकाबले अक्टूबर में थोक महंगाई 0.33 फीसदी से घटकर 0.16 फीसदी पर आ गई है। जबकि एक साल पहले अक्टूबर महीने में महंगाई दर 5.54 फीसदी पर थी। इस लिहाज से 5.38 फीसदी की बड़ी गिरावट है। थोक महंगाई के ताजा आंकड़े 40 माह के सबसे निचले स्तर पर हैं। यह एक राहत की खबर है। सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक लगातार पांचवें महीने थोक महंगाई की दर में गिरावट जारी है। थोक महंगाई को कम करने में मैन्यूफैक्चरिंग वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का अहम योगदान रहा।
अक्टूबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेगमेंट में महंगाई नहीं रही, बल्कि कीमतों में औसत 0.84 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गईं। पिछले साल इस सेगमेंट में 4.57 प्रतिशत महंगाई दर्ज की गई थी। थोक वस्तु सूचकांक में मैन्यूफैक्चरिंग सेगमेंट का सर्वाधिक 64.23 प्रतिशत योगदान होता है। यानी, मोटे तौर पर मैन्यूफैक्चरिंग सेगमेंट से ही यह तय होता है कि थोक महंगाई कितनी होगी।
पिछले छह महीने में सर्वाधिक महंगाई दर्ज
खाद्य वस्तु सेगमेंट में पिछले छह महीने में सर्वाधिक महंगाई दर्ज की गई है। थोक खाद्य महंगाई अक्टूबर में 9.80 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 7.47 प्रतिशत थी। पिछले साल अक्टूबर में खाद्य सेगमेंट में समग्र तौर पर महंगाई नहीं थी और इस उपसूचकांक में पिछले साल औसत 1.42 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी।
अक्टूबर में प्याज की महंगाई दर 119.84 प्रतिशत दर्ज
प्याज की महंगाई दर अक्टूबर में 119.84 प्रतिशत दर्ज की गई। जबकि सितंबर में भी प्याज की महंगाई 122.40 प्रतिशत थी। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में प्याज की कीमत में 31.69 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी।
पिछले आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट औद्योगिक उत्पादन में
बता दें कि हाल ही में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी हुए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक सितंबर महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 4.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जबकि अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 1.1 फीसदी की गिरावट आई थी। यह पिछले आठ साल की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले आईआईपी ने अक्टूबर 2011 में इससे निचला स्तर छुआ था, जब आइआइपी में 5 फीसदी गिरावट आई थी।