बड़ी राहत : थोक महंगाई काबू में आई, जानिए सितंबर के आंकड़े
Inflation in India: भारत की वार्षिक थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति (WPI) सितंबर में घटकर 10.70 प्रतिशत हो गई है। अगस्त 2022 में यह 12.41 प्रतिशत थी। पिछले साल सितंबर में थोक महंगाई दर 11.8 प्रतिशत थी। शुक्रवार को जारी सरकारी आकड़ो से यह जानकारी मिली है।
Infosys ने बना डाला नया रिकॉर्ड, बनी देश की चौथी टॉप कंपनी
पिछले 18 महीने से डबल डिजिट में है महंगाई
सितंबर डबल डिजिट WPI मुद्रास्फीति का लगातार 18वां महीना है। इस साल मई में थोक महंगाई दर 15.88 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहूच गई थी। डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति भी सितंबर 2022 में घटकर 8.08 प्रतिशत हो गई है। यह अगस्त 2022 में 9.93 प्रतिशत थी। हालांकि, सितंबर महीने में सब्जियों के मुद्रास्फीति में बढ़ोत्तरी हुई है। यह अगस्त में 22.29 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 39.66 प्रतिशत रही है।
सितंबर में घटी है थोक महंगाई
सितंबर 2022 के मुद्रास्फीति मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, खाद्य पदार्थों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, बुनियादी धातुओं, बिजली, वस्त्र आदि की कीमतों में वृद्धि का योगदान है। ईंधन और बिजली के उत्पादो में मुद्रास्फीति सितंबर में कम होकर 32.61 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि अगस्त में यह 33.67 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में मुद्रास्फिति क्रमशः 6.34 प्रतिशत और 16.55 प्रतिशत थी।
सितंबर में बढ़ी है खुदरा महंगाई
इस हफ्ते की शुरुआत में, सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में पांच महीने के उच्च स्तर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है। खुदरा मुद्रास्फिती खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रेरित थी। खुदरा महंगाई से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर कीमतों में धीमी वृद्धि के लिए आक्रामक तरीके से कार्य करने का दबाव बढ़ गया। मुद्रास्फीति लगातार नौवें महीने आरबीआई के 6 प्रतिशत के अपर बैंड से अधिक बनी हुई है। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि पिछले साल के कम आधार के कारण अगले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत के करीब हो जाएगी।